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Chitragupta Puja 2021: इस दिन होगी कलम-दवात की पूजा, जानें मुहूर्त और मान्यता

भगवान चित्रगुप्त के जन्मदिवस पर होने वाली कलम की पूजा इस बार छ: नवंबर को होगी. उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में भगवान चित्रगुप्त के मंदिर हैं जहां सामूहिक कलम पूजा आयोजित होगी.

जानें मुहूर्त और मान्यता
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Published : Nov 5, 2021, 1:49 PM IST

लखनऊ: भगवान चित्रगुप्त के जन्मदिवस पर होने वाली कलम की पूजा इस बार छ: नवंबर को होगी. दोपहर बाद 1:15 से शाम 3:15 बजे तक पूजा का मुहूर्त है. राजधानी के चित्रगुप्त मंदिरों के साथ साथ गोमती तट पर भी यह पूजा आयोजित की जाती है. उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में भगवान चित्रगुप्त के मंदिर हैं जहां सामूहिक कलम पूजा आयोजित होगी. इसके अलावा लोग अपने अपने घरों में भी यम द्वितीया यानी भैया दूज के दिन यह पूजा करते हैं.



कहते हैं कि भगवान ब्रह्मा के नाभि से एक दिव्य पुरुष का अवतरण हुआ था, जिसके हाथों में कलम दवात थी. जबकि कुछ लोगों का मानना है कि समुद्र मंथन से भगवान चित्रगुप्त का जन्म हुआ था. उनके हाथों में कलम दवात थी. ब्रह्मा ने उन्हें यमलोक में लोगों के पाप और पुण्य का हिसाब रखने का दायित्व सौंपा था. भगवान चित्रगुप्त को देव लोक का धर्म अधिकारी भी कहा जाता है, उनका संबंध लेखन कार्य से है. कायस्थ समाज अपने को भगवान चित्रगुप्त का वंशज मानता है. भगवान चित्रगुप्त का वर्णन ब्रह्म पुराण यम संगीता स्कंद पुराण पद्म पुराण और याज्ञवल्क्य स्मृति सहित कई ग्रंथों में मिलता है.

यह भी पढ़ें- जब धरती पर आया प्रलय तब भगवान कृष्ण ने उठा लिया गोवर्धन


जानें मुहूर्त

इस बार चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त शनिवार दोपहर 1.15 से शाम 3.25 तक है, जबकि द्वितिया तिथि की बात करें तो 5 नवंबर 2021 शुक्रवार रात 11 बजकर 15 मिनट से 6 नवंबर 2021 शनिवार को शाम 7 बजकर 44 मिनट तक है. इसी तिथि में भैय्यादूज का त्यौहार मनाया जाता है.

इस दिन कलम दवात पूजा के साथ-साथ भगवान चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है. इसके अलावा कायस्थ समाज की कुलदेवी मां दुर्गा की आराधना का भी प्रावधान है. इसी दिन बही-खाते की शुरुआत भी की जाती है. कलम दवात पूजा के बाद भगवान चित्रगुप्त आए नमः श्री गणेशाय नमः का लेखन कार्य करके कायस्थ समाज अपने लेखन कार्य का शुभारंभ करता है.

लखनऊ: भगवान चित्रगुप्त के जन्मदिवस पर होने वाली कलम की पूजा इस बार छ: नवंबर को होगी. दोपहर बाद 1:15 से शाम 3:15 बजे तक पूजा का मुहूर्त है. राजधानी के चित्रगुप्त मंदिरों के साथ साथ गोमती तट पर भी यह पूजा आयोजित की जाती है. उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिलों में भगवान चित्रगुप्त के मंदिर हैं जहां सामूहिक कलम पूजा आयोजित होगी. इसके अलावा लोग अपने अपने घरों में भी यम द्वितीया यानी भैया दूज के दिन यह पूजा करते हैं.



कहते हैं कि भगवान ब्रह्मा के नाभि से एक दिव्य पुरुष का अवतरण हुआ था, जिसके हाथों में कलम दवात थी. जबकि कुछ लोगों का मानना है कि समुद्र मंथन से भगवान चित्रगुप्त का जन्म हुआ था. उनके हाथों में कलम दवात थी. ब्रह्मा ने उन्हें यमलोक में लोगों के पाप और पुण्य का हिसाब रखने का दायित्व सौंपा था. भगवान चित्रगुप्त को देव लोक का धर्म अधिकारी भी कहा जाता है, उनका संबंध लेखन कार्य से है. कायस्थ समाज अपने को भगवान चित्रगुप्त का वंशज मानता है. भगवान चित्रगुप्त का वर्णन ब्रह्म पुराण यम संगीता स्कंद पुराण पद्म पुराण और याज्ञवल्क्य स्मृति सहित कई ग्रंथों में मिलता है.

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जानें मुहूर्त

इस बार चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त शनिवार दोपहर 1.15 से शाम 3.25 तक है, जबकि द्वितिया तिथि की बात करें तो 5 नवंबर 2021 शुक्रवार रात 11 बजकर 15 मिनट से 6 नवंबर 2021 शनिवार को शाम 7 बजकर 44 मिनट तक है. इसी तिथि में भैय्यादूज का त्यौहार मनाया जाता है.

इस दिन कलम दवात पूजा के साथ-साथ भगवान चित्रगुप्त की भी पूजा की जाती है. इसके अलावा कायस्थ समाज की कुलदेवी मां दुर्गा की आराधना का भी प्रावधान है. इसी दिन बही-खाते की शुरुआत भी की जाती है. कलम दवात पूजा के बाद भगवान चित्रगुप्त आए नमः श्री गणेशाय नमः का लेखन कार्य करके कायस्थ समाज अपने लेखन कार्य का शुभारंभ करता है.

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