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चुनाव कार्य से मुक्ति के लिए शिक्षिकाओं ने लगाई गुहार, बताया ये कारण

उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर महिला शिक्षकों को चुनाव ड्यूटी में शामिल नहीं करने की मांग उठाई है. कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच शिक्षिकों की पारिवारिक जिम्मेदारी को देखते हुए यह मांग की गई है.

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Published : Apr 7, 2021, 12:32 PM IST

पंचायत चुनाव.
पंचायत चुनाव.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने पंचायत निर्वाचन 2021 में सिंगल पेरेन्ट्स को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग उठाई है. इस संबंध में संगठन की ओर से राज्य निर्वाचन आयुक्त को भी पत्र भेजा गया. प्रदेश भर में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी की जा रही है. इसमें बड़ी संख्या में शिक्षकों की तैनाती की जाती है.

पढ़ें- ढाई फीट की महिला ने पंचायत चुनाव में की दावेदारी, आखिरी समय में दाखिल किया पर्चा

चुनाव आयोग के इस फैसले की तारीफ
संघ ने दंपति कार्मिक में से किसी एक को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने के सम्बन्ध में राज्य निर्वाचन आयोग के फैसले का स्वागत किया है.
संघ की अध्यक्ष सुलोचना मौर्य ने बताया कि सरकारी महिला कार्मिकों की कुछ संख्या ऐसी भी है, जो सिंगल पैरेन्ट्स / विधवा / तलाकशुदा के रूप में होते हुए भी अपने छोटे बच्चे / बीमार बच्चे असाध्य रोग से पीड़ित बच्चे के साथ जीवन निर्वहन कर रही हैं. ऐसी परिस्थितियों में उनकी चुनाव ड्यूटी लग जाने से बच्चे की देखरेख न कर पाने की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इन हालातों में संघ ने आयोग से मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सिंगल पेरेन्ट्स को चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने की मांग की है.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ ने पंचायत निर्वाचन 2021 में सिंगल पेरेन्ट्स को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग उठाई है. इस संबंध में संगठन की ओर से राज्य निर्वाचन आयुक्त को भी पत्र भेजा गया. प्रदेश भर में पंचायत चुनाव को लेकर तैयारी की जा रही है. इसमें बड़ी संख्या में शिक्षकों की तैनाती की जाती है.

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संघ की अध्यक्ष सुलोचना मौर्य ने बताया कि सरकारी महिला कार्मिकों की कुछ संख्या ऐसी भी है, जो सिंगल पैरेन्ट्स / विधवा / तलाकशुदा के रूप में होते हुए भी अपने छोटे बच्चे / बीमार बच्चे असाध्य रोग से पीड़ित बच्चे के साथ जीवन निर्वहन कर रही हैं. ऐसी परिस्थितियों में उनकी चुनाव ड्यूटी लग जाने से बच्चे की देखरेख न कर पाने की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इन हालातों में संघ ने आयोग से मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सिंगल पेरेन्ट्स को चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने की मांग की है.

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