लखनऊ: हजरतगंज में लेवाना होटल अग्निकांड (levana fire accident) में पांच लोगों की मौत के बाद एलडीए की कार्रवाई ठंडी पड़ गई. शहर भर के अवैध होटल धड़ल्ले से संचालित हैं. यहां तक की लेवाना ग्रुप के दूसरे अवैध होटल पर भी एक्शन नहीं लिया गया है. इससे एलडीए अफसरों की नीयत पर सवाल उठ रहे हैं. इस बारे में लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ इंद्रमणि त्रिपाठी का कहना है कि लेवाना अग्निकांड के बाद उन्होंने 120 अवैध इमारतों और निर्माणों के खिलाफ एक्शन किया. मगर उपाध्यक्ष इस बात पर मौन है कि लखनऊ में संचालित होटलों पर कितना एक्शन हुआ है.
लेवाना अग्निकांड को डेढ़ माह बीत चुके है. इस घटना के बाद लखनऊ के 150 होटलों की लिस्ट तैयार की गई थी. मगर जब कार्रवाई की बात आती है तो मामला ठंडा दिखा. बता दें कि चारबाग से लेकर गोमतीनगर और कानपुर रोड से पुराने लखनऊ तक सैकड़ों ऐसे होटल हैं, जहां अवैध निर्माण किया गया है. यहां अग्निश्मन मानक और नक्शे के विपरीत निर्माण किया गया है. ये सभी होटल वैसे ही संचालित हैं जैसे पहले हुआ करते थे. कोई भी बदलाव नहीं आया है.
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि लेवाना अग्निकांड के बाद हाईकोर्ट में इस मामले की पैरवी चल रही है. इसको लेकर हम पूरी मुस्तैदी से कार्रवाई कर रहे हैं. पिछले करीब डेढ़ महीने में 120 अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. जबकि होटलों पर भी हम जल्द कार्रवाई करेंगे.
दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई का कहना है कि पूरे प्रदेश में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि होटलों संबंधित रिपोर्ट भी मांगी गई हैं. जब सभी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी तब उन पर भी कार्रवाई की जाएगी. वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता फखरुल हसन चांद का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी सरकार में केवल विपक्ष के लोगों को परेशान करने के लिए ही अवैध निर्माण पर कार्रवाई की बात की जाती है. मगर वास्तविक कार्रवाई करने की बात जब आती है, तब बुलडोजर शांत हो जाता है.
यह भी पढ़ें: होटल लेवाना अग्निकांड में गलतबयानी पर एलडीए कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष निलंबित