लखनऊ: उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग ने बुधवार को लखनऊ मंडल में विकास कार्यों की झड़ी लगा दी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एक समारोह में 13 सौ करोड़ के लगभग 800 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया. इस मौके पर उन्होंने लोक निर्माण विभाग की भावी योजनाओं का भी ऐलान किया.
लोक निर्माण विभाग के विश्वेश्वरैया सभागार में आयोजित कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पहुंचे. इस मौके पर कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक के साथ लखनऊ, रायबरेली और उन्नाव जिलों के विधायक भी मौजूद रहे. केशव प्रसाद मौर्य ने लखनऊ मंडल में लोक निर्माण विभाग की ओर से कराए गए 689 विकास कार्यों का लोकार्पण किया. केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि इन सभी विकास कार्यों की लागत 863 करोड़ है. इसके अलावा उन्होंने 104 विकास कार्यों को शुरू कराने का ऐलान करते हुए उनकी आधारशिला रखी. इन विकास कार्यों पर भी 400 करोड़ से ज्यादा खर्च होने का अनुमान है.
कार्यक्रम में उपस्थित लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण ने विकास कार्यों की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग ने उपमुख्यमंत्री के निर्देशन में लगातार नवीनतम तकनीक अपनाने पर जोर दिया है. सड़क निर्माण की नई तकनीक से विभाग ने एक साल में 942 करोड़ रुपए की बचत की है. इससे गाजियाबाद से लेकर बलिया तक डबल लेन की सड़क का निर्माण कराया जा सकता है.
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इस मौके पर उपस्थित प्रदेश के कैबिनेट मंत्री बृजेश पाठक ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग का कार्यक्रम जिस स्थान पर हो रहा है वह उनके विधानसभा क्षेत्र में शामिल है. उनके विधानसभा क्षेत्र में भी कई विकास कार्य लोक निर्माण विभाग की ओर से कराए गए हैं. पूरे मंडल में जिस तरह से विकास कार्यों की झड़ी लगा दी गई है उससे कहा जा सकता है कि अब भाजपा सरकार में कोई भी गांव या क्षेत्र पक्की सड़क से वंचित नहीं रहेगा.
वहीं उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रदेश सरकार की योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उनकी कोशिश है कि लोक निर्माण विभाग के इंजीनियर और पूरी टीम मिलकर लोगों को बेहतर आवागमन की सुविधा के लिए सड़क उपलब्ध कराएं. सड़कों के निर्माण में गुणवत्ता बनाए रखने पर विभाग का पूरा जोर है. उन्होंने कहा कि हम ऐसी सड़क बनाना चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश के लोग जब दूसरे राज्यों में जाएं तो वह गर्व से कह सकें कि उत्तर प्रदेश में जितनी अच्छी और ज्यादा तादाद में सड़कें हैं उतना कहीं और नहीं.