लखनऊः हिंदू पंचांग के अनुसार जेठ भारतीय काल गणना का तीसरा माह है. फाल्गुन मास की विदाई के बाद गर्मी शुरू हो जाती है और इस गर्मी में ज्येष्ठ या जेठ माह पड़ता है. जेठ माह में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के परम भक्त हनुमान जी की पूजा और आराधना का विशेष महत्व है. इस बारे में ईटीवी भारत ने ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र से खास बातचीत की और जानना चाहा कि इस माह में क्यों की जाती है हनुमान जी की आराधना.
'जल की होती है पूजा'
ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि इस महीने में जल की विशेष पूजा करने का भी विधान है. इस माह में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी का व्रत भी किया जाता है. शास्त्रों में ज्येष्ठ के महीने में कुछ चीजों के बारे में विस्तार से बताया गया है.
'...इसलिए होती है हनुमानजी की पूजा'
ज्योतिषाचार्य डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि जेठ के महीने में भगवान राम जी से हनुमान जी की मुलाकात हुई थी. इसलिए यह महीना हनुमान जी को अत्यंत प्रिय है. इस महीने में राम जी के साथ-साथ हनुमान जी की पूजा करना भी बहुत फलदाई है. इसी महीने में बड़ा मंगल मनाया जाता है, जिसमें हनुमान जी की विशेष पूजा की जाती है.
'हनुमान जी की पूजा का है विशेष महत्व'
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि जेठ के महीने में हनुमानजी की पूजा करने से प्रत्येक बाधा का समन होता है. शत्रु का वर्चस्व समाप्त होता है. वहीं मुकदमे में भी अनुकूलता आती है. उन्होंने कहा कि हनुमान जी की पूजा आराधना करने से मंगल ग्रह को मजबूती मिलती है. इससे शादी विवाह का रास्ता भी खुलता है.
'इस बार पड़ेंगे चार बड़े मंगल'
डॉ. उमाशंकर मिश्र ने बताया कि अबकी बार जेठ महीने में चार बड़े मंगल पड़ेंगे. पहला 12 मई, दूसरा 19 मई, तीसरा 26 मई और चौथा और आखिरी 2 जून को है. जेठ के महीने में सुंदरकांड का पाठ करने की भी परंपरा है. सुंदरकांड के पाठ करने से सभी कष्टों का अंत होता है.
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वैसे तो भक्त शिरोमणि हनुमान जी की पूजा पूरे साल की जाती है, लेकिन जेठ के महीने में इनकी पूजा करने का विशेष महत्व है. इस महीने पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति भी होती है.