नई दिल्ली: दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में बीजेपी से निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने ये फैसला सुनाया. कोर्ट ने सेंगर पर 25 लाख का जुर्माना भी लगाया है. खास बात ये है कि जुर्माने में से 10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे.
डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा जब सजा सुना रहे थे तो कुलदीप सिंह सेंगर रोने लगा. कोर्ट ने कहा कि लोकसेवक और उसमें भी जनप्रतिनिधि होने के नाते कुलदीप सिंह सेंगर पर सामाजिक जवाबदेही ज्यादा थी. इसलिए उन्हें अधिकतम सजा यानि मौत होने तक कैद की सजा सुनाई जाती है.
10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएंगे
कोर्ट ने कहा कि मुआवजे के 25 लाख रुपयों में से 10 लाख रुपये पीड़िता को दिए जाएं. बाकी 15 लाख रुपये उत्तर प्रदेश सरकार को अभियोजन के लिए आए खर्च के रूप में दिए जाएंगे.
कोर्ट ने यूपी सरकार को निर्देश दिया कि वो एक साल तक पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में रहने के लिए दिल्ली महिला आयोग की ओर से दिलवाए गए आवासीय परिसर के मालिक को प्रति महीने 15 हजार रुपये किराए के तौर पर दे.
सीबीआई को सुरक्षा समीक्षा करने का निर्देश
कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वो पीड़िता और उसके परिवार की हर तीन महीने बाद सुरक्षा का आकलन करे. अगर जरूरत हो तो पीड़िता और उसके परिवार को दिल्ली में आवास की लीज की अवधि बढ़ाई जा सकती है.
वकील ने किया फैसले का स्वागत
पीड़िता की वकील पूनम कौशिक ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि पीड़िता और उसके परिवार को सेफ लोकेशन पर रखें ताकि आरोपी की ओर से उन्हें कोई खतरा न हो.
सेंगर के पास 144 करोड़ की संपत्ति
सुनवाई के दौरान कुलदीप सिंह सेंगर का चुनावी हलफनामा कोर्ट में पेश किया गया. इसके अलावा कुलदीप सिंह सेंगर के राजनीतिक करियर को भी कोर्ट के समक्ष रखा गया.
सुनवाई के दौरान सेंगर के वकील ने कोर्ट से कहा कि सेंगर की पत्नी सेंगर की आमदनी पर निर्भर हैं. तब अभियोजन पक्ष ने कहा कि आप ऐसा कैसे कह सकते हैं, जब आपने सेंगर की पत्नी की आमदनी अलग दिखाई है.
कोर्ट ने सेंगर के चुनावी हलफनामे को देखकर सेंगर से पूछा कि चल और अचल संपत्ति मिलाकर कुल 144 करोड़ की संपत्ति का हिसाब ठीक है न? तब सेंगर के वकील ने कहा कि हां, ये सही है. पर संपत्ति के मूल्य में ह्रास हुआ है. सेंगर के वकील ने सेंगर के लोन की भी चर्चा की.
नए कानून के तहत सजा न देने की मांग
कुलदीप सिंह सेंगर की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के चार फैसलों का जिक्र किया गया. सेंगर के वकील ने कहा कि जब अपराध हुआ था, उस समय अगर कोई एक्ट नहीं था और बाद में कोई एक्ट बना तो उस केस में नए एक्ट के तहत सजा नहीं हो सकती है.
सीबीआई ने मांगी थी उम्रकैद की सजा
17 दिसंबर को सीबीआई की ओर से मांग की गई थी कि कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा दी जाए. सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से वकील अशोक भारतेन्दु ने कुलदीप सिंह सेंगर की अधिकतम सजा की मांग की थी.
उन्होंने श्याम नारायण बनाम दिल्ली सरकार केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए कहा था कि दोषी को दया दिखाने की कोई जरूरत नहीं है.
उन्होंने कहा था कि ये मामला एक व्यक्ति के सिस्टम के खिलाफ लड़ने का है.
सीबीआई ने रेप पीड़िता को मुआवजा देने की मांग की थी. सीबीआई ने कहा था कि कोर्ट कुलदीप सेंगर की वित्तीय स्थिति देख सकता है. तब कोर्ट ने कहा था कि पीड़िता को 25 लाख रुपये का मुआवजा पहले ही दिया जा चुका है. क्या आपको लगता है कि उसकी जरूरत है. तब सीबीआई ने कहा कि मुआवजा जरूर मिलना चाहिए.
सामाजिक कार्यों का हवाला
सेंगर की तरफ से वकील तनवीर मीर ने सेंगर की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए कहा था कि वे चार बार विधायक रहे हैं. उन्होंने आम लोगों के लिए काफी काम किया है. तनवीर मीर ने महममूद दाऊद शेख बनाम गुजरात सरकार के केस का जिक्र करते हुए कहा था कि कोर्ट को समाज के लिए उनके किए हुए काम को देखना चाहिए और न्यूनतम सजा देनी चाहिए.
22 गवाहों के बयान दर्ज हुए थे
इस मामले में कोर्ट ने बचाव पक्ष के 9 गवाहों और अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों के बयान दर्ज किए थे. पिछले 24 अक्टूबर को कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार के सदस्यों को दिल्ली में रहने की व्यवस्था करने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दिल्ली महिला आयोग को इसके लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए थे.