लखनऊः राजधानी लखनऊ के एमआई बिल्डर मामले में मुख्यमंत्री से शिकायत के बाद एलडीए ने अपना पल्ला झाड़ लिया है. एलडीए ने बिल्डर का अवैध नक्शा पास किया था जबकि जमीन आवास विकास योजना की थी. लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मामले की जब जांच की बात कही तो लखनऊ विकास प्राधिकरण ने मामला आवास विकास बता कर अपने को पूरे मामले से किनारा कर लिया है. जबकि इस मामले में खुद एलडीए वीसी सुनवाई कर रहे हैं और कई बैठकें भी हो गयी हैं.
लखनऊ जनकल्याण महासमिति ने की जांच की मांग
लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने कहा कि आवास विकास का क्षेत्र होने के बावजूद एलडीए ने अनाधिकृत तरीके से नक्शा पास कर दिया था. धन प्रकाश बुधराजा एवं उनकी पत्नी नीलू बुधराजा के स्वामित्व की भूमि (भूमि खसरा संख्या 783, 784, 791, 805, 801, 802, 803 तथा 799 कुल क्षेत्रफल 30727 SQM ग्राम - सरसवां, सुल्तानपुर रोड, थाना - गोसाईंगंज, लखनऊ) पर मेसर्स एमआई बिल्डर्स प्रा.लि. ने कूटरचित ढंग से लखनऊ विकास प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों की संलिप्तता के आधार पर नक्शा पास कराया था.
अवैध तरीके से जमीन पर कब्जा
6074 वर्गमीटर के बिल्डर एग्रीमेंट (एक बिल्डर एग्रीमेंट 6000SQM + दूसरा बिल्डर एग्रीमेंट 74.349SQM दिनांक 22.04.2015 को कूटरचित करके 31737 वर्गमीटर का गलत तथ्य (Misrepresent) दर्शा करके. उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद के क्षेत्राधिकार की भूमि पर (वर्ष 2012 से 2017) में M I Central Park आवास परियोजना का अवैधानिक, नियमविरुद्ध, अनाधिकृत व अधिकारिता विहीन मानचित्र (LDA Permit No. 38618 दिनांकित 07.08.2015), स्वीकृत करवाकर अवैध व गैर कानूनी तरीके से कब्ज़ा कर लिया है.
यूपी रेरा ने भी जारी किया था कारण बताओ नोटिस
गौरतलब है कि UP RERA ने 29 जून, 2020 को स्वतः स्पष्ट कारण बताओ नोटिस जारी किया था. यह भूमि उप्र आवास एवं विकास परिषद योजना में सम्मिलित है और नक्शा पास करने का अधिकार परिषद को है. लेकिन तथ्यों को छिपाकर बिल्डर और एलडीए की मिलीभगत से यह भ्रष्टाचार हुआ है. मामले की मुख्यमंत्री से शिकायत होते ही एलडीए ने अपना पल्ला झाड़ लिया है.