लखनऊः सीबीआई की विशेष अदालत में 30 सितंबर को बाबरी विध्वंस मामले का फैसला सुनाया जाएगा. यह 28 साल पुराना ऐतिहासिक फैसला राजधानी लखनऊ के पुरानी हाइकोर्ट बिल्डिंग में स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सुनाया जाएगा. दरअसल अयोध्या में 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को गिराया गया था, जिसके बाद एक लंबी न्यायिक प्रक्रिया के तहत कार्यवाही चली. इस मामले में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में 994 गवाह के नाम दिए थे, लेकिन इसमें से कुल 354 गवाह सीबीआई की तरफ से पेश किए जा सके.
सीबीआई की विशेष अदालत में इस ऐतिहासिक फैसले को जस्टिस सुरेंद्र कुमार यादव की कलम से लिखा जाएगा. आइये एक नजर डालते हैं जस्टिस सुरेंद्र कुमार से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी पर.
ऐतिहासिक फैसले को लिखने वाले जज के जुड़ी कुछ खास बातें-
जस्टिस का नाम | सुरेंद्र कुमार यादव |
जस्टिस के पिता का नाम | रामकृष्ण यादव |
मूल निवास स्थान | ग्राम- पाखड़पुर, जिला- जौनपुर, राज्य-उत्तर प्रदेश |
जन्मतिथि | 10/09/1959 |
शिक्षा | एलएलएम (द्वितीय श्रेणी) |
पद | विशेष न्यायधीश (बाबरी मस्जिद विध्वंस केस) |
न्यायिक सेवा की शुरुआत | वर्ष 1990, एडिशन मुंसिफ, स्थान- फैजाबाद |
सबसे बड़ा पद | जिला जज, स्थान-लखनऊ |
जिला जज (लखनऊ) के पद से रिटायर | 10/09/2019 |
सेवा में विस्तार | बाबरी विध्वंस केस की सुनवाई तक |
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