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उन्नाव रेप केस: सजा सुनते ही रो पड़ा सेंगर, अब जेल में ही निकलेगा दम - कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद

दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने सेंगर पर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया है.

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कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा
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Published : Dec 20, 2019, 5:33 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने ये फैसला सुनाया. कोर्ट ने सेंगर पर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया है. खास बात ये है कि जुर्माने में से 10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे.

कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा

डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा जब सजा सुना रहे थे तो कुलदीप सिंह सेंगर रोने लगा. कोर्ट ने कहा कि लोकसेवक और उसमें भी जनप्रतिनिधि होने के नाते कुलदीप सिंह सेंगर पर सामाजिक जवाबदेही ज्यादा थी. इसलिए उन्हें अधिकतम सजा यानि मौत होने तक कैद की सजा सुनाई जाती है.

10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे

कोर्ट ने कहा कि मुआवजे के 25 लाख रुपयों में से 10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएं. बाकी 15 लाख रुपये उत्तर प्रदेश सरकार को अभियोजन के लिए आए खर्च के रूप में दिए जाएंगे.

कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि वो एक साल तक पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में रहने के लिए दिल्ली महिला आयोग की ओर से दिलवाए गए आवासीय परिसर के मालिक को प्रति महीने 15 हजार रुपये किराए के तौर पर दे.

सीबीआई को सुरक्षा समीक्षा करने का निर्देश

कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वो पीड़िता और उसके परिवार की हर तीन महीने बाद सुरक्षा का आकलन करे. अगर जरूरत हो तो पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में आवास की लीज की अवधि बढ़ाई जा सकती है.


वकील ने किया फैसले का स्वागत

पीड़िता की वकील पूनम कौशिक ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार को सेफ लोकेशन पर रखें ताकि आरोपी की ओर से उन्हें कोई खतरा न हो.

सेंगर के पास 144 करोड़ की संपत्ति

सुनवाई के दौरान कुलदीप सिंह सेंगर का चुनावी हलफनामा कोर्ट में पेश किया गया. इसके अलावा कुलदीप सिंह सेंगर के राजनीतिक करियर को भी कोर्ट के समक्ष रखा गया.

सुनवाई के दौरान सेंगर के वकील ने कोर्ट से कहा कि सेंगर की पत्नी सेंगर की आमदनी पर निर्भर हैं. तब अभियोजन पक्ष ने कहा कि आप ऐसा कैसे कह सकते हैं, जब आपने सेंगर की पत्नी की आमदनी अलग दिखाई है.

कोर्ट ने सेंगर के चुनावी हलफनामे को देखकर सेंगर से पूछा कि चल और अचल संपत्ति मिलाकर कुल 144 करोड़ की संपत्ति का हिसाब ठीक है न? तब सेंगर के वकील ने कहा कि हां, ये सही है. पर संपत्ति के मूल्य में ह्रास हुआ है. सेंगर के वकील ने सेंगर के लोन की भी चर्चा की.

नए कानून के तहत सजा न देने की मांग

कुलदीप सिंह सेंगर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के चार फैसलों का जिक्र किया गया. सेंगर के वकील ने कहा कि जब अपराध हुआ था, उस समय अगर कोई एक्ट नहीं था और बाद में कोई एक्ट बना तो उस केस में नए एक्ट के तहत सजा नहीं हो सकती है.

सीबीआई ने मांगी थी उम्रकैद की सजा

17 दिसंबर को सीबीआई की ओर से मांग की गई थी कि कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा दी जाए. सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से वकील अशोक भारतेन्दु ने कुलदीप सिंह सेंगर की अधिकतम सजा की मांग की थी.

उन्होंने श्याम नारायण बनाम दिल्ली सरकार केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा था कि दोषी को दया दिखाने की कोई जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा था कि ये मामला एक व्यक्ति के सिस्टम के खिलाफ लड़ने का है.

सीबीआई ने रेप पीड़िता को मुआवजा देने की मांग की थी. सीबीआई ने कहा था कि कोर्ट कुलदीप सेंगर की वित्तीय स्थिति देख सकता है. तब कोर्ट ने कहा था कि पीड़िता को 25 लाख रुपये का मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है. क्या आपको लगता है कि उसकी जरूरत है. तब सीबीआई ने कहा कि मुआवजा जरूर मिलना चाहिए.


सामाजिक कार्यों का हवाला

सेंगर की तरफ से वकील तनवीर मीर ने सेंगर की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा था कि वे चार बार विधायक रहे हैं. उन्होंने आम लोगों के लिए काफी काम किया है. तनवीर मीर ने महममूद दाऊद शेख बनाम गुजरात सरकार के केस का जिक्र करते हुए कहा था कि कोर्ट को समाज के लिए उनके किए हुए काम को देखना चाहिए और न्यूनतम सजा देनी चाहिए.


22 गवाहों के बयान दर्ज हुए थे

इस मामले में कोर्ट ने बचाव पक्ष के 9 गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज किए थे. पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसके लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए थे.

नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने ये फैसला सुनाया. कोर्ट ने सेंगर पर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया है. खास बात ये है कि जुर्माने में से 10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे.

कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा

डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा जब सजा सुना रहे थे तो कुलदीप सिंह सेंगर रोने लगा. कोर्ट ने कहा कि लोकसेवक और उसमें भी जनप्रतिनिधि होने के नाते कुलदीप सिंह सेंगर पर सामाजिक जवाबदेही ज्यादा थी. इसलिए उन्हें अधिकतम सजा यानि मौत होने तक कैद की सजा सुनाई जाती है.

10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे

कोर्ट ने कहा कि मुआवजे के 25 लाख रुपयों में से 10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएं. बाकी 15 लाख रुपये उत्तर प्रदेश सरकार को अभियोजन के लिए आए खर्च के रूप में दिए जाएंगे.

कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि वो एक साल तक पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में रहने के लिए दिल्ली महिला आयोग की ओर से दिलवाए गए आवासीय परिसर के मालिक को प्रति महीने 15 हजार रुपये किराए के तौर पर दे.

सीबीआई को सुरक्षा समीक्षा करने का निर्देश

कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वो पीड़िता और उसके परिवार की हर तीन महीने बाद सुरक्षा का आकलन करे. अगर जरूरत हो तो पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में आवास की लीज की अवधि बढ़ाई जा सकती है.


वकील ने किया फैसले का स्वागत

पीड़िता की वकील पूनम कौशिक ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार को सेफ लोकेशन पर रखें ताकि आरोपी की ओर से उन्हें कोई खतरा न हो.

सेंगर के पास 144 करोड़ की संपत्ति

सुनवाई के दौरान कुलदीप सिंह सेंगर का चुनावी हलफनामा कोर्ट में पेश किया गया. इसके अलावा कुलदीप सिंह सेंगर के राजनीतिक करियर को भी कोर्ट के समक्ष रखा गया.

सुनवाई के दौरान सेंगर के वकील ने कोर्ट से कहा कि सेंगर की पत्नी सेंगर की आमदनी पर निर्भर हैं. तब अभियोजन पक्ष ने कहा कि आप ऐसा कैसे कह सकते हैं, जब आपने सेंगर की पत्नी की आमदनी अलग दिखाई है.

कोर्ट ने सेंगर के चुनावी हलफनामे को देखकर सेंगर से पूछा कि चल और अचल संपत्ति मिलाकर कुल 144 करोड़ की संपत्ति का हिसाब ठीक है न? तब सेंगर के वकील ने कहा कि हां, ये सही है. पर संपत्ति के मूल्य में ह्रास हुआ है. सेंगर के वकील ने सेंगर के लोन की भी चर्चा की.

नए कानून के तहत सजा न देने की मांग

कुलदीप सिंह सेंगर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के चार फैसलों का जिक्र किया गया. सेंगर के वकील ने कहा कि जब अपराध हुआ था, उस समय अगर कोई एक्ट नहीं था और बाद में कोई एक्ट बना तो उस केस में नए एक्ट के तहत सजा नहीं हो सकती है.

सीबीआई ने मांगी थी उम्रकैद की सजा

17 दिसंबर को सीबीआई की ओर से मांग की गई थी कि कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा दी जाए. सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से वकील अशोक भारतेन्दु ने कुलदीप सिंह सेंगर की अधिकतम सजा की मांग की थी.

उन्होंने श्याम नारायण बनाम दिल्ली सरकार केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा था कि दोषी को दया दिखाने की कोई जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा था कि ये मामला एक व्यक्ति के सिस्टम के खिलाफ लड़ने का है.

सीबीआई ने रेप पीड़िता को मुआवजा देने की मांग की थी. सीबीआई ने कहा था कि कोर्ट कुलदीप सेंगर की वित्तीय स्थिति देख सकता है. तब कोर्ट ने कहा था कि पीड़िता को 25 लाख रुपये का मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है. क्या आपको लगता है कि उसकी जरूरत है. तब सीबीआई ने कहा कि मुआवजा जरूर मिलना चाहिए.


सामाजिक कार्यों का हवाला

सेंगर की तरफ से वकील तनवीर मीर ने सेंगर की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा था कि वे चार बार विधायक रहे हैं. उन्होंने आम लोगों के लिए काफी काम किया है. तनवीर मीर ने महममूद दाऊद शेख बनाम गुजरात सरकार के केस का जिक्र करते हुए कहा था कि कोर्ट को समाज के लिए उनके किए हुए काम को देखना चाहिए और न्यूनतम सजा देनी चाहिए.


22 गवाहों के बयान दर्ज हुए थे

इस मामले में कोर्ट ने बचाव पक्ष के 9 गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज किए थे. पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसके लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए थे.

Intro:नई दिल्ली । दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा पर सुनाई है है। डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने ये फैसला सुनाया। कोर्ट ने सेंगर पर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया है। इस 25 लाख रुपये में से 10 लाख रुपए पीड़िता को दिए जाएंगे।



Body:कोर्ट में सेंगर रो पड़ा
डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा जब सजा सुना रहे थे तो कुलदीप सिंह सेंगर रोने लगा। कोर्ट ने कहा कि लोकसेवक और उसमें भी जनप्रतिनिधि होने के नाते कुलदीप सिंह सेंगर पर सामाजिक जवाबदेही ज्यादा थी, इसलिए उन्हें अधिकतम सजा यानि मौत होने तक कैद की सजा सुनाई जाती है ।
10 लाख रुपए पीड़िता को दिए जाएंगे
कोर्ट ने कहा कि मुआवजे की के 25 लाख रुपए में से 10 लाख रुपए पीड़िता को दिए जाएं। बाकी 15 लाख रुपए उत्तरप्रदेश सरकार को अभियोजन के लिए आए खर्च के रुप में दिया जाएगा। कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि वो एक साल तक पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में रहने के लिए दिल्ली महिला आयोग की ओर से दिलवाए गए आवासीय परिसर के मालिक को प्रति महीने 15 हजार रुपए किराए के तौर पर दें।
सीबीआई को सुरक्षा समीक्षा करने का निर्देश दिया
कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वो पीड़िता और उसके परिवार की हर तीन महीने पर सुरक्षा का आकलन करे। अगर जरुरत हो तो पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में आवास की लीज अवधि बढ़ाई जा सकती है।
पीड़िता की वकील ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया
पीड़िता की वकील पूनम कौशिक ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने सीबीआई को पीड़िता और उसके परिवार को सेफ लोकेशन पर रखें ताकि दोषी की ओर से उन्हें कोई खतरा न हो।
सेंगर के चुनावी हलफनामे में 144 करोड़ की संपत्ति
आज सुनवाई के दौरान कुलदीप सिंह सेंगर का चुनावी हलफ़नामा कोर्ट में पेश किया गया। इसके अलावा कुलदीप सिंह सेंगर के राजनीतिक करियर को भी कोर्ट के समक्ष रखा गया। सुनवाई के दौरान सेंगर के वकील ने कोर्ट से कहा कि सेंगर की पत्नी सेंगर की आमदनी पर निर्भर हैं। तब अभियोजन पक्ष ने कहा कि आप ऐसा कैसे कह सकते हैं जब आपने सेंगर की पत्नी की आमदनी अलग दिखाई है ।  कोर्ट ने सेंगर के चुनावी हलफनामे को देखकर सेंगर से पूछा कि चल और अचल संपत्ति मिलाकर कुल 144 करोड़ की संपत्ति का हिसाब ठीक है न। तब सेंगर के वकील ने कहा कि हां ये सही है लेकिन संपत्ति के मुल्य में ह्रास हुआ है। सेंगर के वकील ने सेंगर के लोन की चर्चा की।
सेंगर को अधिकतम सजा की मांग
याचिकाकर्ता के वकील धर्मेंद्र मिश्रा ने कोर्ट से पीड़िता के परिवार की स्थिति को देखते हुए सेंगर को अधिकतम सजा दी जानी चाहिए। सेंगर एक लोकसेवक हैं और ऐसे में ये अपराध और गंभीर हो जाता है। धर्मेंद्र मिश्रा ने कहा कि दोषी ने अपने पद का दुरुपयोग किया इसका भी ध्यान दिया जाना चाहिए। पीड़िता के वकील ने कहा कि इस मामले में उम्र कैद की सज़ा देनी चाहिए। तब कोर्ट ने कहा कि उम्र कैद को लेकर सुप्रीम कोर्ट मे एक फैसला है जिसमें मारू राम बनाम भारत सरकार में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि उम्र कैद का मतलब उम्र कैद है। हालांकि कोर्ट नेकहा कि हम रेमिशन के हिस्से में नही जाएंगे ।
बाद में बना कानून लागू नहीं होना चाहिए
कुलदीप सिंह सेंगर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के चार फैसलों का जिक्र किया गया। सेंगर के वकील ने कहा कि जब अपराध हुआ था उस समय अगर कोई एक्ट नही था और बाद में कोई एक्ट बना तो उस केस में नए एक्ट के तहत सजा नहीं हो सकती है। 
सीबीआई ने उम्रकैद की सजा की मांग की
पिछले 17 दिसंबर को सीबीआई की ओर से मांग की गई थी कि कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा दी जाए।सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से वकील अशोक भारतेन्दु ने कुलदीप सिंह सेंगर की अधिकतम सजा की मांग की थी। उन्होंने श्याम नारायण बनाम दिल्ली सरकार केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा था कि दोषी को दया दिखाने की कोई जरुरत नहीं है। उन्होंने कहा था कि यह मामला एक व्यक्ति के सिस्टम के खिलाफ लड़ने की है। सीबीआई ने रेप पीड़िता को मुआवजे की मांग की थी। सीबीआई ने कहा था कि कोर्ट कुलदीप सेंगर की वित्तीय स्थिति देख सकती है। तब कोर्ट ने कहा था कि पीड़िता को 25 लाख रुपये का मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है। यूपी सरकार ने ये रकम उसे पहले ही दे रखा है। क्या आपको लगता है कि उसकी जरुरत है। तब सीबीआई ने कहा कि मुआवजा जरुर मिलना चाहिए।
सामाजिक कार्यों का हवाला
सेंगर की तरफ से वकील तनवीर मीर ने सेंगर की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा था कि वे चार बार विधायक रहे हैं। उन्होंने आम लोगों के लिए काफी काम किया है। तनवीर मीर ने महममूद दाऊद शेख बनाम गुजरात सरकार के केस का जिक्र करते हुए कहा था कि कोर्ट को समाज के लिए उनके किए हुए काम को देखना चाहिए और न्यूनतम सजा देनी चाहिए। मीर ने कहा था कि तिहाड़ जेल में सेंगर का आचरण काफी अच्छा रहा है। मीर ने अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 357 (3) का हवाला देते हुए कहा  था कि अगर जुर्माना लगाया जाता है तो मुआवजा नहीं दिया जाना चाहिए। तब कोर्ट ने कहा था कि कोई भी मुआवजे की राशि पीड़िता को हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती है।  और रेप के मामले में दोषी करार दिया था
पिछले 16 दिसंबर को कोर्ट ने कुलदीप सिंह सेंगर को अपहरण और रेप के मामले में दोषी करार दिया था।  कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी करार देते हुए कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि इस मामले में वो सारी मजबूरियां और लाचारियां हैं जो दूरदराज में रहने वाली ग्रामीण महिलाओं के सामने अक्सर आती हैं। जिनसे जूझ कर लडकियां और महिलाएं डर और शर्म से अपना नारकीय जीवन काटती हैं।
पुरुषवादी सोच हावी रही
कोर्ट ने कहा था कि हमारे विचार से इस जांच मैं पुरुषवादी सोच हावी रही है और इसी वजह से लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा और शोषण में जांच के दौरान संवेदनशीलता और मानवीय नजरिये का अभाव दिखता है। यही वजह है कि जांच के दौरान इस मामले में कई जगह ऐसा लगा कि पीड़ित उसके परिवार वालों के साथ निष्पक्ष जांच नही हुई।
22 गवाहों के बयान दर्ज हुए थे
इस मामले में कोर्ट ने बचाव पक्ष के 9 गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज किया था। पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसके इंतजाम करने का निर्देश दिया था।
पिछले 1 अक्टूबर को कोर्ट ने उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट का बयान दर्ज किया था। उन्नाव के ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट ने रेप पीड़िता की चाची का बयान दर्ज किया था। इस मामले में डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट ने पीड़िता की मां का भी बयान दर्ज किया था।




Conclusion:एम्स में पीड़िता का बयान दर्ज किया गया था
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पीड़िता को पिछले 28 जुलाई को लखनऊ से दिल्ली एम्स में इलाज के लिए शिफ्ट किया गया था। पिछले 11 और 12 सितंबर को जज धर्मेश शर्मा ने एम्स के ट्रॉमा सेंटर जाकर बने अस्थायी कोर्ट में पीड़िता का बयान दर्ज किया था।
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