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यूपी में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल से चरमराई विद्युत आपूर्ति व्यवस्था, एसडीएम और डॉक्टर संभाल रहे मोर्चा

उत्तर प्रदेश में लाखों बिजली कर्मचारियों ने गुरुवार की रात से ही 72 घंटे का हड़ताल शुरू कर दिया है. प्रदेश भर में बिजली आपूर्ति ठप होने की वजह से लोगों की बिजली-पानी की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. कौशांबी में विद्युत आपूर्ति के लिए पवार हाउस पर एसडीएम, तहसीलदार, लेखपाल और डॉक्टरों की तैनाती की गई है.

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Published : Mar 17, 2023, 6:59 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गुरुवार की रात से बिजली कर्मचारियों ने 72 घंटे का हड़ताल शुरू कर दिया है. जिसका असर शुक्रवार को दिखाई देने लगा है. विद्युत उप केंद्रों में ब्रेकडाउन के बाद से लोग पानी की समस्याओं से जूझ रहे हैं. प्रदेश भर के बिजली घरों में ताले लटकने से लोग सैकड़ों गांवों में अंधेरा छा गया है. इसके साथ ही किसान सिंचाई के लिए परेशान हैं. वहीं, प्रदेश भर में बिजली विभाग के लाखों कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा है कि बिजली कर्मचारियों को कार्यों में व्यवधान डालने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद एनएसए और रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी.

मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र में विद्युत से जनता बेहालः लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र के 50 गांव अंधेरे में है. विद्युत ब्रेकडाउन होने के बाद लोग बिजली-पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. वहीं, बिजली कर्मियों के 72 घंटे हड़ताल पर जाने से पूर्व गुरुवार की शाम से ही मोहनलालगंज और निगोहां विद्युत उप केंद्र की बिजली बंद हो गई. मोहनलालगंज के पूर्व सपा विधायक ने उपजिलाधिकारी हनुमान प्रसाद मौर्या से फोन पर बात कर जल्द से जल्द विद्युत आपूर्ति की मांग की.

बिजली कर्मचारियों के हड़ताल से जनता परेशानः जौनपुर विद्युत विभाग बीते 3 दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल और कार्य बहिष्कार कर रहा था. वहीं, गुरुवार की रात से 72 घंटे के हड़ताल के बाद विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. अध्यक्ष निखलेश कुमार सिंह ने बताया कि कोई बहिष्कार है ही नहीं. सरकार द्वारा जबरदस्ती बिजली कर्मियों को मजबूर किया जा रहा है. नायब तहसीलदार विवेक ने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर 3 दिन पहले ही सारी तैयारी कर ली गई थी. क्रिस्टल स्थानों पर मजिस्ट्रेट और स्टेटिक मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस फोर्स लगाई गई है.शहर के अहियापुर पावर हाउस और जलालपुर में बिजली की समस्या को ठीक करा दिया गया है.

बिजली सप्लाई बंद होने से व्यापारियों ने दिया धरनाः वहीं, हड़ताल से वाराणसी के वरुणापार क्षेत्र में बीते 30 घंटे से बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप है. व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा के नेतृत्व में धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि 24 घंटे से ज्यादा समय से बिजली नहीं है. लेकिन विभाग के अधिकारी इसकी सुध नहीं ले रहे हैं. वहीं क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि शिकायत के बाद भी बिजली की आपूर्ति नहीं की जा रही है. इस दौरान व्यापारियों ने बिजली विभाग के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए. इसी तरह बिजली कर्मियों ने भिखारीपुर स्थित तालाब पर मनोकामना पूर्ति के लिए एक यज्ञ कराया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में बिजली कर्मचारी शामिल हुए. यहां बिजली कर्मचारियों ने सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए प्रार्थना की. बिजली कर्मचारियों ने कहा कि वह बीते 100 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. वहीं, मीडिया प्रभारी अंकुर पाण्डेय ने कहा कि बिजली कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन धरने में तब्दील हो जाएगी.

मुख्यमंत्री मागों पर ध्यान देंः अलीगढ़ विद्युत विभाग के कर्मचारी शुक्रवार को लाल डिग्गी कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर धरने में बैठ गए हैं. बिजली कर्मचारी संघ के जिला संयोजक प्रवीण शाक्य ने बताया कि हम लोग काम नहीं कर रहे हैं और प्रशासन ने जो इंतजाम किए हैं, उसमें कोई व्यवधान भी नहीं पैदा कर रहे हैं. लेकिन बिजली कर्मचारियों का सांकेतिक हड़ताल जारी है. उन्होंने कहा कि अगर बिजली कर्मियों को जेल भेजने की कार्रवाई की गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर निर्णय लिया जाएगा. इस हड़ताल का अंतिम निर्णय लखनऊ की संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी द्वारा लिया जाएगा.

कौशांबी में पानी के लिए हाहाकारः कौशांबी विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. जिला प्रशासन ने विद्युत आपूर्ति के लिए पवार हाउस पर एसडीएम, तहसीलदार, लेखपाल और डॉक्टरों को तैनात किया था. लेकिन यह लोग पवार हाउस नहीं चला पा रहे हैं. विद्युत आपूर्ति न होने से पानी की सप्लाई भी नहीं हो रही है. जिससे जनता में हाहाकार मचा हुआ है. प्रयागराज रेंज के आईजी चंद्रप्रकाश ने बताया कि विद्युत आपूर्ति के लिए जिला प्रशासन ने जगह-जगह पर कर्मचारियों की तैनाती की है. संविदा कर्मियों से काम लिया जा रहा है. यदि कहीं पर भी कोई भी विद्युत कर्मचारी आपूर्ति बाधित करने की कोशिश करेगा या काम में अड़ंगा लगाएगा तो उसके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी. विद्युत कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विनम्र पटेल ने बताया कि एक समान वेतन एवं नियमितीकरण को लेकर हम लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार हम लोगों की मांगों पर ध्यान नहीं दे रही थी. इस कारण से विद्युत कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चले गए. इसी वजह से विद्युत की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.

यह भी पढ़ें- Energy Minister ने कहा, जनता को परेशानी हुई तो बिजलीकर्मियों पर करेंगे एस्मा की कार्रवाई

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में गुरुवार की रात से बिजली कर्मचारियों ने 72 घंटे का हड़ताल शुरू कर दिया है. जिसका असर शुक्रवार को दिखाई देने लगा है. विद्युत उप केंद्रों में ब्रेकडाउन के बाद से लोग पानी की समस्याओं से जूझ रहे हैं. प्रदेश भर के बिजली घरों में ताले लटकने से लोग सैकड़ों गांवों में अंधेरा छा गया है. इसके साथ ही किसान सिंचाई के लिए परेशान हैं. वहीं, प्रदेश भर में बिजली विभाग के लाखों कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर बैठे हैं. वहीं, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा है कि बिजली कर्मचारियों को कार्यों में व्यवधान डालने और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के बाद एनएसए और रासुका के तहत कार्रवाई की जाएगी.

मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र में विद्युत से जनता बेहालः लखनऊ के मोहनलालगंज तहसील क्षेत्र के 50 गांव अंधेरे में है. विद्युत ब्रेकडाउन होने के बाद लोग बिजली-पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. वहीं, बिजली कर्मियों के 72 घंटे हड़ताल पर जाने से पूर्व गुरुवार की शाम से ही मोहनलालगंज और निगोहां विद्युत उप केंद्र की बिजली बंद हो गई. मोहनलालगंज के पूर्व सपा विधायक ने उपजिलाधिकारी हनुमान प्रसाद मौर्या से फोन पर बात कर जल्द से जल्द विद्युत आपूर्ति की मांग की.

बिजली कर्मचारियों के हड़ताल से जनता परेशानः जौनपुर विद्युत विभाग बीते 3 दिनों से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल और कार्य बहिष्कार कर रहा था. वहीं, गुरुवार की रात से 72 घंटे के हड़ताल के बाद विद्युत व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है. अध्यक्ष निखलेश कुमार सिंह ने बताया कि कोई बहिष्कार है ही नहीं. सरकार द्वारा जबरदस्ती बिजली कर्मियों को मजबूर किया जा रहा है. नायब तहसीलदार विवेक ने बताया कि जिला मजिस्ट्रेट के आदेश पर 3 दिन पहले ही सारी तैयारी कर ली गई थी. क्रिस्टल स्थानों पर मजिस्ट्रेट और स्टेटिक मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस फोर्स लगाई गई है.शहर के अहियापुर पावर हाउस और जलालपुर में बिजली की समस्या को ठीक करा दिया गया है.

बिजली सप्लाई बंद होने से व्यापारियों ने दिया धरनाः वहीं, हड़ताल से वाराणसी के वरुणापार क्षेत्र में बीते 30 घंटे से बिजली आपूर्ति पूरी तरह से ठप है. व्यापार मंडल के अध्यक्ष अजीत सिंह बग्गा के नेतृत्व में धरने पर बैठे लोगों ने कहा कि 24 घंटे से ज्यादा समय से बिजली नहीं है. लेकिन विभाग के अधिकारी इसकी सुध नहीं ले रहे हैं. वहीं क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि शिकायत के बाद भी बिजली की आपूर्ति नहीं की जा रही है. इस दौरान व्यापारियों ने बिजली विभाग के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए. इसी तरह बिजली कर्मियों ने भिखारीपुर स्थित तालाब पर मनोकामना पूर्ति के लिए एक यज्ञ कराया. इस दौरान सैकड़ों की संख्या में बिजली कर्मचारी शामिल हुए. यहां बिजली कर्मचारियों ने सरकार को सद्बुद्धि देने के लिए प्रार्थना की. बिजली कर्मचारियों ने कहा कि वह बीते 100 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं. वहीं, मीडिया प्रभारी अंकुर पाण्डेय ने कहा कि बिजली कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई तो यह हड़ताल अनिश्चितकालीन धरने में तब्दील हो जाएगी.

मुख्यमंत्री मागों पर ध्यान देंः अलीगढ़ विद्युत विभाग के कर्मचारी शुक्रवार को लाल डिग्गी कार्यालय के बाहर अपनी मांगों को लेकर धरने में बैठ गए हैं. बिजली कर्मचारी संघ के जिला संयोजक प्रवीण शाक्य ने बताया कि हम लोग काम नहीं कर रहे हैं और प्रशासन ने जो इंतजाम किए हैं, उसमें कोई व्यवधान भी नहीं पैदा कर रहे हैं. लेकिन बिजली कर्मचारियों का सांकेतिक हड़ताल जारी है. उन्होंने कहा कि अगर बिजली कर्मियों को जेल भेजने की कार्रवाई की गई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करने पर निर्णय लिया जाएगा. इस हड़ताल का अंतिम निर्णय लखनऊ की संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी द्वारा लिया जाएगा.

कौशांबी में पानी के लिए हाहाकारः कौशांबी विद्युत विभाग के अधिकारी और कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं. जिला प्रशासन ने विद्युत आपूर्ति के लिए पवार हाउस पर एसडीएम, तहसीलदार, लेखपाल और डॉक्टरों को तैनात किया था. लेकिन यह लोग पवार हाउस नहीं चला पा रहे हैं. विद्युत आपूर्ति न होने से पानी की सप्लाई भी नहीं हो रही है. जिससे जनता में हाहाकार मचा हुआ है. प्रयागराज रेंज के आईजी चंद्रप्रकाश ने बताया कि विद्युत आपूर्ति के लिए जिला प्रशासन ने जगह-जगह पर कर्मचारियों की तैनाती की है. संविदा कर्मियों से काम लिया जा रहा है. यदि कहीं पर भी कोई भी विद्युत कर्मचारी आपूर्ति बाधित करने की कोशिश करेगा या काम में अड़ंगा लगाएगा तो उसके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई की जाएगी. विद्युत कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष विनम्र पटेल ने बताया कि एक समान वेतन एवं नियमितीकरण को लेकर हम लोग धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार हम लोगों की मांगों पर ध्यान नहीं दे रही थी. इस कारण से विद्युत कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चले गए. इसी वजह से विद्युत की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.

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