लखनऊ: यूपी में कोराना वायरस के मरीजों में भी बीते दिनों काफी बढ़ोतरी हुई. जिसका असर अब चिकित्सीय स्वास्थ्य सेवाओं पर भी पड़ने लगा है. ऐसा इसलिए क्योंकि राजधानी लखनऊ की सभी ब्लड बैंक में ब्लड का स्टॉक पहले से आधा रह गया है. इसके बाद अब निगेटिव ग्रुप के ब्लड भी ब्लड बैंक में नहीं मिल पा रहे हैं. जिसकी वजह से गंभीर मरीजों का इलाज भी संकट में है.
पूरे देश भर में कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए स्वास्थ विभाग हर स्तर पर तमाम तरह की तैयारियां कर रहा है. इस महामारी का असर ऐसा हो चला है कि उत्तर प्रदेश की तमाम व्यवस्थाएं पूरी तरह से ठप हैं. जिसके बाद अब कोरोना वायरस ने अपना असर स्वास्थ सेवाओं पर भी दिखाना शुरू कर दिया है.
राजधानी लखनऊ बेहतर स्वास्थ सेवाओं के लिए जाना जाता है, लेकिन अब इस पर तमाम सवाल खड़े हो गए हैं. दरअसल, लखनऊ की सभी ब्लड बैंक में पहले से आधा ब्लड का स्टॉक ही बचा है, जिसके बाद अब बचे हुए स्टॉक में निगेटिव ब्लड ग्रुप की कमी होती जा रही है. इसकी वजह से अब गंभीर मरीजों का इलाज भी संकट में पड़ गया है.
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लखनऊ में 5 सरकारी और 36 निजी ब्लड बैंक है
लखनऊ में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर तरीके से लोगों तक पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा तमाम तरह के कदम उठाए गए. राजधानी में सरकारी संस्थानों सहित जिला अस्पतालों में पांच ब्लड बैंक मौजूद है. जहां पर रोगियों को बेहतर उपचार हेतु ब्लड उपलब्ध कराया जाता है. इसके साथ-साथ लखनऊ में 36 निजी ब्लड बैंक भी मौजूद हैं. जो राजधानी लखनऊ ब्लड की कमी नहीं होने देती हैं, लेकिन इन तमाम बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था होने के बाद भी राजधानी के सभी ब्लड बैंक में निगेटिव ब्लड बैंक की जबरदस्त कमी है. बचा हुआ स्टॉक भी लगातार कम होती जा रही है. इसकी वजह से थैलेसीमिया समेत अन्य जरूरतमंद रोगियों को तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
कोरोना महामारी के बाद ब्लड बैंकों में निगेटिव ब्लड की स्थिति
संस्थान | टोटल ब्लड | निगेटिव ब्लड |
लोहिया संस्थान | 300 यूनिट | 30-45 यूनिट |
सिविल अस्पताल | 95 यूनिट | 15-20 यूनिट |
बलरामपुर अस्पताल | 95 यूनिट | 10-12 यूनिट |
केजीएमयू | 800 यूनिट | 50-55 यूनिट |
क्यों हो रही ब्लड के स्टॉक में कमी?
ब्लड बैंक में ब्लड के स्टॉक में कमी का सबसे बड़ा कारण कोरोना की महामारी है. इसकी वजह से रक्तदान शिविर का आयोजन अस्पतालों द्वारा नहीं किया जा रहा है. जिसकी वजह से ब्लड का स्टॉक अस्पतालों में नहीं हो पा रहा.
डोनर्स की भी स्क्रीनिंग के तहत हो रही कोरोना की जांच
कोरोना वायरस की महामारी के बीच में यदि कोई रक्तदान के लिए अस्पतालों में आता भी है. तो सर्वप्रथम कोरोना को लेकर के अस्पताल प्रशासन द्वारा ब्लड बैंक में किसी भी डोनर की स्क्रीनिंग की जाती है. इस फिजिकल फिटनेस में अब कोरोना के लक्षणों को भी खास ध्यान देते हुए डोनर के स्वस्थ होने के बाद ही रक्त लिया जाता है.
इस पूरे मामले पर बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ. हिमांशु चतुर्वेदी और सिविल अस्पताल के निदेशक डॉ. डीएस नेगी ने जानकारी दी कि पिछले ढाई महीने से रक्तदान शिविर नहीं लग पा रहे. जिसकी वजह से रक्त के स्टॉक में तो कमी हुई है. वहीं साथ ही साथ निगेटिव ब्लड की भारी कमी हुई है. उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण को लेकर के लॉकडाउन किया गया है. जिसकी वजह से वह एहतियातन ब्लड सैंपल अभी नहीं भी ले रहे हैं. उन्होंने कहा जल्द ही स्क्रीनिंग की तमाम व्यवस्थाएं की जा रही है. इसके बाद रक्तदान शिविर लगाए जाएंगे.