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वकीलों की हड़ताल का राजधानी में दिखा असर, कोर्ट परिसर में फैला सन्नाटा - लखनऊ खबर

राजधानी लखनऊ में गुरुवार को अधिवक्ताओं ने पूरी तरह से कार्य का बहिष्कार किया. अधिवक्ताओं का कहना है कि उनकी समस्याओं को सरकार गंभीरता से नहीं ले रही है, जिसको लेकर 1 दिन का सांकेतिक धरना दिया गया.

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वकीलों की हड़ताल का राजधानी में दिखा असर.
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Published : Jan 16, 2020, 5:14 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में वकीलों की हड़ताल का असर राजधानी लखनऊ में भी देखने को मिला. यूपी बार काउंसिल के चेयरमैन हरिशंकर सिंह ने वकीलों से जुड़े कई मुद्दों को लेकर प्रदेश व्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. इसके बाद राजधानी के अधिवक्ताओं ने पूरी तरह से कार्य का बहिष्कार किया, जिससे कोर्ट परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है.

वकीलों की हड़ताल का राजधानी में दिखा असर.
यूपी बार काउंसलिंग की तरफ से कार्य का बहिष्कारसेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदेश सिंह का कहना है कि लगातार अधिवक्ताओं की हत्या हो रही है. वकिलों पर झुठे मुकदमें लिखे जा रहे हैं. कोर्ट परिसर में परंपरा की दुश्वारियां हैं, जिसको लेकर प्रदेश सरकार गंभीर नहीं है. शासन प्रशासन स्तर पर शिकायत करने के बावजूद भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है. इसके विरोध में आज 1 दिन का सांकेतिक धरना दिया गया है. यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो इसी तरह से बेड काउंसलिंग के आह्वान पर कार्य बंद रहेगा.


नहीं सुनी जा रही हैं वकीलों की समस्यायें
सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री संजीव पाण्डे का कहना है कि वकीलों की समस्याओं से जुड़े 15 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया गया था. अभी तक वकीलों से जुड़ी समस्याओं को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं. इसके विरोध में गुरुवार से धरने की शुरुआत हो चुकी है. यदि जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो बड़े स्तर पर कार्य बहिष्कार किया जा सकता है.


इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: डिफेंस एक्सपो के लिए शहर भर में बनेंगे अस्थायी अस्पताल, तैयारियों पर हुई बैठक

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में वकीलों की हड़ताल का असर राजधानी लखनऊ में भी देखने को मिला. यूपी बार काउंसिल के चेयरमैन हरिशंकर सिंह ने वकीलों से जुड़े कई मुद्दों को लेकर प्रदेश व्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. इसके बाद राजधानी के अधिवक्ताओं ने पूरी तरह से कार्य का बहिष्कार किया, जिससे कोर्ट परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है.

वकीलों की हड़ताल का राजधानी में दिखा असर.
यूपी बार काउंसलिंग की तरफ से कार्य का बहिष्कारसेंट्रल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आदेश सिंह का कहना है कि लगातार अधिवक्ताओं की हत्या हो रही है. वकिलों पर झुठे मुकदमें लिखे जा रहे हैं. कोर्ट परिसर में परंपरा की दुश्वारियां हैं, जिसको लेकर प्रदेश सरकार गंभीर नहीं है. शासन प्रशासन स्तर पर शिकायत करने के बावजूद भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है. इसके विरोध में आज 1 दिन का सांकेतिक धरना दिया गया है. यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो इसी तरह से बेड काउंसलिंग के आह्वान पर कार्य बंद रहेगा.


नहीं सुनी जा रही हैं वकीलों की समस्यायें
सेन्ट्रल बार एसोसिएशन के महामंत्री संजीव पाण्डे का कहना है कि वकीलों की समस्याओं से जुड़े 15 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया गया था. अभी तक वकीलों से जुड़ी समस्याओं को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई हैं. इसके विरोध में गुरुवार से धरने की शुरुआत हो चुकी है. यदि जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो बड़े स्तर पर कार्य बहिष्कार किया जा सकता है.


इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: डिफेंस एक्सपो के लिए शहर भर में बनेंगे अस्थायी अस्पताल, तैयारियों पर हुई बैठक

Intro:उत्तर प्रदेश में वकीलों की हड़ताल का असर राजधानी लखनऊ में भी दिखाई दिया। यूपी बार काउंसिल के चेयरमैन हरिशंकर सिंह ने वकीलों से जुड़े कई मुद्दों को लेकर प्रदेश व्यापी हड़ताल का आवाहन किया था। आवाहन के बाद राजधानी लखनऊ के अधिवक्ताओं ने पूरी तरह से कार्य का बहिष्कार किया है। कोर्ट परिसर में सन्नाटा पसरा हुआ है।


Body:अधिवक्ताओं की हत्या, उनके खिलाफ लिखे जा रहे झूठे मुकदमे, परिसर में फैली तमाम तरह की दुश्वारियां के खिलाफ आज यूपी बार काउंसलिंग की तरफ से नए कार्य बहिष्कार का आवाहन किया गया था। जिसका असर राजधानी लखनऊ के कोर्ट परिसर में दिखाई दे रहा है। मुख्य गेट से लेकर चैंबर रोहतक वकीलों ने कार्य का बहिष्कार किया है।


बाईट_01 आदेश सिंह (अध्यक्ष_ सेंट्रल बार एसोसिएशन, लखनऊ)

लगातार अधिवक्ताओं की हत्या हो रही है। मुकदमे देखे जा रहे हैं। कोर्ट परिसर में परंपरा की दुश्वारियां है। जिसको लेकर प्रदेश सरकार गंभीर नहीं है। शासन प्रशासन स्तर पर शिकायत करने के बावजूद भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। इसके विरोध में आज 1 दिन का सांकेतिक धरना दिया गया है। यदि उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो इसी तरह से बेड काउंसलिंग के आवाहन पर कार्य बंद रहेगा।

बाईट 2_ संजीव पाण्डे (महामंत्री, सेन्ट्रल बार एसोसिएशन, लखनऊ)

वकीलों की समस्याओं से जुड़े 15 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया गया था। अभी तक वकीलों से जुड़ी समस्याओं को लेकर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। विरोध में आज धरने की शुरुआत हो चुकी है, यदि जल्द ही उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता है तो बड़े स्तर पर कार्य बहिष्कार किया जा सकता है।


Conclusion:रितेश यादव
UP10003
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