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Kite Festival in Lucknow : आसमान में रंग बिरंगी पतंगों के खूब लड़े पेच, मशहूर पतंगबाज हुए सम्मानित - लखनऊ में पतंगबाजी

राजधानी लखनऊ में पतंगबाजी (Kite Festival in Lucknow) का इतिहास पुराना है. पुराने लखनऊ में पंतगबाजी के शौकीन आज भी हैं और त्योहारों और छुट्टियों में पतंगें उड़ाते हैं. इस बार राजधानी लखनऊ में पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया. जिसमें मेयर संयुक्ता भाटिया समेत कई अफसरों और मशहूर पतंगबाजों ने शिरकत की.

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Published : Jan 14, 2023, 4:52 PM IST

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लखनऊ : अदब की सरजमीं राजधानी लखनऊ में पतंगबाजी का पुराना इतिहास रहा है. पुराने लखनऊ में पतंगबाजी का हुनर आज भी बकरार है. त्योहारों और छुट्टियों में राजधानी के आसमान में खूब पतंगें उड़ाई जाती हैं और पेच लड़ाए जाते हैं. शनिवार को राजधानी लखनऊ में पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया. इस महोत्सव में मेयर संयुक्ता भाटिया, नगर आयुक्त के साथ नगर विकास विभाग के कई अधिकारी भी शामिल हुए और पतंगबाज महोत्सव का लुत्फ उठाया.

घंटाघर से पार हुई योगी-मोदी की तस्वीर वाली पतंग : लखनऊ शहर के कई पुराने और मशहूर पतंगबाजों ने इस महोत्सव में हिस्सा लिया. वहीं कुछ लोग योगी-मोदी की पतंग भी उड़ाते नज़र आए. शहर की ऐतिहासिक धरोहर घंटाघर से पतंगबाजों से पतंग पार कर एक दूसरे के पेंच काटे. पतंगबाजों की हौसला अफजाई के लिए उन्हें महोत्सव में सम्मानित भी किया गया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए शहर की मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि लखनऊ शहर में लोगों को पतंगबाजी का शौक बहुत ज्यादा है. पतंगबाजी को हमारे शहर में एक खेल के रूप में देखा जाता है. दीपावली के दूसरे दिन जमघट त्यौहार मनाया जाता है. उस दिन भी पूरे आसमान में पतंगें ही पतंगें नजर आती हैं.

मेयर ने बताया कि हमारी नगर निगम की टीम शहर को स्वच्छ बनाने में लगातार जुटी हुई है. वहीं इस प्रयास को खेल और मनोरंजन से जोड़ने के मकसद से इस महोत्सव का आयोजन किया गया. पतंगबाजी से होने वाले हादसों के सवाल पर बोलते हुए मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि अगर पतंगबाज पतंगों में सिंथेटिक मांझे का इस्तेमाल ना करें तो ऐसे दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है. उन्होंने अपील करते हुए पतंग उड़ाने वालों से कहा कि सभी अपने शौक पूरे करें, लेकिन किसी की जान ना जाए और किसी के साथ कोई हादसा ना हो इस को ध्यान में रखते हुए लोगों को अपने उत्सव मनाने चाहिए.

यह भी पढ़ें : Ganga Vilas Cruise: गाजीपुर पहुंचा गंगा विलास क्रूज, सैलानियों का हुआ भव्य स्वागत

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लखनऊ : अदब की सरजमीं राजधानी लखनऊ में पतंगबाजी का पुराना इतिहास रहा है. पुराने लखनऊ में पतंगबाजी का हुनर आज भी बकरार है. त्योहारों और छुट्टियों में राजधानी के आसमान में खूब पतंगें उड़ाई जाती हैं और पेच लड़ाए जाते हैं. शनिवार को राजधानी लखनऊ में पतंग महोत्सव का आयोजन किया गया. इस महोत्सव में मेयर संयुक्ता भाटिया, नगर आयुक्त के साथ नगर विकास विभाग के कई अधिकारी भी शामिल हुए और पतंगबाज महोत्सव का लुत्फ उठाया.

घंटाघर से पार हुई योगी-मोदी की तस्वीर वाली पतंग : लखनऊ शहर के कई पुराने और मशहूर पतंगबाजों ने इस महोत्सव में हिस्सा लिया. वहीं कुछ लोग योगी-मोदी की पतंग भी उड़ाते नज़र आए. शहर की ऐतिहासिक धरोहर घंटाघर से पतंगबाजों से पतंग पार कर एक दूसरे के पेंच काटे. पतंगबाजों की हौसला अफजाई के लिए उन्हें महोत्सव में सम्मानित भी किया गया. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए शहर की मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि लखनऊ शहर में लोगों को पतंगबाजी का शौक बहुत ज्यादा है. पतंगबाजी को हमारे शहर में एक खेल के रूप में देखा जाता है. दीपावली के दूसरे दिन जमघट त्यौहार मनाया जाता है. उस दिन भी पूरे आसमान में पतंगें ही पतंगें नजर आती हैं.

मेयर ने बताया कि हमारी नगर निगम की टीम शहर को स्वच्छ बनाने में लगातार जुटी हुई है. वहीं इस प्रयास को खेल और मनोरंजन से जोड़ने के मकसद से इस महोत्सव का आयोजन किया गया. पतंगबाजी से होने वाले हादसों के सवाल पर बोलते हुए मेयर संयुक्ता भाटिया ने कहा कि अगर पतंगबाज पतंगों में सिंथेटिक मांझे का इस्तेमाल ना करें तो ऐसे दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है. उन्होंने अपील करते हुए पतंग उड़ाने वालों से कहा कि सभी अपने शौक पूरे करें, लेकिन किसी की जान ना जाए और किसी के साथ कोई हादसा ना हो इस को ध्यान में रखते हुए लोगों को अपने उत्सव मनाने चाहिए.

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