लखनऊ : बेनामी सम्पत्ति के आरोप के मामले में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी की सास मीरा पांडेय की याचिका पर अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी. शुक्रवार को समय की कमी के कारण सुनवाई पूरी न हो पाने पर न्यायालय ने मामले को 23 जनवरी को दोपहर बाद 3 बजे के लिए नियत करने का आदेश दिया है.
यह आदेश न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा व न्यायमूर्ति मनीष कुमार की खंडपीठ ने मीरा पांडेय की ओर से दाखिल याचिका पर दिया है. याची ने 5 जनवरी 2023 को आयकर विभाग की ओर से जारी नेटिस और बेनामी संपत्ति के प्रोविजनल अटैचमेंट आदेश को चुनौती दी है. याची के वरिष्ठ अधिवक्ता जेएन माथुर, अभिनव नारायण त्रिवेदी व मुदित अग्रवाल का तर्क है कि आयकर विभाग की कार्यवाही गलत है. वहीं आयकर विभाग की ओर से दलील दी जा रही है कि उसकी कार्यवाही पूर्णतया विधिक है, क्योंकि कथित बेनामी सम्पत्ति के लाभार्थी एलडीए उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ही हैं.
उल्लेखनीय है कि 19 जनवरी को सुनवाई के दौरान न्यायालय ने याची को आयकर विभाग की नोटिस का जवाब देने को कहा था. दरअसल याची की ओर से अनुरोध किया गया था कि नोटिस में जवाब देने का समय शुक्रवार को समाप्त हो जाएगा, लिहाजा उसे फिलहाल कोई अंतरिम राहत दी जाए. हालांकि न्यायालय ने इससे इंकार कर दिया. उल्लेखनीय है कि मामला जियामऊ, विक्रमादित्य वार्ड के सृजन विहार कॉलोनी की एक सम्पत्ति का है. 3680 वर्ग फुट की उक्त सम्पत्ति 23 अप्रैल 2016 को मीरा पांडेय के नाम से 82 लाख रुपये में खरीदी गई थी. आयकर विभाग का आरोप है कि मीरा पांडेय ने की वर्ष 2015-16 में कुल आय 7.30 लाख थी और यही नहीं उक्त सम्पत्ति पर ढाई मंजिल के मकान के निर्माण में भी एक करोड़ पांच लाख रुपये खर्चने का आरोप है.