लखनऊः लखनऊ विवि शताब्दी वर्ष समारोह की तीसरी सांस्कृतिक शाम तबले की थाप और घुंघरू की झंकार के नाम रही. वहीं लोगों ने भी इसका खूब आनंद लिया. इस कार्यक्रम का शुभारंभ कैबिनेट मंत्री स्वाति सिंह, विश्वविद्यालय के कुलपति आलोक कुमार राय और प्रोफेसर निधि पांडे ने दीप प्रज्वलित कर किया.
लखनऊ विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष समारोह की तीसरी सांस्कृतिक शाम का लोगों ने खूब आनंद लिया. शनिवार को शताब्दी समारोह के मंच को मशहूर कत्थक नृत्यांगना डॉ. कुमकुम धर ने सजाया. साथ ही पारंपरिक कत्थक घराने के रंग दिखाएं. भक्ति, श्रृंगार रस में डूबी विभिन्न रागों की बंदिशों पर उन्होंने शिष्यों के साथ मार्मिक प्रस्तुति दी.
नंदकुमार अष्टकम रचना में नटवर नंद गोपाल के विभिन्न रूपों का बखान किया. इसके बाद झंकार संरचना में पारंपरिक कत्थक के शास्त्रीय रूपों से रूबरू कराया. इस प्रस्तुति में उनकी शिष्याओं अदिति रोशनी रंजना प्रेक्षा रानी और अभिषेक शामिल थे.
डॉ. कुमकुम धर ने अपनी चर्चित नृत्य सरंचना धनुष भंग में राम के पराक्रम को बयां किया. पंडित धर्म नाथ मिश्रा के संगीत निर्देशन में ढली बंदिशों में धनुष भंग का प्रसंग संजीव हो उठा. वहीं इसके बाद यूनिवर्सिटी स्टूडेंट के रूबरू बैंड कलाकारों ने फोक और रॉक सॉन्ग सुना कर आनंदित कर दिया.