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बिना ब्लड ग्रुप मेल खाये ही मरीजों का हो सकेगा गुर्दा प्रत्यारोपण

लोहिया संस्थान में बिना ब्लड ग्रुप मेल खाये मरीजों का भी गुर्दा प्रत्यारोपण मुमकिन होगा. संस्थान के नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग मिलकर जटिल गुर्दा प्रत्यारोपण करेंगे. अधिकारियों ने इस विधा से करीब दो महीने में प्रत्यारोपण शुरू होने की उम्मीद जाहिर की है.

बिना ब्लड ग्रुप मेल खाये ही मरीजों का हो सकेगा गुर्दा प्रत्यारोपण
बिना ब्लड ग्रुप मेल खाये ही मरीजों का हो सकेगा गुर्दा प्रत्यारोपण
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Published : Mar 11, 2021, 9:00 AM IST

लखनऊः लोहिया संस्थान में बिना ब्लड ग्रुप मेल खाये मरीजों का भी गुर्दा प्रत्यारोपण मुमकिन होगा. संस्थान के नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग मिलकर जटिल गुर्दा प्रत्यारोपण करेंगे. अधिकारियों ने इस विधा से करीब दो महीने में प्रत्यारोपण शुरू होने की उम्मीद जाहिर की है.

लोहिया संस्थान में गुर्दा मरीजों को राहत

अभी लोहिया संस्थान में उन मरीजों का गुर्दा प्रत्यारोपण हो रहा है. जिनका ब्लड ग्रुप मेल खा रहा है. अबतक 90 गुर्दा प्रत्यारोपण हो चुके हैं. संस्थान में नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अभिलाष चन्द्रा के मुताबिक ब्लड ग्रुप मेल न खाने की वजह से 10 से 20 फीसदी मरीजों को उम्र भर या फिर लंबे समय तक डायलिसिस करानी पड़ती है. परिजन चाहकर भी मरीज को गुर्दा दान नहीं कर पाते हैं. लेकिन अब ब्लड ग्रुप की बाधा को तोड़ते हुए एबीओ-कम्पटेबल अंग प्रत्यारोपण किया जायेगा. इसके तहत अलग ब्लड ग्रुप का गुर्दा दूसरे मरीज में प्रत्यारोपित किया जा सकेगा. इससे गुर्दे के गंभीर मरीजों को नया जीवन मिल सकेगा. उन्हें डायलिसिस से भी निजात मिलने की उम्मीद जगी है.

बनेगा आईसीयू

डॉक्टर अभिलाष चंन्द्रा के मुताबिक विभाग में गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू भी बनेगा. इसका प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है. आईसीयू में चार बेड होंगे. सभी बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा होगा. इससे गंभीर मरीजों को राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन और कोरोनाकाल में लगातार मरीजों की डायलिसिस चली. गुर्दा प्रत्यारोपण भी हुये हैं.

लखनऊः लोहिया संस्थान में बिना ब्लड ग्रुप मेल खाये मरीजों का भी गुर्दा प्रत्यारोपण मुमकिन होगा. संस्थान के नेफ्रोलॉजी और यूरोलॉजी विभाग मिलकर जटिल गुर्दा प्रत्यारोपण करेंगे. अधिकारियों ने इस विधा से करीब दो महीने में प्रत्यारोपण शुरू होने की उम्मीद जाहिर की है.

लोहिया संस्थान में गुर्दा मरीजों को राहत

अभी लोहिया संस्थान में उन मरीजों का गुर्दा प्रत्यारोपण हो रहा है. जिनका ब्लड ग्रुप मेल खा रहा है. अबतक 90 गुर्दा प्रत्यारोपण हो चुके हैं. संस्थान में नेफ्रोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर अभिलाष चन्द्रा के मुताबिक ब्लड ग्रुप मेल न खाने की वजह से 10 से 20 फीसदी मरीजों को उम्र भर या फिर लंबे समय तक डायलिसिस करानी पड़ती है. परिजन चाहकर भी मरीज को गुर्दा दान नहीं कर पाते हैं. लेकिन अब ब्लड ग्रुप की बाधा को तोड़ते हुए एबीओ-कम्पटेबल अंग प्रत्यारोपण किया जायेगा. इसके तहत अलग ब्लड ग्रुप का गुर्दा दूसरे मरीज में प्रत्यारोपित किया जा सकेगा. इससे गुर्दे के गंभीर मरीजों को नया जीवन मिल सकेगा. उन्हें डायलिसिस से भी निजात मिलने की उम्मीद जगी है.

बनेगा आईसीयू

डॉक्टर अभिलाष चंन्द्रा के मुताबिक विभाग में गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू भी बनेगा. इसका प्रस्ताव उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है. आईसीयू में चार बेड होंगे. सभी बेड पर वेंटिलेटर की सुविधा होगा. इससे गंभीर मरीजों को राहत मिलेगी. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन और कोरोनाकाल में लगातार मरीजों की डायलिसिस चली. गुर्दा प्रत्यारोपण भी हुये हैं.

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