लखनऊ: बार एसोसिएशन की हड़ताल के बाद योगी सरकार के कानून मंत्री बृजेश पाठक ने यूपी बार काउंसिल के सदस्यों की एक बैठक बुलाई. बैठक में अधिवक्ताओं की समस्याओं पर चर्चा हुई. अधिवक्ता प्रदीप मंडल ने कानून मंत्री के समक्ष अपनी मांगें रखीं. राज भवन स्थित अपने सरकारी आवास पर मीटिंग में कानून मंत्री बृजेश पाठक ने वकीलों को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार अधिवक्ताओं की हर समस्या को निपटाने के लिए तैयार है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ऐसी पहली सरकार है, जिसमें अधिवक्ताओं की चिंता की है.
कानून मंत्री ने अधिवक्ताओं को दिया आश्वासन
कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि अधिवक्ताओं के कार्य बहिष्कार की सूचना मिलते ही मैंने उनकी एक बैठक बुलाई. उनसे बातचीत की है. उनकी कई मांगें थी, जिस पर सरकार पहले से ही तत्परता से काम कर रही है. नए अधिवक्ताओं को पुस्तकें खरीदने के लिए पांच हजार रुपये का भुगतान करने का सरकार ने एलान किया था. उसका शासनादेश भी जारी कर दिया गया है. बार काउंसिल से ऐसे अधिवक्ताओं की सूची मांगी गई है. उन्हें जल्द ही यह भुगतान भी किया जाएगा.
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अधिकवक्ताओं की लंबे अरसे से मांग थी कि आकस्मिक मौत हो जाती है, ऐसी परिस्थिति में सरकार 60 वर्ष की आयु के अधिवक्ताओं को ही अनुदान देती है. उसे बढ़ाकर 70 वर्ष किया जाए. सरकार ने अधिकवक्ताओं की यह मांग मान ली है. साथ ही कार्पस फंड को 220 करोड़ कर दिया गया है. वकीलों की एक और मांग थी. पहले मौत पर डेढ़ लाख रुपये दिए जाते थे, अब पांच लाख रुपये कर दिया गया है.
योगी सरकार के कानून मंत्री ने उनकी सभी समस्याओं को सुना है. उन्होंने भरोसा जताया है कि अधिवक्ताओं की समस्याओं का निदान किया जाएगा. मुझे खुशी है और उम्मीद भी है कि सरकार उनकी मांगों को पूरा करेगी.
-प्रशांत सिंह अटल, अधिवक्ता