ETV Bharat / state

Breast Cancer : ऑन्कोप्लास्टिक तकनीक से स्तन को मिलेगा पहले जैसा स्वरूप, विशेषज्ञ से जानिए प्रक्रिया

author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 9, 2023, 1:36 PM IST

स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं में ऑन्कोप्लास्टिक तकनीक काफी मददगार साबित हो रहा है. इस तकनीक में स्तन के कैंसर की गांठ को निकालने के बाद, उतनी ही मात्रा का मांस (फैट) शरीर के दूसरे हिस्से से निकाल कर पूर्व की भांति स्तन को आकार दे दिया जाता है.

Etv Bharat
Etv Bharat
Breast Cancer : ऑन्कोप्लास्टिक तकनीक से स्तन को मिलेगा पहले जैसा स्वरूप. देखें खबर

लखनऊ : स्तन कैंसर के ऑन्कोप्लास्टिक तकनीक को बढ़ावा देने के लिए केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग में दो दिवसीय स्तन कैंसर कार्यशाला आयोजित हो रही है. इस तकनीक का उपयोग किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में किया जा रहा है और इस तकनीक का लाभ सभी जरूरतमंद महिलाओं को मिले, इसके लिए इंडोक्राइन सर्जन्स को प्रशिक्षण देने कार्यशाला आयोजित हो रही है. इस कार्यशाला में लगभग 100 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद रहें. इसके अलावा स्टूडेंट भी शामिल रहे.

विशेषज्ञ की राय.
विशेषज्ञ की राय.
केजीएयू में कार्यशाला.
केजीएयू में कार्यशाला.
केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद मिश्र.
केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद मिश्र.

केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद मिश्र ने बताया कि ऑन्कोप्लास्टिक तकनीक में दो तरह की सर्जरी की जाती है, पार्शियल ब्रेस्ट सर्जरी व ब्रेस्ट सर्जरी. पार्शियल सर्जरी में ब्रेस्ट का 20 प्रतिशत या कम हिस्सा काटकर निकाला जाता है तो उसी स्तन में ही आसपास के मांस को खींचकर स्तन को सुडौल बना देते है और निप्पल भी सही कर दिया जाता है. इससे महिला के स्तन की सुंदरता में अंतर नहीं आता है क्योंकि महिला के दोनो स्तन में 20 प्रतिशत तक आकार का अंतर प्राकृतिक रूप से संभव है. अगर, 20 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा काटकर निकाला जाता है तो महिला के पीठ से, पेट से छाती के नीचे और कांख से फैट निकालकर स्तन को पूरा करते हैं, उतना ही फैट (मांस) प्रत्यारोपित किया जाता है जितना सर्जरी के दौरान काटकर निकाला गया है. पूरा स्तन काटने पर इंप्लांट प्रत्यारोपित करते हैं या नाभि के किनारे पेट में जमे फैट को निकालकर स्तन बनाया जाता है. स्तन को पुराने आकार में लाया जाता है और निप्पल भी सही किया जाता है.

विशेषज्ञ की राय.
विशेषज्ञ की राय.
केजीएयू में कार्यशाला.
केजीएयू में कार्यशाला.
विशेषज्ञ की राय, आंकोप्लास्टिक सर्जन डॉ. कोपिकर.
विशेषज्ञ की राय,आंकोप्लास्टिक सर्जन डॉ. कोपिकर.



पुणे से आए आंकोप्लास्टिक सर्जन डॉ. कोपिकर ने कहा कि बीते तीन साल से केजीएमयू में स्तन कैंसर पर आयोजित या कार्यशाला हो रही है. अब इस जागरूकता कार्यशाला का लाभ भी देखने के लिए मिल रहा है. पहले स्तन कैंसर की आखिरी पड़ाव पर महिलाएं दिखाने के लिए अस्पताल पहुंचती थी, लेकिन मौजूदा समय में महिलाएं अब जागरुक हो चुकी हैं. स्तन में गांठ होने पर तुरंत विशेषज्ञ के पास परामर्श के लिए पहुंचती हैं. जहां पर डायग्नोज किया जाता है और जब डायग्नोज हो जाता है फिर उसके बाद ऑपरेशन किया जाता है. यदि स्तन कैंसर का शुरुआती स्टेज है तो उसे कीमोथेरेपी के द्वारा भी इलाज किया जाता है. फिलहाल इस कार्यक्रम का पूरा उद्देश्य इतना है कि 10 साल पहले की विधा से अब आगे बढ़कर नई विधा को अपनाना है स्तन कैंसर से पीड़ित जो भी महिलाएं अब आ रही हैं उनका ऑपरेशन नई विधा के द्वारा किया जाएगा और इस नई विधा में महिलाओं को स्तन गवाने से डरने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि अब ऑपरेशन के बाद अंकोप्लास्टिक कर स्तन को पहले जैसा ही आकार व स्वरूप दिया जाता है.

यह भी पढ़ें :

Breast Cancer : ऑन्कोप्लास्टिक तकनीक से स्तन को मिलेगा पहले जैसा स्वरूप. देखें खबर

लखनऊ : स्तन कैंसर के ऑन्कोप्लास्टिक तकनीक को बढ़ावा देने के लिए केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग में दो दिवसीय स्तन कैंसर कार्यशाला आयोजित हो रही है. इस तकनीक का उपयोग किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में किया जा रहा है और इस तकनीक का लाभ सभी जरूरतमंद महिलाओं को मिले, इसके लिए इंडोक्राइन सर्जन्स को प्रशिक्षण देने कार्यशाला आयोजित हो रही है. इस कार्यशाला में लगभग 100 से अधिक विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद रहें. इसके अलावा स्टूडेंट भी शामिल रहे.

विशेषज्ञ की राय.
विशेषज्ञ की राय.
केजीएयू में कार्यशाला.
केजीएयू में कार्यशाला.
केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद मिश्र.
केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद मिश्र.

केजीएमयू के एंडोक्राइन सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. आनंद मिश्र ने बताया कि ऑन्कोप्लास्टिक तकनीक में दो तरह की सर्जरी की जाती है, पार्शियल ब्रेस्ट सर्जरी व ब्रेस्ट सर्जरी. पार्शियल सर्जरी में ब्रेस्ट का 20 प्रतिशत या कम हिस्सा काटकर निकाला जाता है तो उसी स्तन में ही आसपास के मांस को खींचकर स्तन को सुडौल बना देते है और निप्पल भी सही कर दिया जाता है. इससे महिला के स्तन की सुंदरता में अंतर नहीं आता है क्योंकि महिला के दोनो स्तन में 20 प्रतिशत तक आकार का अंतर प्राकृतिक रूप से संभव है. अगर, 20 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा काटकर निकाला जाता है तो महिला के पीठ से, पेट से छाती के नीचे और कांख से फैट निकालकर स्तन को पूरा करते हैं, उतना ही फैट (मांस) प्रत्यारोपित किया जाता है जितना सर्जरी के दौरान काटकर निकाला गया है. पूरा स्तन काटने पर इंप्लांट प्रत्यारोपित करते हैं या नाभि के किनारे पेट में जमे फैट को निकालकर स्तन बनाया जाता है. स्तन को पुराने आकार में लाया जाता है और निप्पल भी सही किया जाता है.

विशेषज्ञ की राय.
विशेषज्ञ की राय.
केजीएयू में कार्यशाला.
केजीएयू में कार्यशाला.
विशेषज्ञ की राय, आंकोप्लास्टिक सर्जन डॉ. कोपिकर.
विशेषज्ञ की राय,आंकोप्लास्टिक सर्जन डॉ. कोपिकर.



पुणे से आए आंकोप्लास्टिक सर्जन डॉ. कोपिकर ने कहा कि बीते तीन साल से केजीएमयू में स्तन कैंसर पर आयोजित या कार्यशाला हो रही है. अब इस जागरूकता कार्यशाला का लाभ भी देखने के लिए मिल रहा है. पहले स्तन कैंसर की आखिरी पड़ाव पर महिलाएं दिखाने के लिए अस्पताल पहुंचती थी, लेकिन मौजूदा समय में महिलाएं अब जागरुक हो चुकी हैं. स्तन में गांठ होने पर तुरंत विशेषज्ञ के पास परामर्श के लिए पहुंचती हैं. जहां पर डायग्नोज किया जाता है और जब डायग्नोज हो जाता है फिर उसके बाद ऑपरेशन किया जाता है. यदि स्तन कैंसर का शुरुआती स्टेज है तो उसे कीमोथेरेपी के द्वारा भी इलाज किया जाता है. फिलहाल इस कार्यक्रम का पूरा उद्देश्य इतना है कि 10 साल पहले की विधा से अब आगे बढ़कर नई विधा को अपनाना है स्तन कैंसर से पीड़ित जो भी महिलाएं अब आ रही हैं उनका ऑपरेशन नई विधा के द्वारा किया जाएगा और इस नई विधा में महिलाओं को स्तन गवाने से डरने की आवश्यकता बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि अब ऑपरेशन के बाद अंकोप्लास्टिक कर स्तन को पहले जैसा ही आकार व स्वरूप दिया जाता है.

यह भी पढ़ें :
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.