लखनऊ : उत्तरप्रदेश शासन ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के जॉइंट डायरेक्टर (Joint Director of Minority Department suspended) आर पी सिंह को निलंबित किया है. यह कार्रवाई मुख्यमंत्री के आदेश पर की गई है. आरोप है कि पिछले कुछ समय में असंख्यक कल्याण विभाग में कई भर्तियां नियमों के विरुद्ध की गई है. इसके अलावा जौहर विश्वविद्यालय रामपुर को दी गई कुछ विशेष सुविधाओं को लेकर भी आरपी सिंह पर आरोप लगाए जा रहे थे. फिलहाल शासन ने जॉइंट डायरेक्टर को निलंबित करने के बाद आरोपों की जांच शुरू कर दी है.
बता दें कि इससे पहले प्रदेश सरकार ने जून में प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक एसएन पांडेय को भी निलंबित कर दिया था. उन पर मदरसा बोर्ड में रजिस्ट्रार पद पर रहने के दौरान वित्तीय अनियमितता और विभागीय कार्यों में लापरवाही के आरोप लगे थे. इस मामले की जांच भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सचिव एवं निदेशक डा. रोशन जैकब को सौंपी गई थी.
एस एन पांडेय अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में संयुक्त निदेशक के साथ ही उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद में रजिस्ट्रार भी थे. 17 मई 2021 को उन्हें रजिस्ट्रार के पद से हटा दिया गया था. आरोप है कि एस एन पांडेय ने मदरसों में चतुर्थ श्रेणी के पदों पर नियुक्तियों में रोक लगी होने के बावजूद 22 जुलाई 2016 के बाद मदरसों में समूह घ के पदों पर भर्ती के लिए वित्तीय अनुमोदन दे दिया था. इन पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से ही भरा जाना था मगर ऐसा नहीं हुआ. इस बार भी जौहर यूनिवर्सिटी ( Johar University) को अनियमित तरीके से मदद देने और भर्तियों में घालमेल करने के आरोप में संयुक्त निदेशक आर पी सिंह को निलंबित कर दिया गया है. यह कार्रवाई सीएम योगी आदित्यनाथ के आदेश पर की गई है.
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