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काजिंद 2019: संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेगी भारत-कजाखिस्तान की 100 सैनिक टुकड़ियां

भारत और कजाखिस्तान की सेनाएं उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेंगी. यह एक वार्षिक कार्यक्रम है. इसमें दोनों देशों की सेनाओं से 100 सैनिकों की टुकड़ी इसमें हिस्सा लेगी.

भारत और कजाखिस्तान के बीच संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास का आयोजन.
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Published : Sep 28, 2019, 11:54 AM IST

लखनऊ: भारत और कजाखिस्तान की सेनाएं अगले माह 3 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेंगी. इस संयुक्त सैन्याभ्यास को 'काजिंद 2019' नाम दिया गया है. दोनों देशों की सेनाओं से 100 सैनिकों की टुकड़ी ज्वाइंट एक्सरसाइज में हिस्सा लेंगी. इस दौरान वे विभिन्न सैन्य ऑपरेशनों और आतंकवाद विरोधी जवाबी कार्रवाई के अनुभवों को एक-दूसरे से साझा करेंगे.

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प्रेस रिलीज.


काजिंद 2019 का आयोजन-
जनसंपर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि संयुक्त सैन्य अभ्यास एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है. गौरतलब, भारत ने विभिन्न देशों के साथ पूर्व में सैन्य अभ्यास आयोजित किये हैं. इसी क्रम में कजाखिस्तान के साथ आयोजित होने वाला यह सैन्य अभ्यास वैश्विक आतंकवाद के बदलते परिवेश में एक महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास है. कंपनी स्तर पर आयोजित होने वाले इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन को अंजाम देना है.

पढ़ें:- लखनऊः एएमसी स्टेडियम में होगी महिला सैन्य पुलिस भर्ती रैली, आर्मी ने जारी किए प्रवेश पत्र

गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि सैन्य अभ्यास के दौरान वैश्विक आतंकवाद और हाइब्रिड युद्ध के उभरते रुझानों के विभिन्न पहलुओं को वर्तमान समय के साथ वैश्विक परिदृश्य में समकालीन प्रभावों के कारण भी शामिल किया गया है. उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि यह संयुक्त सैन्य अभ्यास दोनों देशों के बीच आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ाने के साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में मददगार साबित होगा.

लखनऊ: भारत और कजाखिस्तान की सेनाएं अगले माह 3 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेंगी. इस संयुक्त सैन्याभ्यास को 'काजिंद 2019' नाम दिया गया है. दोनों देशों की सेनाओं से 100 सैनिकों की टुकड़ी ज्वाइंट एक्सरसाइज में हिस्सा लेंगी. इस दौरान वे विभिन्न सैन्य ऑपरेशनों और आतंकवाद विरोधी जवाबी कार्रवाई के अनुभवों को एक-दूसरे से साझा करेंगे.

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प्रेस रिलीज.


काजिंद 2019 का आयोजन-
जनसंपर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि संयुक्त सैन्य अभ्यास एक वार्षिक कार्यक्रम है, जो दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है. गौरतलब, भारत ने विभिन्न देशों के साथ पूर्व में सैन्य अभ्यास आयोजित किये हैं. इसी क्रम में कजाखिस्तान के साथ आयोजित होने वाला यह सैन्य अभ्यास वैश्विक आतंकवाद के बदलते परिवेश में एक महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास है. कंपनी स्तर पर आयोजित होने वाले इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन को अंजाम देना है.

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गार्गी मलिक सिन्हा ने बताया कि सैन्य अभ्यास के दौरान वैश्विक आतंकवाद और हाइब्रिड युद्ध के उभरते रुझानों के विभिन्न पहलुओं को वर्तमान समय के साथ वैश्विक परिदृश्य में समकालीन प्रभावों के कारण भी शामिल किया गया है. उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि यह संयुक्त सैन्य अभ्यास दोनों देशों के बीच आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ाने के साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में मददगार साबित होगा.

Intro:"काज़िंद 2019"संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेंगी भारत- कजाकिस्तान की 100 सैनिक टुकड़ियां

लखनऊ। भारत और पाकिस्तान की सेनाएं अगले माह 3 अक्टूबर से 15 अक्टूबर के बीच उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में संयुक्त सैन्य युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेंगी। इस संयुक्त सैन्याभ्यास को "काज़िंद
2019" नाम दिया गया है। दोनों देशों की सेनाओं से 100 सैनिकों की टुकड़ी जॉइंट एक्सरसाइज में हिस्सेदारी करेंगी। इस दौरान वे विभिन्न सैन्य ऑपरेशनों और आतंकवाद विरोधी जवाबी कार्रवाई के अनुभवों को एक-दूसरे से साझा करेंगे।


Body:मध्य कमान की जनसंपर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि संयुक्त सैन्य अभ्यास एक वार्षिक कार्यक्रम है जो दोनों देशों में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। गौरतलब कि भारत ने विभिन्न देशों के साथ पूर्व में सैन्य अभ्यास आयोजित किए हैं। इसी क्रम में कजाकिस्तान के साथ आयोजित होने वाला यह सैन्य अभ्यास वैश्विक आतंकवाद के बदलते परिवेश में एक महत्वपूर्ण सैन्य अभ्यास है। कंपनी स्तर पर आयोजित होने वाले इस सैन्य अभ्यास का उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन को अंजाम देना है।


Conclusion:उन्होंने बताया कि सैन्य अभ्यास के दौरान वैश्विक आतंकवाद और हाइब्रिड युद्ध के उभरते रुझानों के विभिन्न पहलुओं को वर्तमान समय के साथ-साथ वैश्विक परिदृश्य में समकालीन प्रभावों के कारण भी शामिल किया गया है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की है कि यह संयुक्त सैन्य अभ्यास दोनों देशों के बीच आपसी रक्षा सहयोग को बढ़ाने के साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में मददगार साबित होगा।

अखिल पांडेय, लखनऊ, 9336864096
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