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शताब्दी के प्रथम तल पर शिफ्ट हुआ केजीएमयू प्लाज्मा बैंक

राजधानी लखनऊ स्थित केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के प्लाज्मा बैंक को शाहमीना रोड से शताब्दी अस्पताल के प्रथम तल पर शिफ्ट किया गया है. केजीएमयू प्लाज्मा बैंक, लखनऊ के अलावा अन्य राज्यों के कई केंद्रों को दिए जाने वाले प्लाज्मा की आपूर्ति करता है. इस समय डॉक्टर्स प्लाज्मा का स्टॉक बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं.

केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के प्लाज्मा बैंक को किया गया शिफ्ट
केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के प्लाज्मा बैंक को किया गया शिफ्ट
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Published : Apr 20, 2021, 1:19 PM IST

लखनऊ : केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के प्लाज्मा बैंक को शाहमीना रोड से शताब्दी अस्पताल के प्रथम तल पर शिफ्ट किया गया है. केजीएमयू प्लाज्मा बैंक लखनऊ के अलावा अन्य राज्य के कई केंद्रों को दी जाने वाली प्लाज्मा की आपूर्ति करता है. इस समय डॉक्टर्स प्लाज्मा के स्टॉक बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि, यह जरूरतमंद मरीजों के लिए उपलब्ध हो सके. वर्तमान में अस्पताल प्रशासन ऐसे लोगों का पता कर रहे हैं जो कोविड को मात दे चुके हो और जो आगे बढ़कर कोविड संक्रमित मरीजों के लिए प्लाज्मा डोनेट करें. ताकि प्लाज्मा बैंक में प्लाज्मा की कमी न होने पाएं. कोरोना की दूसरी लहर में 150 कोरोना संक्रमित मरीजों की जान प्लाज्मा के जरिए बचाई जा चुकी हैं.

ये लोग कर सकते हैं प्लाज्मा डोनेट

बता दें कि प्लाज्मा डोनेट करने के लिए उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए. वजन 50 किलो से अधिक, किसी भी तरह की कॉमरेडिटी नहीं होनी चाहिए. वहीं 6 महीने के भीतर कोरोना पॉजिटिव मरीज रिकवर हुआ हो. कोविड टीकाकरण की दूसरी डोज लेने 28 दिनों के बाद प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं. प्लाज्मा डोनर को उनके हीमेटोलॉजिकल मापदंडों के लिए परीक्षण किया जाएगा और कोविड एंटीबॉडी और फिर प्लास्मफेरेसिस द्वारा दान किया जाएगा.

यह प्रक्रिया एफेरेसिस मशीन की मदद से की जाती है. जहां एक हाथ से रक्त मशीन में जाता है और दूसरे द्वारा वापस ले लिया जाता है. कोविड एंटीबॉडी के साथ प्लाज्मा को बाहर निकाला जाता है. अस्पताल पूरी तरह से सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहा है. यह पूरी प्रक्रिया सुरक्षित है.

अस्पताल प्रशासन ने सभी पॉजिटिव मरीजों से अपील किया कि वे आगे बढ़कर प्लाज्मा दान करें और जरूरतमंद मरीजों की मदद करें. कोविड पॉजिटिव मरीजों के तीमारदारों को इस समय प्लाज्मा डोनर की आवश्यकता है. जिसके लिए उन्हें रक्तदाताओं को खोजने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए प्लाज्मा दान करने के लिए केजीएमयू प्लाज्मा बैंक के आएं.

अब तक 150 लोगों की बचाई गई जान

कोविड महामारी से उबर चुके मरीज कोविड निगेटिव होने के 28 दिनों बाद प्लाज्मा दान कर सकते हैं. ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग ने कोविड महामारी की दूसरी लहर में 150 से अधिक मरीजों को प्लाज्मा की आपूर्ति की है. यह डोनेटर के किसी भी बड़े समूह के बदले में मरीजों को रक्त समूह प्लाज्मा देने की प्रक्रिया को बनाए रखने का एक प्रयास है. इस दौरान डॉक्टरों ने प्लाज्मा डोनेट करने वालों को आगे आने के लिए कहा है. क्योंकि वे कई कोविड पॉजिटिव ​​मरीजों की जिंदगी को बचा सकते हैं.

इसे भी पढ़ें-यूपी में कोरोना का हाल : नीति आयोग ने योगी सरकार को कही ये बात

लखनऊ : केजीएमयू के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के प्लाज्मा बैंक को शाहमीना रोड से शताब्दी अस्पताल के प्रथम तल पर शिफ्ट किया गया है. केजीएमयू प्लाज्मा बैंक लखनऊ के अलावा अन्य राज्य के कई केंद्रों को दी जाने वाली प्लाज्मा की आपूर्ति करता है. इस समय डॉक्टर्स प्लाज्मा के स्टॉक बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं. ताकि, यह जरूरतमंद मरीजों के लिए उपलब्ध हो सके. वर्तमान में अस्पताल प्रशासन ऐसे लोगों का पता कर रहे हैं जो कोविड को मात दे चुके हो और जो आगे बढ़कर कोविड संक्रमित मरीजों के लिए प्लाज्मा डोनेट करें. ताकि प्लाज्मा बैंक में प्लाज्मा की कमी न होने पाएं. कोरोना की दूसरी लहर में 150 कोरोना संक्रमित मरीजों की जान प्लाज्मा के जरिए बचाई जा चुकी हैं.

ये लोग कर सकते हैं प्लाज्मा डोनेट

बता दें कि प्लाज्मा डोनेट करने के लिए उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए. वजन 50 किलो से अधिक, किसी भी तरह की कॉमरेडिटी नहीं होनी चाहिए. वहीं 6 महीने के भीतर कोरोना पॉजिटिव मरीज रिकवर हुआ हो. कोविड टीकाकरण की दूसरी डोज लेने 28 दिनों के बाद प्लाज्मा डोनेट कर सकते हैं. प्लाज्मा डोनर को उनके हीमेटोलॉजिकल मापदंडों के लिए परीक्षण किया जाएगा और कोविड एंटीबॉडी और फिर प्लास्मफेरेसिस द्वारा दान किया जाएगा.

यह प्रक्रिया एफेरेसिस मशीन की मदद से की जाती है. जहां एक हाथ से रक्त मशीन में जाता है और दूसरे द्वारा वापस ले लिया जाता है. कोविड एंटीबॉडी के साथ प्लाज्मा को बाहर निकाला जाता है. अस्पताल पूरी तरह से सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहा है. यह पूरी प्रक्रिया सुरक्षित है.

अस्पताल प्रशासन ने सभी पॉजिटिव मरीजों से अपील किया कि वे आगे बढ़कर प्लाज्मा दान करें और जरूरतमंद मरीजों की मदद करें. कोविड पॉजिटिव मरीजों के तीमारदारों को इस समय प्लाज्मा डोनर की आवश्यकता है. जिसके लिए उन्हें रक्तदाताओं को खोजने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए प्लाज्मा दान करने के लिए केजीएमयू प्लाज्मा बैंक के आएं.

अब तक 150 लोगों की बचाई गई जान

कोविड महामारी से उबर चुके मरीज कोविड निगेटिव होने के 28 दिनों बाद प्लाज्मा दान कर सकते हैं. ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग ने कोविड महामारी की दूसरी लहर में 150 से अधिक मरीजों को प्लाज्मा की आपूर्ति की है. यह डोनेटर के किसी भी बड़े समूह के बदले में मरीजों को रक्त समूह प्लाज्मा देने की प्रक्रिया को बनाए रखने का एक प्रयास है. इस दौरान डॉक्टरों ने प्लाज्मा डोनेट करने वालों को आगे आने के लिए कहा है. क्योंकि वे कई कोविड पॉजिटिव ​​मरीजों की जिंदगी को बचा सकते हैं.

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