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खुशी दुबे की मां ने कहा- मेरी निर्दोष बेटी पर तरस खाए योगी सरकार

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Published : Jun 13, 2021, 12:30 AM IST

उत्तर प्रदेश के कानपुर में चर्चित बिकरू कांड के अभियुक्त अमर दुबे की नवविवाहिता पत्नी खुशी दुबे की रिहाई की अपील उसकी मां गायत्री तिवारी ने की है. उन्होंने कहा कि उसकी बेटी निर्दोष है और सरकार को उसे रिहा करना चाहिए. इसके लिए उन्होंने सीएम योगी से अपील की.

खुशी दुबे की मां ने सीएम योगी से की बेटी की रिहाई की मांग
खुशी दुबे की मां ने सीएम योगी से की बेटी की रिहाई की मांग

लखनऊ: कानपुर में बिकरू कांड के बाद एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी बेटी की रिहाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी निर्दोष है और उसका घटना से कोई लेना-देना नहीं है. पुलिस फर्जी तरीके से मेरी बेटी को फंसा रही है. उन्होंने कहा कि हम न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन हमें कहीं न्याय नहीं मिला है. अब हम किससे न्याय मांगने जाएं. मेरी गुजारिश है कि सीएम योगी इस मामले में हस्तक्षेप कर मेरी बेटी को रिहा करवाएं.

जानें क्या है पूरा मामला
खुशी और अमर दुबे की शादी बिकरू कांड के पांच दिन पहले 29 जून, 2020 को शादी हुई थी. खुशी दुबे के पति और बिकरू कांड के आरोपी अमर दुबे को STF की टीम ने 5 जुलाई, 2020 को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था.

बिकरू कांड में पुलिस ने साजिश रचने का आरोपी बनाया था
खुशी दुबे को पुलिस ने बिकरू कांड में 120B (साजिशकर्ता) का आरोपी बनाया था. 5 जुलाई को जिस दिन STF ने उसके पति अमर दुबे को हमीरपुर में एनकाउंटर में ढेर किया, उसी दिन उसे भी हिरासत में ले लिया गया था. इसके बाद पुलिस पर उत्पीड़न करने के आरोप भी लगे. खुशी को निर्दोष करार देते हुए कुछ लोगों ने उसकी रिहाई की मांग भी उठाई. इस बीच अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने 12 अगस्त 2020 को विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (कानपुर देहात एंटी डकैती कोर्ट) में प्रार्थना पत्र देकर उसके नाबालिग होने के संबंध में साक्ष्य दिए थे. साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने खुशी के उम्र निर्धारण के लिए किशोर न्याय बोर्ड को मामला स्थानांतरित कर दिया था.

इसे भी पढ़ें:- आखिर क्यों...प्रतापगढ़ में पोस्टिंग नहीं चाहता कोई IPS, छह माह में तीन गए

कोर्ट ने करार दिया था नाबालिग, भेजा था बाराबंकी संप्रेक्षण गृह
2 सितंबर 2020 को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने बोर्ड को बताया कि खुशी ने कक्षा 5 व 8 की परीक्षा शास्त्री नगर स्थित मां सरस्वती विद्यालय से और कक्षा 9 व 10 की परीक्षा पनकी स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद इंटर कॉलेज से पास की है. प्रमाणपत्रों के आधार पर उसका जन्म 21 अगस्त 2003 को हुआ था. हाईस्कूल के प्रमाणपत्र व अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र भी पेश किए, जिसके आधार पर बोर्ड ने खुशी को नाबालिग मान लिया और फैसला सुनाते हुए कहा था कि प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर खुशी की उम्र लगभग 16 वर्ष 10 माह है.

लखनऊ: कानपुर में बिकरू कांड के बाद एनकाउंटर में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के भतीजे अमर दुबे की पत्नी खुशी दुबे की मां गायत्री तिवारी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपनी बेटी की रिहाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि मेरी बेटी निर्दोष है और उसका घटना से कोई लेना-देना नहीं है. पुलिस फर्जी तरीके से मेरी बेटी को फंसा रही है. उन्होंने कहा कि हम न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन हमें कहीं न्याय नहीं मिला है. अब हम किससे न्याय मांगने जाएं. मेरी गुजारिश है कि सीएम योगी इस मामले में हस्तक्षेप कर मेरी बेटी को रिहा करवाएं.

जानें क्या है पूरा मामला
खुशी और अमर दुबे की शादी बिकरू कांड के पांच दिन पहले 29 जून, 2020 को शादी हुई थी. खुशी दुबे के पति और बिकरू कांड के आरोपी अमर दुबे को STF की टीम ने 5 जुलाई, 2020 को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था.

बिकरू कांड में पुलिस ने साजिश रचने का आरोपी बनाया था
खुशी दुबे को पुलिस ने बिकरू कांड में 120B (साजिशकर्ता) का आरोपी बनाया था. 5 जुलाई को जिस दिन STF ने उसके पति अमर दुबे को हमीरपुर में एनकाउंटर में ढेर किया, उसी दिन उसे भी हिरासत में ले लिया गया था. इसके बाद पुलिस पर उत्पीड़न करने के आरोप भी लगे. खुशी को निर्दोष करार देते हुए कुछ लोगों ने उसकी रिहाई की मांग भी उठाई. इस बीच अधिवक्ता शिवाकांत दीक्षित ने 12 अगस्त 2020 को विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावित क्षेत्र (कानपुर देहात एंटी डकैती कोर्ट) में प्रार्थना पत्र देकर उसके नाबालिग होने के संबंध में साक्ष्य दिए थे. साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने खुशी के उम्र निर्धारण के लिए किशोर न्याय बोर्ड को मामला स्थानांतरित कर दिया था.

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2 सितंबर 2020 को सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने बोर्ड को बताया कि खुशी ने कक्षा 5 व 8 की परीक्षा शास्त्री नगर स्थित मां सरस्वती विद्यालय से और कक्षा 9 व 10 की परीक्षा पनकी स्थित शहीद चंद्रशेखर आजाद इंटर कॉलेज से पास की है. प्रमाणपत्रों के आधार पर उसका जन्म 21 अगस्त 2003 को हुआ था. हाईस्कूल के प्रमाणपत्र व अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र भी पेश किए, जिसके आधार पर बोर्ड ने खुशी को नाबालिग मान लिया और फैसला सुनाते हुए कहा था कि प्रस्तुत किए गए साक्ष्यों के आधार पर खुशी की उम्र लगभग 16 वर्ष 10 माह है.

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