लखनऊ: मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास न्यायिक हिरासत में ले लिया गया है. हजरतगंज थाना क्षेत्र के जियामऊ स्थिति शत्रु संपत्ति पर कब्जा करके उसे धोखाधड़ी से अपने नाम कराने का आरोप है.
अब्बास अंसारी (Judicial custody of Mukhtar Ansari son Abbas) ने अपने भाई व पिता के नाम फर्जी रजिस्ट्री कराने के आरोप में एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष एसीजेएम अम्बरीश कुमार श्रीवास्तव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायिक हिरासत में लिए जाने का आदेश जारी किया है. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 6 जनवरी की तिथि नियत की है.
विशेष एसीजेएम अम्बरीष कुमार श्रीवास्तव ने चित्रकूट जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी के पुत्र अब्बास अंसारी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई की है. अब्बास अंसारी (Mukhtar Ansari son Abbas jailed) के विरुद्ध हजरतगंज पुलिस द्वारा आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है, जिसमें मुख्तार अंसारी व उमर अंसारी का भी नाम है. कोर्ट ने अब्बास अंसारी को न्यायिक अभिरक्षा में लिए जाने के आदेश की सूचना ईमेल के माध्यम से जेल अधीक्षक चित्रकूट को भेजे जाने के अलावा वारन्ट की तामीला नजारत के माध्यम से जेल को भेजे जाने का आदेश दिया है.
पत्रावली के अनुसार, इस मामले की रिपोर्ट लेखपाल सुरजन लाल ने 27 अगस्त 2020 को थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया कि मुख्तार अंसारी और उनके बेटों अब्बास अंसारी और उमर अंसारी ने कूटरचित दस्तावेज तैयार करके सरकारी निष्क्रांत भूमि पर कब्जा कर लिया था. आपराधिक साजिश के तहत एलडीए से नक्शा पास करावा कर उस पर अवैध निर्माण करके कब्जा कर लिया था. यह भी आरोप लगाया गया कि जियामऊ स्थित जमीन मोहम्मद वसीम के नाम से दर्ज थी. वह जमीन सरकार में निस्करान्त संपत्ति के रूप में निहित हो गई. कहा गया है कि बाद में उक्त जमीन बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के पहले लक्ष्मी नारायण के नाम और उसके बाद कृष्ण कुमार के नाम दर्ज हो गई.