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राजधानी लखनऊ में प्लास्टिक की सड़क पर फर्राटा भरेंगे वाहन

लखनऊ में प्लास्टिक कचरे का प्रयोग करके बनाई जा रही सड़क भविष्य के लिए एक बेहतर परिणाम लेकर आएगी. फिलहाल अभी तो इस सड़क का निर्माण सिर्फ एक किलोमीटर के लिए ही किया जा रहा है, लेकिन आगे चलकर यह प्रोजेक्ट काफी ऐतिहासिक और पर्यावरण प्रेमी साबित होने वाला है.

सडक निर्माण की जानकारी देते चीफ इंजीनियर.
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Published : Jun 9, 2019, 2:53 PM IST

लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ को नजाकत और नफासत के लिए जाना जाता है. वहीं अब लखनऊ की पहचान में एक और खास चीज जुड़ने जा रही है, जो लखनऊ को आधुनिकता का आभास कराएगी. हाल ही में बने हाइटेक तकनीक से लैस यूपी पुलिस के हेडक्वार्टर सिग्नेचर बिल्डिंग के सामने के एक किलोमीटर तक की सड़क को प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग कर बनाया जाएगा.

सड़क निर्माण की जानकारी देते चीफ इंजीनियर.

एलडीए के चीफ इंजीनियर डॉ. इंदु शेखर सिंह का कहना है कि इससे रोड की क्वालिटी बढ़ती है. इसकी लाइफ में बढ़ोतरी के साथ एक और फायदा है कि इसके लिए हमें किसी तरह के अन्य खर्च की जरूरत नहीं होगी. साथ ही शहर के प्लास्टिक प्रबंधन में भी इससे काफी फायदा मिलेगा.

डॉ. इंदु शेखर बताते हैं कि इसकी शुरुआत सिग्नेचर बिल्डिंग के सामने एक किलोमीटर लंबी फोर लेन सड़क बनाने के साथ की जाएगी. इसके लिए 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलीथीन का इस्तेमाल किया जाएगा. इस प्लास्टिक वेस्ट को छोटे-छोटे टुकड़ों में तैयार कर मिक्सिंग प्लांट में डाला जाएगा, जिससे सड़क का निर्माण होगा.

लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ को नजाकत और नफासत के लिए जाना जाता है. वहीं अब लखनऊ की पहचान में एक और खास चीज जुड़ने जा रही है, जो लखनऊ को आधुनिकता का आभास कराएगी. हाल ही में बने हाइटेक तकनीक से लैस यूपी पुलिस के हेडक्वार्टर सिग्नेचर बिल्डिंग के सामने के एक किलोमीटर तक की सड़क को प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग कर बनाया जाएगा.

सड़क निर्माण की जानकारी देते चीफ इंजीनियर.

एलडीए के चीफ इंजीनियर डॉ. इंदु शेखर सिंह का कहना है कि इससे रोड की क्वालिटी बढ़ती है. इसकी लाइफ में बढ़ोतरी के साथ एक और फायदा है कि इसके लिए हमें किसी तरह के अन्य खर्च की जरूरत नहीं होगी. साथ ही शहर के प्लास्टिक प्रबंधन में भी इससे काफी फायदा मिलेगा.

डॉ. इंदु शेखर बताते हैं कि इसकी शुरुआत सिग्नेचर बिल्डिंग के सामने एक किलोमीटर लंबी फोर लेन सड़क बनाने के साथ की जाएगी. इसके लिए 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले पॉलीथीन का इस्तेमाल किया जाएगा. इस प्लास्टिक वेस्ट को छोटे-छोटे टुकड़ों में तैयार कर मिक्सिंग प्लांट में डाला जाएगा, जिससे सड़क का निर्माण होगा.

Intro:up_lkn_plastic road_7203778

फीड एफटीपी से भेजी गई है.



लखनऊ. राजधानी लखनऊ में सड़क निर्माण की दिशा में क्रांतिकारी प्रयोग होने जा रहा है. पुलिस हेड क्वार्टर के तौर पर तैयार हुई राजधानी की सिगनेचर बिल्डिंग के पास लखनऊ विकास प्राधिकरण एक ऐसी सड़क बनाने जा रहा है जिसमें प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा. प्रदेश में पहली बार सड़क निर्माण में प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल होगा.


Body:लखनऊ विकास प्राधिकरण सिगनेचर बिल्डिंग के पास जो सड़क बनाने जा रहा है वह चार लाइन की है और 1 किलोमीटर लंबी है इसका मतलब है कि 4 किलोमीटर की सड़क को प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल कर बनाया जाएगा लखनऊ विकास प्राधिकरण के इंजीनियरों के अनुसार 1 किलोमीटर की लंबाई में सड़क निर्माण करने पर टर्न तारकोल का इस्तेमाल करना पड़ता है .इंडियन रोड कांग्रेस और सड़क निर्माण की आधुनिक तकनीक से मिली जानकारी के अनुसार जो सड़क बनाई जा रही है उसमें 10 फ़ीसदी यानी प्रति किलोमीटर 1 टन प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल किया जाएगा इससे सड़क की मजबूती भी बढ़ेगी और लागत भी कम हो जाएगी.
बाइट/ डॉ इंदु शेखर सिंह चीफ इंजीनियर लखनऊ विकास प्राधिकरण


Conclusion:प्लास्टिक वेस्ट का इस्तेमाल कर बनाई जाने वाली सड़क में 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाली पॉलीथिन का इस्तेमाल किया जाएगा नगर निगम ने पिछले दिनों प्लास्टिक के खिलाफ चलाए गए अभियान के तहत बड़ी मात्रा में 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाली पॉलीथिन को बरामद किया है एलडीए के इंजीनियरों के अनुसार प्लास्टिक वेस्ट को छोटे-छोटे टुकड़ों में तैयार कर तारकोल के साथ मिक्सिंग प्लांट में मिलाया जाएगा और फिर सड़क के निर्माण में इस्तेमाल किया जाएगा पुलिस मुख्यालय के सामने बनने वाली सड़क के बाद आई आई एम लखनऊ के पास भी ऐसी ही सड़क का निर्माण किया जाएगा।

पीटीसी अखिलेश तिवारी
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