लखनऊ: अगर आप शुक्रवार को केजीएमयू में इलाज के लिए आ रहे हैं तो सोच समझ कर ही आएं. क्योंकि इस दिन कर्मचारी कार्य का बहिष्कार करेंगे. इसकी वजह से ओपीडी से लेकर भर्ती तक के मरीजों का इलाज प्रभावित हो सकता है. इसमें इमरजेंसी सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं.
शासन ने केजीएमयू के 14 कैडर का पुनर्गठन एक महीने में करने का वादा किया था. अभी तक किसी भी संवर्ग के कर्मचारियों का पुर्नगठन नहीं हुआ. जिसका इंतजार बुधवार तक केजीएमयू कर्मचारियों ने इंतजार किया. इस दौरान अफसरों का कोई जवाब नहीं आया. लिहाजा शाम में बैठक कर कार्य बहिष्कार का खाका कर्मचारियों ने तैयार किया.
कर्मचारी परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने बताया कि केजीएमयू में कुल 42 कैडर का पुनर्गठन होना है जो सालों से शासनादेश के बाद भी अटका है. तकरीबन एक माह पूर्व कार्य बहिष्कार में 14 कैडर पर मान गए थे. ताकि मरीजों का इलाज प्रभावित न हो. शासन ने हमारी चेतावनी को गंभीरता से नहीं लिया है. लिहाजा अब हम लोग पूरी तरह से सेवाएं ठप करने को मजबूर हैं. इस संबंध में केजीएमयू प्रशासन को अवगत करा दिया गया है. ऐसे में अब मरीजों के इलाज की पूरी जिम्मेदारी अधिकारियों पर होगी.
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