लखनऊ : कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं को इंजीनियरिंग और मेडिकल फील्ड में कॅरियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. इसके लिए प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों को इंटरमीडिएट विद्यालयों में तब्दील किया जा रहा है. इन विद्यालयों में अगले 10 साल में कार्ययोजना पर काम किया जाएगा. इसके तहत बीते 21 जून से 30 जून तक राजधानी लखनऊ में प्रदेश के सभी कस्तूरबा गांधी विद्यालयों के प्रधानाचार्य वार्डन व शिक्षकों के साथ आयोजित हुई कार्यशाला में इन विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को विशेष रूप से मेडिकल व इंजीनियरिंग फील्ड में अगले 10 साल में ले जाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके तहत बालिकाएं नवीं और 10वीं कक्षा में अपने पसंद के विषयों का चयन कर सकेंगी, पर इंटरमीडिएट में उनको साइंस स्ट्रीम से इंजीनियरिंग व मेडिकल व इससे जुड़े क्षेत्र में ही पढ़ाई करने का मौका प्रदान किया जाएगा. इन विद्यालयों में अलग से रिमेडियल क्लासेस भी संचालित की जाएंगी.
कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में मौजूदा समय में कक्षा एक से लेकर आठ तक की पढ़ाई की व्यवस्था है. प्रदेश में कुल 746 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों का संचालन होता है. इनमें से करीब 188 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों को इस सत्र से इंटरमीडिएट लेवल की पढ़ाई शुरू होने जा रही है. महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद ने बताया कि जिन कस्तूरबा गांधी विद्यालय में कक्षा 9 की पढ़ाई शुरू हो रही है वहां पर बच्चियों को नवी कक्षा से ही विज्ञान में रुचि बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा. ऐसे में कक्षा 9 में आने वाली बच्चियों को रीमेडियल क्लासेस के माध्यम से इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढ़ाई के साथ ही विज्ञान विषय लेने के साथ किन फील्ड में करियर बनाया जा सकता है.
महानिदेशक स्कूल शिक्षा विजय किरन आनंद के अनुसार राज्य परियोजना निदेशक कार्यालय ने पूरी रूपरेखा तैयार कर ली है. कस्तूरबा विद्यालयों के लिए अगले 10 वर्ष के विजन प्लान तैयार किया गया है. इसके तहत कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में पढ़ रहीं बालिकाओं को प्रतिदिन 10 घंटे स्कूल शिक्षा के साथ ही विभिन्न तरह की एक्टिविटी कराई जाएंगी. जिससे उनका शारीरिक व मानसिक विकास हो. इसके तहत बालिकाओं को पांच घंटे पढ़ाई के अलावा पांच घंटे खेलकूद और अपनी मनपसंद एक्टिविटी में भाग लेने का मौका मिलेगा.