लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के मेडिसिन विभाग का एक कर्मचारी रिटायर होने के बाद भी चार माह से वेतन ले रहा था. इसका खुलासा होने पर केजीएमयू प्रशासन ने इस कर्मचारी के खिलाफ वसूली की नोटिस जारी की है. इस प्रकरण में एक अन्य कर्मचारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. जांच के लिए एक कमेटी भी बनायी गई है.
केजीएमयू की कुलसचिव रेखा सिंह चौहान ने बताया कि रिटायर कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच में यह मामला पता चला. मेडिसिन विभाग के इस कर्मचारी को नवंबर 2022 में रिटायर हो जाना चाहिए था. यह अभी तक वेतन ले रहा था. इस कर्मचारी की आधार के हिसाब से नवंबर 2024 में उम्र पूरी हो रही थी. जबकि सर्विस बुक के हिसाब से चार महीने पहले ही रिटायर हो गया था. जांच में पता चला कि दस्तावेजों में हेरा फेरी कर जन्म तिथि बदल दी गई. केजीएमयू कुलसचिव रेखा सिंह चौहान ने कहा कि रिटायर कर्मी से लिए गए वेतन की राशि की वसूली जाएगी. मामले में जांच कमेटी बनाई गई. शुरुआत में लेखा विभाग के एक कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध पायी गई है. उसकी लॉग इन आईडी से ही जन्म तिथि में बदलाव हुआ है. दोनों कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया है.
इधर, डॉ. हैदर अब्बास प्रोफेसर और प्रमुख को आपातकालीन चिकित्सा के विशेषज्ञ बोर्ड के सदस्य के रूप में नामित किया गया है. राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने विभिन्न विशिष्टताओं में एक विशेषज्ञ बोर्ड का गठन किया है. एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से, राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड के कार्यकारी निदेशक ने डॉ. हैदर अब्बास को आपातकालीन चिकित्सा के अनुशासन में एक सदस्य के रूप में उनके नामांकन के बारे में सूचित किया है. गौरतलब है कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का आपातकालीन चिकित्सा विभाग पांच सीटों के साथ आपातकालीन चिकित्सा कार्यक्रम में एमडी चला रहा है.
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KGMU Lucknow के मेडिसिन विभाग का कर्मचारी रिटायर होने के बाद भी ले रहा था सैलेरी, यह हुआ था खेल - वेतन लेने में घालमेल
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU Lucknow) के मेडिसिन विभाग के रिटायर्ड कर्मचारी के वेतन लेने का मामले संज्ञान में आया है. इस मामले में केजीएमयू प्रशासन ने कर्मचारी के अलावा लेखा विभाग के एक कर्मचारी के खिलाफ नोटिस जारी किया है.
लखनऊ : किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के मेडिसिन विभाग का एक कर्मचारी रिटायर होने के बाद भी चार माह से वेतन ले रहा था. इसका खुलासा होने पर केजीएमयू प्रशासन ने इस कर्मचारी के खिलाफ वसूली की नोटिस जारी की है. इस प्रकरण में एक अन्य कर्मचारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है. जांच के लिए एक कमेटी भी बनायी गई है.
केजीएमयू की कुलसचिव रेखा सिंह चौहान ने बताया कि रिटायर कर्मचारियों के दस्तावेजों की जांच में यह मामला पता चला. मेडिसिन विभाग के इस कर्मचारी को नवंबर 2022 में रिटायर हो जाना चाहिए था. यह अभी तक वेतन ले रहा था. इस कर्मचारी की आधार के हिसाब से नवंबर 2024 में उम्र पूरी हो रही थी. जबकि सर्विस बुक के हिसाब से चार महीने पहले ही रिटायर हो गया था. जांच में पता चला कि दस्तावेजों में हेरा फेरी कर जन्म तिथि बदल दी गई. केजीएमयू कुलसचिव रेखा सिंह चौहान ने कहा कि रिटायर कर्मी से लिए गए वेतन की राशि की वसूली जाएगी. मामले में जांच कमेटी बनाई गई. शुरुआत में लेखा विभाग के एक कर्मचारी की भूमिका संदिग्ध पायी गई है. उसकी लॉग इन आईडी से ही जन्म तिथि में बदलाव हुआ है. दोनों कर्मचारियों को नोटिस जारी किया गया है.
इधर, डॉ. हैदर अब्बास प्रोफेसर और प्रमुख को आपातकालीन चिकित्सा के विशेषज्ञ बोर्ड के सदस्य के रूप में नामित किया गया है. राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने विभिन्न विशिष्टताओं में एक विशेषज्ञ बोर्ड का गठन किया है. एक आधिकारिक पत्र के माध्यम से, राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान परीक्षा बोर्ड के कार्यकारी निदेशक ने डॉ. हैदर अब्बास को आपातकालीन चिकित्सा के अनुशासन में एक सदस्य के रूप में उनके नामांकन के बारे में सूचित किया है. गौरतलब है कि किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का आपातकालीन चिकित्सा विभाग पांच सीटों के साथ आपातकालीन चिकित्सा कार्यक्रम में एमडी चला रहा है.
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