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जानिए दिवाली पर लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त

दिवाली पर धन की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी और शुभ के प्रतीक भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है. इसके साथ विभिन्न प्रकार की सिद्धियां भी विभिन्न लग्नों में की जाती हैं. इन सिद्धियों और पूजापाठ के लिए ईटीवी भारत के साथ ज्योतिषाचार्य ने शुभ मुहूर्त को लेकर जानकारी दी है.

शुभ मुहूर्त
शुभ मुहूर्त
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Published : Nov 13, 2020, 7:46 PM IST

लखनऊ: दिवाली इस बार शनिवार 14 नवम्बर को मनाई जायेगी. यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है. इस दौरान मां लक्ष्मी और गणेश का पूजन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. पूजन मुहूर्त को लेकर ज्योतिषाचार्य डाॅ. एसडी मिश्रा ने विशेष जानकारी दी है.

इस समय लग रही अमावस्या
भारतीय नक्षत्रवाणी पंचाग के अनुसार, अमावस्या तिथि 14 नवम्बर को दोपहर 2:18 मिनट से दूसरे दिन 15 नवम्बर को सुबह 10:37 मिनट तक है. उसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि लग जायेगी. इसमें सौभाग्य योग का संयोग 14 की रात्रि 3:15 तक है. इसके बाद शोभन योग लग जायेगा.

लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त.

दिवाली पूजन शुभ मुहूर्त
ज्योतिषी डाॅ. एसडी मिश्रा बताते हैं कि शुभ पूजन मुहूर्त शाम को प्रदोष बेला में 5:20 मिनट से शाम 7:08 मिनट तक है. इस समयावधि में वृषभ लग्न होगी, जो स्थिर लग्न है. इस समय किया गया शुभ कार्य स्थाई होता है. इसके बाद मिथुन लग्न शुरू हो जायेगी, जो द्वि स्वभाव वाला लग्न है. यह भी ठीक है, जो 9 बजे तक होगी. इस समयावधि में बृहस्पति केन्द्र में होगा.

महानिशीथ काल
महानिशीथ काल रात 11:24 मिनट से 12:17 मिनट तक होगा. इसी बीच सिंह लग्न भी मिल जायेगी, जो शुभ है. यह समय मंत्र सिद्ध करने के लिए शुभ होता है. इस दौरान बहुत से लोग तंत्र-मंत्र की सिद्धि करते हैं.

शुभ और अमृत की चौघडिया मुहूर्त
बहुत से लोग शुभ की चौघडिया और अमृत की चौघडिया मुहूर्त भी देखते हैं. शुभ की चौघडिया रात 8:33 से 10:12 तक है. वहीं अमृत की चौघडिया मुहूर्त 10:12 मिनट से 11:51 मिनट तक है. यह भी फल दायक मुहूर्त है.

लखनऊ: दिवाली इस बार शनिवार 14 नवम्बर को मनाई जायेगी. यह त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है. इस दौरान मां लक्ष्मी और गणेश का पूजन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. पूजन मुहूर्त को लेकर ज्योतिषाचार्य डाॅ. एसडी मिश्रा ने विशेष जानकारी दी है.

इस समय लग रही अमावस्या
भारतीय नक्षत्रवाणी पंचाग के अनुसार, अमावस्या तिथि 14 नवम्बर को दोपहर 2:18 मिनट से दूसरे दिन 15 नवम्बर को सुबह 10:37 मिनट तक है. उसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रथमा तिथि लग जायेगी. इसमें सौभाग्य योग का संयोग 14 की रात्रि 3:15 तक है. इसके बाद शोभन योग लग जायेगा.

लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त.

दिवाली पूजन शुभ मुहूर्त
ज्योतिषी डाॅ. एसडी मिश्रा बताते हैं कि शुभ पूजन मुहूर्त शाम को प्रदोष बेला में 5:20 मिनट से शाम 7:08 मिनट तक है. इस समयावधि में वृषभ लग्न होगी, जो स्थिर लग्न है. इस समय किया गया शुभ कार्य स्थाई होता है. इसके बाद मिथुन लग्न शुरू हो जायेगी, जो द्वि स्वभाव वाला लग्न है. यह भी ठीक है, जो 9 बजे तक होगी. इस समयावधि में बृहस्पति केन्द्र में होगा.

महानिशीथ काल
महानिशीथ काल रात 11:24 मिनट से 12:17 मिनट तक होगा. इसी बीच सिंह लग्न भी मिल जायेगी, जो शुभ है. यह समय मंत्र सिद्ध करने के लिए शुभ होता है. इस दौरान बहुत से लोग तंत्र-मंत्र की सिद्धि करते हैं.

शुभ और अमृत की चौघडिया मुहूर्त
बहुत से लोग शुभ की चौघडिया और अमृत की चौघडिया मुहूर्त भी देखते हैं. शुभ की चौघडिया रात 8:33 से 10:12 तक है. वहीं अमृत की चौघडिया मुहूर्त 10:12 मिनट से 11:51 मिनट तक है. यह भी फल दायक मुहूर्त है.

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