लखनऊ: राजधानी की आवासी कॉलोनी ओवर अपार्टमेंट में रख रखाव वह अन्य छोटे-मोटे जरूरी विकास कार्यों को संचालित किए जाने को लेकर रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन का गठन किया जाता है. रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने अपार्टमेंट या कॉलोनियों के रहने वाले सदस्य या तो निर्वाचित होकर चुने जाते हैं. या फिर आम सहमति के आधार पर उनका चुनाव होता है. रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की जिम्मेदारी होती है कि कॉलोनी या अपार्टमेंट के सभी सदस्यों से मेंटेनेंस के रूप में एक निश्चित धनराशि लेंगे और फिर उसके कलेक्शन से कामकाज किया जाएगा.
ये होते हैं आरडब्ल्यूए के काम
मुख्य रूप से रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अंतर्गत जो कार्य होते हैं. उनमें अपार्टमेंट में सुरक्षा के लिए गाड़ी की व्यवस्था करना कॉमन एरिया में इलेक्ट्रिसिटी की व्यवस्था करना और जनरेटर की व्यवस्था, लिफ्ट की व्यवस्था ऐसी कुछ जरूरी सेवाओं को पूरा करने को लेकर आरडब्लूए काम करती है. इसके साथ ही जो छोटे-मोटे विकास कार्य होते हैं. वह भी इसके माध्यम से कराए जाते हैं.
ऐसे होता है गठन
रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन का गठन आम सहमति या फिर चुनाव से होता है. इसमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष होते हैं. यह आम सहमति से होता है या फिर पूरी चुनाव प्रक्रिया के अंतर्गत कराया जाता है. इसके साथ ही इसमें कुछ सदस्य भी रहते हैं. इसके बाद कालोनी या अपार्टमेंट में रहने वाले जितने भी लोग हैं उनसे ₹1500 से लेकर ₹3000 तक यह शुल्क क्षेत्रफल के आधार पर लिया जाता है और इसी कलेक्शन से तमाम तरह के काम कराए जाते हैं.
ये है पूरी प्रक्रिया, सुनिए आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष की जुबानी
गोमतीनगर विस्तार रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे बताते हैं कि अपार्टमेंट एक्ट 2010 के अंतर्गत आरडब्लूए का गठन होता है. इस एक्ट के अनुसार इसमें कम से कम 4 और अधिकतम 10 सदस्य हो सकते हैं. इनमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्ष मुख्य रूप से रहते हैं. हमारा गठन वार्षिक एजीएम के अंतर्गत होता है. आम सहमति से चुनाव प्रक्रिया होती है या फिर चुनाव को लेकर पूरी प्रक्रिया अपनाई जाती है. इसको लेकर अधिसूचना जारी होती है. नामांकन या अन्य प्रकार से जो भी चुनाव प्रक्रिया होती है. उसका अनुपालन करते हुए चुनाव कराया जाता है. इसके बाद निर्वाचित कमेटी का नोटिफिकेशन होता है.
निर्वाचित आरडब्ल्यूए एक साल तक करती है काम, फिर होता है गठन
यह आरडब्लूए एक साल तक काम करती है. एक साल के बाद इसके गठन को लेकर दोबारा से गठन या निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी होती है. अपार्टमेंट के अंदर जो भी मेंटेनेंस चार्ज है वह लिया जाता है और उसी के अनुरूप काम किया जाता है. कार्यक्रमों के स्तर पर या प्राइवेट बिल्डरों के स्तर पर इसे अलग-अलग प्रकार से लिया जाता है. मुख्य रूप से 1500 रुपए से इसकी शुरुआत होती है और ₹3000 तक कई जगहों पर भी प्राइवेट बिल्डरों के जहाँ अपार्टमेंट हैं वहां लिया जाता है.
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