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अब पाइपों के अंदर बहेगी गोमती की सहायक कुकरैल नदी, ये है प्लान... - लखनऊ लेटेस्ट न्यूज

लखनऊ में बहने वाली गोमती की सहायक कुकरैल नदी का स्वरूप गंदे नाले में परिवर्तित हो गया है. कुकरैल नदी के नवीनीकरण के लिए नगर विकास विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. नगर विकास विभाग की योजना के मुताबिक, कुकरैल नदी का गंगा पानी पाइप के जरिए दूसरे स्थान पर स्वस्च्छ कराया जाएगा.

अब पाइपों के अंदर बहेगी गोमती की सहायक कुकरैल नदी
अब पाइपों के अंदर बहेगी गोमती की सहायक कुकरैल नदी
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Published : Mar 6, 2022, 9:58 AM IST

लखनऊ : कुकरैल नदी का स्वरूप बदलने की कवायद शुरू हो गई है. कुकरैल नदी का प्रदूषण समाप्त होगा और यह पाइपों में बहेगी. इस नदी पर एक मिनी रिवरफ्रंट भी बनाया जाएगा. नगर विकास विभाग ने कुकरैल नाले को नदी में बदलने के लिए 67 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है.

बजट जारी होने के बाद कुकरैल नदी के कायाकल्प की शुरूआत हो गई है. इसमें छोटी नदी के दोनों ओर ट्रंच बनाए जा रहे हैं. इनमें पाइपों को बिछाया जा रहा है, इन पाइपों में कुकरैल का पानी बहेगा. पाइपों से होकर यह पानी पेपर मिल कॉलोनी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाएगा. पेपर मिल के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में यह पानी साफ होगा और फिर यह गोमती नदी में छोड़ा जाएगा.

नगर विकास विभाग का यह प्रोजेक्ट नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन के प्रयासों से चुनाव के पहले पास हो गया था. राज्य बजट में इसके लिए 67 करोड़ रुपये जारी किए करने का प्रावधान था. कुकरैल गोमती की सहायक नदी है, जो कि कुर्सी रोड पर चांसलर क्लब के पीछे से शुरू होती है. इसके बाद कुकरैल पेपर मिल कॉलोनी के नुक्कड़ पर आकर गोमती में मिल जाती है.

इस सहायक नदी में गंदगी का अंबार है, इसलिए लोग इसे आमतौर पर कुकरैल नाला कहते हैं. कुकरैल का यह गंदा पानी सीधे गोमती मिल रहा है. जिसके कारण गोमती नदी का पानी भी गंदा हो रहा है. अब नगर विकास मंत्री के प्रयास से कुकरैल नदी को भी स्वच्छ करने की परियोजना शुरू हो चुकी है. कुकरैल नदी पर चल रहा काम अगले 2 साल में पूरा हो जाएगा. जिसके बाद यह नदी इन पाइपों से होकर ही बहेगी.

ये है प्लान

परियोजना का नामकुकरैल नदी स्वछता और रिवर फ्रंट
परियोजना का बजट67 करोड़ रुपये
परियोजना की लंबाईकरीब चार किमी
परियोजना की अवधिकरीब 2 साल

इसे पढ़ें- आज पुणे जाएंगे पीएम मोदी, मेट्रो रेल परियोजना का करेंगे उद्घाटन

लखनऊ : कुकरैल नदी का स्वरूप बदलने की कवायद शुरू हो गई है. कुकरैल नदी का प्रदूषण समाप्त होगा और यह पाइपों में बहेगी. इस नदी पर एक मिनी रिवरफ्रंट भी बनाया जाएगा. नगर विकास विभाग ने कुकरैल नाले को नदी में बदलने के लिए 67 करोड़ रुपये का बजट जारी किया है.

बजट जारी होने के बाद कुकरैल नदी के कायाकल्प की शुरूआत हो गई है. इसमें छोटी नदी के दोनों ओर ट्रंच बनाए जा रहे हैं. इनमें पाइपों को बिछाया जा रहा है, इन पाइपों में कुकरैल का पानी बहेगा. पाइपों से होकर यह पानी पेपर मिल कॉलोनी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाएगा. पेपर मिल के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में यह पानी साफ होगा और फिर यह गोमती नदी में छोड़ा जाएगा.

नगर विकास विभाग का यह प्रोजेक्ट नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन के प्रयासों से चुनाव के पहले पास हो गया था. राज्य बजट में इसके लिए 67 करोड़ रुपये जारी किए करने का प्रावधान था. कुकरैल गोमती की सहायक नदी है, जो कि कुर्सी रोड पर चांसलर क्लब के पीछे से शुरू होती है. इसके बाद कुकरैल पेपर मिल कॉलोनी के नुक्कड़ पर आकर गोमती में मिल जाती है.

इस सहायक नदी में गंदगी का अंबार है, इसलिए लोग इसे आमतौर पर कुकरैल नाला कहते हैं. कुकरैल का यह गंदा पानी सीधे गोमती मिल रहा है. जिसके कारण गोमती नदी का पानी भी गंदा हो रहा है. अब नगर विकास मंत्री के प्रयास से कुकरैल नदी को भी स्वच्छ करने की परियोजना शुरू हो चुकी है. कुकरैल नदी पर चल रहा काम अगले 2 साल में पूरा हो जाएगा. जिसके बाद यह नदी इन पाइपों से होकर ही बहेगी.

ये है प्लान

परियोजना का नामकुकरैल नदी स्वछता और रिवर फ्रंट
परियोजना का बजट67 करोड़ रुपये
परियोजना की लंबाईकरीब चार किमी
परियोजना की अवधिकरीब 2 साल

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