लखनऊ: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में अब तक लगभग 400 हेल्थ केयर वर्कर्स एक्टिव और पैसिव क्वारंटाइन की अवधि पूरी कर अपने-अपने विभागों में वापस ड्यूटी करना शुरू कर चुके हैं, लेकिन इसके बावजूद हेल्थकेयर वर्कर्स के अंदर कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने का जज्बा बरकरार है.
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में कोरोना वायरस इलाज के लिए बनाए गए कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने के लिए लगभग 15 टीमें बनाई जा चुकी हैं. इनमें से 7 टीमें कोरोना वार्ड के अलग-अलग हिस्सों में अपनी ड्यूटी कर पैसिव क्वारंटाइन की अवधि भी पूरी कर चुकी हैं.
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भट्ट कहते हैं कि क्वारंटाइन से हमारी टीमें लगातार वापस आ रही हैं. उनका उत्साह देखते हुए बन रहा है. हम इन सभी टीमों का धन्यवाद करते हैं और हमें इस बात का गर्व है कि यह सभी टीमें दोबारा कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने को तत्पर हैं. हम इनकी समुचित देखरेख करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. इसी वजह से लगातार कोरोना मरीजों की सेवा करने में भी हम सफल रहे हैं.
केजीएमयू के फार्मोकोलॉजी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नरेंद्र कुमार कोरोना वार्ड के आइसोलेशन टीम के हेड रहे हैं. 7 दिन के एक्टिव क्वारंटाइन के बाद 14 दिन की पैसिव क्वारंटाइन की अवधि पूरी करने के बाद जब वह केजीएमयू लौटे तो उन्होंने अपने अनुभव साझा किए.
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के दंत संकाय में प्रोस्थोडोंटिक्स डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉक्टर लक्ष्य कुमार इस वक्त कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर रही टीमों की क्वारंटाइन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर रही हर टीम के एक्टिव क्वारंटाइन और पैसिव क्वारंटाइन के बारे में डॉक्टर लक्ष्य कहते हैं कि एक्टिव क्वारंटाइन के तहत कोरोना वार्ड की सभी टीम मेडिकल कॉलेज के अंदर बने छात्रावास और प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई जगहों पर रह रहे हैं.
उनके खाने-पीने की व्यवस्था से लेकर जरूरत की हर सामान की जिम्मेदारी क्वारंटाइन कमेटी की है, जिसे हम पूरी कर रहे हैं. वहीं इस बोर्ड के आइसोलेशन और वेंटिलेटर यूनिट में काम कर रही टीमों के पैसिव क्वारंटाइन के लिए सरकार द्वारा चुने गए होटलों में व्यवस्था की गई है, जहां पर बाद 14 दिन के पैसिव क्वारंटाइन की अवधि पूरी करके वापस लौट रहे हैं.
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में कोरोना वायरस ड्यूटी करने वाली 15 टीमों की लिस्ट बनाई जा चुकी है. इन सभी को ड्यूटी करने का प्रशिक्षण भी लगातार दिया जा रहा है. इन 15 टीमों में प्रत्येक टीम में 20 से 25 हेल्थ केयर वर्कर शामिल हैं और यह 15 टीमें आइसोलेशन वार्ड/आईसीयू और वेंटिलेटर यूनिट के लिए ही बनाई गई हैं.
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किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी को उत्तर प्रदेश के कोरोना वायरस संदिग्ध व्यक्तियों की जांच और इलाज का नोडल सेंटर बनाया गया है. ऐसे में किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में हेल्थ केयर वर्कर्स लगातार कोरोना वार्ड में ड्यूटी कर रहे हैं और क्वारंटाइन की अवधि पूरी कर वापस आने के बाद भी उनमें दोबारा मरीजों की सेवा करने का भाव कायम है.
केजीएमयू के कोरोना वायरस के इलाज में ड्यूटी कर रही आठ टीमें अब तक पैसिव क्वारंटाइन की अवधि पूरी कर वापस आ चुकी हैं. इन टीमों से जुड़े लगभग 400 लोग एक्टिव और पैसिव क्वारंटाइन की अवधि पूरी कर चुके हैं.
डॉ. लक्ष्य कुमार, सदस्य, क्वारंटाइन कमेटी, KGMUआइसोलेशन वार्ड में ड्यूटी करने का हमारा अनुभव जिंदगी भर के लिए यादगार बन गया है. हालांकि इन दिनों में घर परिवार की याद बहुत बार आई, लेकिन सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हुए वीडियो कॉलिंग के जरिए उनसे भी बातचीत होती रही तो संबल बना रहा.
डॉ. नरेंद्र कुमार, एसोसिएट प्रोफेसर, KGMU