लखनऊ: पर्वतीय महापरिषद की ओर 10 दिवसीय उत्तरायणी कौथिग आयोजित किया जा रहा है. इसके पांचवें दिन 18 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत श्री बागनाथ की आरती के साथ हुई. यह उत्तराखण्ड के बागेश्वर से लायी गयी हैं. कौथिंग में मुख्य अतिथि सूचना आयुक्त अजय उप्रेती थे.
भगवान बागनाथ की आरती से प्रतिदिन होता है कौथिग का आरम्भ
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में पर्वतीय महापरिषद की ओर 10 दिवसीय उत्तरायणी कौथिग आयोजित किया जा रहा है. इसके पांचवें दिन 18 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत श्री बागनाथ की आरती के साथ हुई. यह उत्तराखण्ड के बागेश्वर से लायी गयी हैं.
उत्तरायणी कौथिग में प्रस्तुति देते कलाकार.
लखनऊ: पर्वतीय महापरिषद की ओर 10 दिवसीय उत्तरायणी कौथिग आयोजित किया जा रहा है. इसके पांचवें दिन 18 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत श्री बागनाथ की आरती के साथ हुई. यह उत्तराखण्ड के बागेश्वर से लायी गयी हैं. कौथिंग में मुख्य अतिथि सूचना आयुक्त अजय उप्रेती थे.
कौथिग स्थल में सभी स्टॉलों पर अच्छी ब्रिकी हो रही है और स्वाच्छता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. इस बार भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय से भी स्टॉल्स आए हैं .समय- समय पर मंच के माध्यम से कौथिग में आए दर्शकों को कोविड-19 से बचाव की जानकारी दी जा रही है.खटीमा के लोक कलाकारों ने दीं प्रस्तुतियां
उत्तराखण्ड से आए व्याखा जनजागृति सांस्कृतिक संगीत एवं नाट्य समिति, खटिमा के कलाकारों ने नंदा राज यात्रा- नारायणी मेरी माता रे भवानी....., घसियारी नृत्य - ठंडो रे ठंडो पानी...., , बग्वाल नृत्य -देवी बाराही मेरे सेवालिया..., शाबाश मेरो मोतिया बज्दा..., लोक गीत गाए. कलाकारों ने कृष्ण राधा की झांकी, फूलों की होली भी पेश की. कलाकारों में दल नायक अशोक सिंह, खडका, मनोहर, अमित, अनिल, लक्ष्मण, भुुवन पाण्डेय, नासिर, वर्षा, बरखा, शालिनी और सचिन शामिल थे. उत्तराखण्ड से आए मेहमान कलाकार प्रहलाद मेहरा, चंन्द्र प्रकाश ने भी प्रस्तुतियां दीं. स्थानीय कलाकारों ने भी बिखेरे जलवे
स्थानीय लोक गायिका आशा रावत ने शानदार प्रस्तुतियां दीं. सरोज खुल्बे और धनसिंह मेहता के निर्देशन में हरीश विश्वकर्मा, गोपाल दत्त जोशी और शेरसिंह रावत ने प्रस्तुति दी.
कौथिग स्थल में सभी स्टॉलों पर अच्छी ब्रिकी हो रही है और स्वाच्छता का विशेष ध्यान रखा जा रहा है. इस बार भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय से भी स्टॉल्स आए हैं .समय- समय पर मंच के माध्यम से कौथिग में आए दर्शकों को कोविड-19 से बचाव की जानकारी दी जा रही है.खटीमा के लोक कलाकारों ने दीं प्रस्तुतियां
उत्तराखण्ड से आए व्याखा जनजागृति सांस्कृतिक संगीत एवं नाट्य समिति, खटिमा के कलाकारों ने नंदा राज यात्रा- नारायणी मेरी माता रे भवानी....., घसियारी नृत्य - ठंडो रे ठंडो पानी...., , बग्वाल नृत्य -देवी बाराही मेरे सेवालिया..., शाबाश मेरो मोतिया बज्दा..., लोक गीत गाए. कलाकारों ने कृष्ण राधा की झांकी, फूलों की होली भी पेश की. कलाकारों में दल नायक अशोक सिंह, खडका, मनोहर, अमित, अनिल, लक्ष्मण, भुुवन पाण्डेय, नासिर, वर्षा, बरखा, शालिनी और सचिन शामिल थे. उत्तराखण्ड से आए मेहमान कलाकार प्रहलाद मेहरा, चंन्द्र प्रकाश ने भी प्रस्तुतियां दीं. स्थानीय कलाकारों ने भी बिखेरे जलवे
स्थानीय लोक गायिका आशा रावत ने शानदार प्रस्तुतियां दीं. सरोज खुल्बे और धनसिंह मेहता के निर्देशन में हरीश विश्वकर्मा, गोपाल दत्त जोशी और शेरसिंह रावत ने प्रस्तुति दी.