लखनऊ: वाराणसी से इंदौर के बीच चलने वाली काशी-महाकाल एक्सप्रेस का 20 फरवरी से कमर्शियल रन शुरू हो गया है. 16 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाई थी. गुरुवार शाम को ट्रेन आने के नियत समय से 13 मिनट पहले लखनऊ के चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंची. 7:15 पर ये ट्रेन लखनऊ से रवाना हो गई. ट्रेन के चारबाग रेलवे स्टेशन पर पहुंचते ही जय महाकाल और हर-हर महादेव के नारों के साथ यात्रियों ने स्वागत किया.
स्टेशन पर ही ढोलक की थाप पर भजन-कीर्तन भी हुए. आईआरसीटीसी के चीफ रीजनल मैनेजर अश्विनी श्रीवास्तव ने ट्रेन में यात्रियों की संख्या देखकर इसकी सफलता की पूरी उम्मीद जताई. 9 कोच की 648 सीटों की क्षमता वाली इस ट्रेन में पहले दिन 759 लोगों ने टिकट बुक किए. बता दें कि यह देश की तीसरी कॉरपोरेट ट्रेन है.
- काशी-महाकाल एक्सप्रेस से सफर करने का क्रेज यात्रियों पर साफ नजर आया.
- उज्जैन स्थित महाकाल के महाशिवरात्रि पर दर्शन करने के लिए काशी-महाकाल एक्सप्रेस से सफर करने का भी यात्रियों में उत्साह नजर आया.
- पहले दिन वाराणसी से 361 यात्री, सुलतानपुर से 29 यात्री, लखनऊ से 178, कानपुर से 115, उज्जैन से दो और झांसी से 15 लोगों के इस ट्रेन में टिकट बुक हुए.
यह ट्रेन तमाम खूबियों से लैस है. यात्रियों की सुरक्षा के साथ ही सुविधाओं का भी खास ख्याल रखा गया है. सबसे खास बात है मध्य प्रदेश की तरफ चलने वाली, जो भी ट्रेन संचालित हो रही हैं. उनसे कम समय में काशी-महाकाल एक्सप्रेस यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाएगी. इसलिए इस ट्रेन की सफलता की पूरी उम्मीद है.
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काशी-महाकाल एक्सप्रेस वाराणसी से दो दिन मंगलवार और बुधवार को लखनऊ होते हुए उज्जैन के रास्ते इंदौर जाएगी, जबकि एक दिन वाराणसी से प्रयागराज-कानपुर होते हुए इंदौर के बीच संचालित होगी. लखनऊ में यात्री ट्रेन की टिकट ले सकें इसके लिए काउंटर भी बनाया गया है.
काशी-महाकाल एक्सप्रेस ट्रेन कई सुविधाओं से लैस है. यात्रियों की सुरक्षा की दृष्टि से इसमें सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. साइड लोअर बर्थ है, जिस पर लोग आराम से लेट सकें. इसके अलावा ऊपरी बर्थ पर चढ़ने के लिए स्टेयर्स अच्छी क्वालिटी की हैं. अनाउंसमेंट की भी व्यवस्था है. इसके अलावा अगले स्टेशन की दूरी के लिए डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं. खास बात यह कि टॉयलेट में बेबी शीट की भी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा जो भी ट्रेनें इस रूट पर चल रही हैं, उन ट्रेनों की तुलना में यह ट्रेन टाइम भी कम लेगी है और सुविधाएं भी कहीं ज्यादा ही होंगी.
-अश्विनी श्रीवास्तव, चीफ रीजनल मैनेजर, आईआरसीटीसी