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लखनऊ: जिला अस्पतालों में शोपीस बने वेंटिलेटर, स्वास्थ्य मंत्री ने कही ये बात - lucknow health department

राजधानी लखनऊ के कई अस्पतालों में वेटिंलेटर की सुविधा शोपीस बनी हुई है. वहीं कई अस्पतालों में स्टाफ की कमी की वजह से भी मरीजों को वेटिंलेटर की सुविधा नहीं मिल पा रही है, जिसके चलते मरीजों को केजीएमयू रेफर किया जाता है.

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अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी.
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Published : Feb 12, 2020, 8:06 PM IST

लखनऊ: अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देने के लिए वेंटिलेटर रखे जाते हैं, जिससे मरीज की स्थिति गंभीर होने पर उसे वेंटिलेटर मुहैया कराकर जीवनदान दिया जा सके. वेंटिलेटर के लिए भागदौड़ और इंतजार के बीच में मरीज की जान जा रही है. शहर के सरकारी अस्पतालों में रखे वेंटिलेटर शोपीस का काम कर रहे हैं.

राजधानी लखनऊ के जिला अस्पतालों में वेंटिलेटर तो हैं, लेकिन चलाने वाले नहीं. इसकी वजह से यदि मरीज गंभीर हालत में इन जिला अस्पतालों में आता है तो सरकारी अस्पतालों में रखे वेंटिलेटर शोपीस का काम करते हैं. इस वजह से यहां आने वाले मरीजों को वेंटिलेटर का लाभ नहीं मिल पाता. लापरवाही का आलम यह है कि मांग के बावजूद अभी तक जरूरी संसाधन मेडिकल कॉरपोरेशन ने जिला अस्पतालों को उपलब्ध नहीं कराया है.

अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी.

सिविल अस्पताल नहीं मिला मॉनिटर
पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) में नवजातों के लिए तीन साल पहले आठ वेंटिलेटर खरीदे गए थे, जिन्हें अब तक इंस्टॉल नहीं किया गया. लिहाजा हर महीने 15 से 20 मरीजों को वेंटिलेटर के लिए केजीएमयू रेफर किया जाता है. इस पर सिविक निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि सूची भेजी जा चुकी है, लेकिन अभी तक मेडिकल कॉरपोरेशन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.

ये भी पढ़ें- फतेहपुर: एक गाय के गोमूत्र और गोबर से 5 एकड़ की जैविक खेती कैसे कर रहा किसान!

बलरामपुर अस्पताल में स्टाफ की कमी
बलरामपुर अस्पताल में 4 वेंटीलेटर हैं, लेकिन इन्हें चलाने के लिए स्टाफ नहीं है. इस कारण यहां मरीज को वेंटीलेटर की सुविधा नहीं मिल रही है. यहां आने वाले गंभीर मरीजों को तुरंत केजीएमयू रेफर किया जाता है. इस पर अस्पताल के जिम्मेदारों का कहना है कि शासन को पत्र लिखकर वेंटिलेटर चलाने को वाले डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की मांग की गई है, लेकिन अभी तक शासन से भी कोई जवाब नहीं आया है.

ये भी पढ़ें- लखनऊ: स्मार्ट सिटी के तहत राजधानी में लगेंगे एक जैसी होर्डिंग्स और स्पीड ब्रेकर

लोकबंधु अस्पताल मे वेंटिलेटर बंद
लखनऊ के आशियाना क्षेत्र में स्थित लोकबंधु अस्पताल में पिछले 5 महीने से वेंटिलेटर कमरे में बंद पड़े हैं. इन वेंटिलेटर को पिछले साल लोहिया अस्पताल से लोकबंधु भेजा गया था, लेकिन अभी तक इनकी सुध अस्पताल प्रशासन द्वारा नहीं ली गई. इस पर भी अधिकारियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके पास इसे चलाने के लिए स्टाफ नहीं है.

जल्द होगी वेंटिलेटर और स्टाफ की व्यवस्था
इस पूरे मामले में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि जिला अस्पतालों में वेंटिलेटर और पैरामेडिकल स्टाफ कि जल्द ही पूर्ति करेंगे. अब उम्मीद जताई जा रही है कि जिला अस्पतालों में वेंटिलेटर की व्यवस्थाएं सुधरेंगी और लोगों को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं इन अस्पतालों में भी मिल पाएंगी.

लखनऊ: अस्पतालों में बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य देने के लिए वेंटिलेटर रखे जाते हैं, जिससे मरीज की स्थिति गंभीर होने पर उसे वेंटिलेटर मुहैया कराकर जीवनदान दिया जा सके. वेंटिलेटर के लिए भागदौड़ और इंतजार के बीच में मरीज की जान जा रही है. शहर के सरकारी अस्पतालों में रखे वेंटिलेटर शोपीस का काम कर रहे हैं.

राजधानी लखनऊ के जिला अस्पतालों में वेंटिलेटर तो हैं, लेकिन चलाने वाले नहीं. इसकी वजह से यदि मरीज गंभीर हालत में इन जिला अस्पतालों में आता है तो सरकारी अस्पतालों में रखे वेंटिलेटर शोपीस का काम करते हैं. इस वजह से यहां आने वाले मरीजों को वेंटिलेटर का लाभ नहीं मिल पाता. लापरवाही का आलम यह है कि मांग के बावजूद अभी तक जरूरी संसाधन मेडिकल कॉरपोरेशन ने जिला अस्पतालों को उपलब्ध नहीं कराया है.

अस्पतालों में वेंटिलेटर की कमी.

सिविल अस्पताल नहीं मिला मॉनिटर
पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) में नवजातों के लिए तीन साल पहले आठ वेंटिलेटर खरीदे गए थे, जिन्हें अब तक इंस्टॉल नहीं किया गया. लिहाजा हर महीने 15 से 20 मरीजों को वेंटिलेटर के लिए केजीएमयू रेफर किया जाता है. इस पर सिविक निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि सूची भेजी जा चुकी है, लेकिन अभी तक मेडिकल कॉरपोरेशन की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.

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बलरामपुर अस्पताल में स्टाफ की कमी
बलरामपुर अस्पताल में 4 वेंटीलेटर हैं, लेकिन इन्हें चलाने के लिए स्टाफ नहीं है. इस कारण यहां मरीज को वेंटीलेटर की सुविधा नहीं मिल रही है. यहां आने वाले गंभीर मरीजों को तुरंत केजीएमयू रेफर किया जाता है. इस पर अस्पताल के जिम्मेदारों का कहना है कि शासन को पत्र लिखकर वेंटिलेटर चलाने को वाले डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की मांग की गई है, लेकिन अभी तक शासन से भी कोई जवाब नहीं आया है.

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लोकबंधु अस्पताल मे वेंटिलेटर बंद
लखनऊ के आशियाना क्षेत्र में स्थित लोकबंधु अस्पताल में पिछले 5 महीने से वेंटिलेटर कमरे में बंद पड़े हैं. इन वेंटिलेटर को पिछले साल लोहिया अस्पताल से लोकबंधु भेजा गया था, लेकिन अभी तक इनकी सुध अस्पताल प्रशासन द्वारा नहीं ली गई. इस पर भी अधिकारियों से बातचीत में उन्होंने कहा कि उनके पास इसे चलाने के लिए स्टाफ नहीं है.

जल्द होगी वेंटिलेटर और स्टाफ की व्यवस्था
इस पूरे मामले में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि जिला अस्पतालों में वेंटिलेटर और पैरामेडिकल स्टाफ कि जल्द ही पूर्ति करेंगे. अब उम्मीद जताई जा रही है कि जिला अस्पतालों में वेंटिलेटर की व्यवस्थाएं सुधरेंगी और लोगों को बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं इन अस्पतालों में भी मिल पाएंगी.

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