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PF घोटाला: DHFL के कपिल व धीरज वाधवान की बढ़ी रिमांड अवधि

कर्मचारियों के जीपीएफ व पीएफ के पैसों को DHFL में निवेश कर करोड़ों का घोटाला करने के अभियुक्त DHFL के प्रोमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन की पुलिस कस्टडी रिमांड सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने 6 दिनों के लिए बढ़ा दी है.

PF घोटाला.
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Published : Jun 2, 2022, 8:53 PM IST

लखनऊ: कर्मचारियों के जीपीएफ व पीएफ के पैसों को डीएचएफएल में निवेश कर करोड़ों का घोटाला करने के अभियुक्तों डीएचएफएल के प्रोमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन की पुलिस कस्टडी रिमांड सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने 6 दिनों के लिए बढ़ा दिया है.

वारंट बी पर अदालत में पेश करने के बाद 26 मई को सीबीआई की मांग पर अदालत ने दोनों अभियुक्तों को 7 दिन के लिए 2 जून तक पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिया था. गुरुवार को रिमांड अवधि खत्म होने पर सीबीआई ने दोनों अभियुक्तों को कोर्ट में पेश किया और अभियुक्तों की रिमांड 10 दिन के लिए बढ़ाने की मांग की.

सीबीआई की अर्जी में कहा गया की अभियुक्तों से पूछताछ पूरी नहीं हो पाई है और उनसे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों व उनके माध्यम की जानकारी करनी है, जिसके जरिये निवेश किया गया. कहा गया कि आरोपियों से यह भी जानकारी की जानी है कि कुल 4122.7 करोड़ के निवेश से किन्हें लाभ मिला है. इस साजिश में कौन लोग शामिल हैं और शामिल लोगों का अभियुक्तों से आमना-सामना कराना है.

सीबीआई की ओर से बताया गया कि इस मामले की शुरुआती जांच में पता चला था कि कर्मचारियों के भविष्य निधि का हजारों करोड़ की राशि का दुरुपयोग किया गया. कहा गया कि वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के बावजूद अभियुक्तों ने भविष्य निधि के धन को डीएचएफएल में निवेश करके करोड़ो का कमीशन प्राप्त किया. कोर्ट ने सीबीआई की अर्जी को स्वीकार करते हुए अभियुक्तों की पुलिस कस्टडी रिमांड को बढ़ाने का आदेश दिया है.

इसे भी पढ़ें- UPPCL पीएफ घोटालाः ईओडब्ल्यू ने ट्रस्ट सचिव के बेटे अभिनव से की पूछताछ, फर्जी कंपनियों में करोड़ों के निवेश की आशंका

लखनऊ: कर्मचारियों के जीपीएफ व पीएफ के पैसों को डीएचएफएल में निवेश कर करोड़ों का घोटाला करने के अभियुक्तों डीएचएफएल के प्रोमोटर कपिल वधावन और धीरज वधावन की पुलिस कस्टडी रिमांड सीबीआई के विशेष न्यायाधीश अजय विक्रम सिंह ने 6 दिनों के लिए बढ़ा दिया है.

वारंट बी पर अदालत में पेश करने के बाद 26 मई को सीबीआई की मांग पर अदालत ने दोनों अभियुक्तों को 7 दिन के लिए 2 जून तक पुलिस कस्टडी रिमांड पर दिया था. गुरुवार को रिमांड अवधि खत्म होने पर सीबीआई ने दोनों अभियुक्तों को कोर्ट में पेश किया और अभियुक्तों की रिमांड 10 दिन के लिए बढ़ाने की मांग की.

सीबीआई की अर्जी में कहा गया की अभियुक्तों से पूछताछ पूरी नहीं हो पाई है और उनसे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों व उनके माध्यम की जानकारी करनी है, जिसके जरिये निवेश किया गया. कहा गया कि आरोपियों से यह भी जानकारी की जानी है कि कुल 4122.7 करोड़ के निवेश से किन्हें लाभ मिला है. इस साजिश में कौन लोग शामिल हैं और शामिल लोगों का अभियुक्तों से आमना-सामना कराना है.

सीबीआई की ओर से बताया गया कि इस मामले की शुरुआती जांच में पता चला था कि कर्मचारियों के भविष्य निधि का हजारों करोड़ की राशि का दुरुपयोग किया गया. कहा गया कि वित्त मंत्रालय की अधिसूचना के बावजूद अभियुक्तों ने भविष्य निधि के धन को डीएचएफएल में निवेश करके करोड़ो का कमीशन प्राप्त किया. कोर्ट ने सीबीआई की अर्जी को स्वीकार करते हुए अभियुक्तों की पुलिस कस्टडी रिमांड को बढ़ाने का आदेश दिया है.

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