लखनऊ: पीएम मोदी के 'टीबी मुक्त भारत' का सपना पूरा करने के लिए केजीएमयू के डॉक्टरों ने पहल शुरू कर दी है. राज्यपाल के आदेश के बाद डॉक्टरों ने गांव को गोद लिया है. डॉक्टरों ने अगले ही दिन गांव का भ्रमण कर डोर टू डोर सर्वे किया है.
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डॉक्टरों ने गांव को लिया गोद
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 19 मार्च को कार्यक्रम में केजीएमयू के हर डॉक्टर से टीबी पीड़ित बच्चों को गोद लेने की अपील की थी. ऐसे में पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग ने मंगलवार को उत्तर धौना गांव को गोद लिया है. अगले ही दिन विश्व क्षयरोग दिवस पर विभागाध्यक्ष डॉ वेद प्रकाश टीम के साथ गांव पहुंचे. यहां उन्होंने प्रधान से मुलाकात की. साथ ही डोर-टू-डोर सर्वे किया.
पहले दिन 200 घरों में पहुंची टीम
केजीएमयू के वरिष्ठ डॉक्टरों को गांव में देखकर लोग काफी उत्साहित दिखे. डॉक्टर वेद प्रकाश के मुताबिक 10 हजार आबादी वाले उत्तर धौना गांव के 200 घरों का सर्वे किया गया है. इसमें चार मरीज मिले हैं. जिसमें से एक को टीबी है. गांव के गोद लेने के लिए कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉक्टर विपिन पुरी और गांव के प्रधान ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये हैं. डॉ वेद प्रकाश के मुताबिक 25 टीबी पीड़ित बच्चों को भी गोद लिया गया. इनको मुफ्त दवा व पोषण किट उपलब्ध कराई जाएगी. टीबी दिवस पर शहर में कई जगह जागरूकता कार्यक्रम हुए.