लखनऊः परिवहन विभाग ने नए साल में आवेदकों को बड़ा तोहफा दिया है. अब लर्नर ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ कार्यालय जाने की कोई जरूरत नहीं पड़ेगी. घर बैठे ही आवेदक का लर्नर लाइसेंस बन जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत बाराबंकी में इस व्यवस्था के सफल होने के बाद परिवहन विभाग ने गुरुवार से प्रदेश के सभी आरटीओ कार्यालय में घर बैठे लर्नर लाइसेंस की व्यवस्था लागू करने का फैसला लिया है. अगर कोई आवेदक आरटीओ कार्यालय आकर लर्नर लाइसेंस जारी कराना चाहता है तो यह व्यवस्था भी जारी रहेगी.
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर धीरज साहू के मुताबिक सारथी पोर्टल http://sarathi. parivahan.gov.in पर लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आधार नंबर दर्ज करने पर आवेदनकर्ता का नाम, पिता व माता का नाम, पता, फोटो और जन्मतिथि अपने आप फेच होकर आवेदन फार्म पर अंकित हो जाएगी. धीरज साहू ने बताया कि आवेदक के फार्म भरने की प्रक्रिया भी बेहद सरल की जा रही है. जिसमें गलतियों की संभावना भी काफी कम होगी. आवेदक को आवेदन करते समय यह सुनिश्चित करना होगा कि वह अनिवार्य रूप से आवेदन फार्म में वही मोबाइल नंबर अंकित करें जो उसके आधार कार्ड पर दर्ज हो.
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उन्होंने बताया कि आवेदक को सफलतापूर्वक आवेदन फार्म भरने, आवश्यक दस्तावेजों की प्रमाणित प्रति अपलोड करने और नियमानुसार फीस के ऑनलाइन भुगतान के बाद सारथी पोर्टल पर ही सड़क सुरक्षा का ट्यूटोरियल ऑनलाइन पूरा करना होगा. आवेदन की कार्यालय स्तर पर फैसले स्क्रूटनी के सिद्धांत पर की जाएगी. जिसमें आवेदक को कार्यालय आने की कोई आवश्यकता नहीं होगी. कार्यालय की तरफ से स्कूटनी के समय आवेदन सही पाए जाने पर आवेदक को उसके आवेदन फार्म पर दर्ज मोबाइल नंबर पर लर्निंग लाइसेंस के ऑनलाइन टेस्ट के लिए ओटीपी भेजा जाएगा. सफलतापूर्वक सड़क सुरक्षा का ट्यूटोरियल पूरा करने के बाद और उसके मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी के माध्यम से घर बैठे या किसी जन सुविधा केंद्र की मदद से सारथी पोर्टल पर शिक्षार्थी लाइसेंस का ऑनलाइन टेस्ट दे सकता है.
आवेदक का किया जाएगा फेस ऑथेंटिकेशन
परिवहन आयुक्त धीरज साहू बताते हैं कि ऑनलाइन टेस्ट के समय सारथी पोर्टल पर आवेदक का फेस ऑथेंटिकेशन किया जाएगा. इसलिए आवेदक को यह सुनिश्चित करना होगा कि वह उसी कंप्यूटर पर परीक्षा दे रहा हो जो वेब कैमरा युक्त हो. फेस ऑथेंटिकेशन के समय आवेदक को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उसके बैठने के स्थान का बैकग्राउंड सादा हो. बैठने के स्थान पर प्रकाश की समुचित व्यवस्था हो और आवेदक के आस पास कोई अन्य व्यक्ति मौजूद न हो. फेस ऑथेंटिकेशन के दौरान आवेदक के लाइव फोटो का मिलान उसके आवेदन पत्र में संरक्षित फोटो से किया जाएगा. फेस ऑथेंटिकेशन के सफल होने के बाद ही आवेदक का ऑनलाइन टेस्ट प्रारंभ हो सकेगा. फेस ऑथेंटिकेशन के लिए आवेदन कर्ता को प्रथम चरण में तीन मौके दिए जाएंगे.
आवेदक को दिए जाएंगे तीन मौके
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर बताते हैं कि तीन अवसरों के बाद भी अगर आवेदक का फेस ऑथेंटिकेशन असफल रहता है तो वह सारथी पोर्टल पर नवीनतम फोटोग्राफ अपलोड करने का विकल्प उपलब्ध कराया जाएगा. नवीनतम फोटोग्राफ अपलोड करने के बाद आवेदक फिर से फेसलेस स्क्रूटनी के लिए कार्यालय स्तर पर प्रदर्शित होगा. कार्यालय की तरफ से सफलतापूर्वक स्क्रूटनी करने के पश्चात आवेदक को फिर से फेस ऑथेंटिकेशन करना होगा. इसके लिए भी उन्हें दफ्तर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
दिक्कत होने पर कार्यालय आना होगा
ट्रांसपोर्ट कमिश्नर के मुताबिक द्वितीय चरण में भी आवेदक को तीन अवसर दिए जाएंगे. अगर तीन अवसरों के बाद भी आवेदक फेस ऑथेंटिकेशन में सफल नहीं होता है तो उसे बिना आधार प्रमाणीकरण के माध्यम से आने वाले लर्नर लाइसेंस आवेदकों की तरह ही अपॉइंटमेंट बुक कराकर कार्यालय में उपस्थित होना होगा. सफलतापूर्वक फेस ऑथेंटिकेशन के बाद ही आवेदनकर्ता का लर्नर ऑनलाइन टेस्ट प्रारंभ होगा. लाइसेंस टेस्ट के लिए भी आवेदक को कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. उन्होंने बताया कि टेस्ट में सफल होने या संबंधित लाइसेंसिंग प्राधिकारी के अनुमोदन किए जाने के बाद अपना आवेदक लर्नर लाइसेंस डाउनलोड कर सकेगा. आवेदन फार्म पर दर्ज मोबाइल नंबर पर ही इसका लिंक भेजा जाएगा. इस लिंक पर क्लिक करते ही आवेदक घर बैठे लाइसेंस प्रिंट कर सकता है.