ETV Bharat / state

पश्चिमी ही नहीं, पूरे उत्तर प्रदेश में रालोद को मजबूत करने में जुटे जयंत चौधरी, करेंगे ये नया प्रयोग

राष्ट्रीय लोकदल की पहचान आज सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक ही सीमित है. विधानसभा 2022 के परिणाम ने भी रालोद मुखिया चौधरी जयंत सिंह को काफी निराशा ही दी. ऐसे में अब जयंत चौधरी पार्टी को पूरे उत्तर प्रदेश में सक्रिय करने में जुटे हुए हैं. इसके लिए अब वे कई तरह की रणनीति बना रहे हैं.

etv bharat
jayant
author img

By

Published : Mar 24, 2022, 5:29 PM IST

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल को मजबूती से खड़ा करने के लिए इसके मुखिया चौधरी जयंत सिंह संगठन में एक नया प्रयोग करने जा रहे हैं. इस समय संगठनात्मक लिहाज से राष्ट्रीय लोकदल पार्टी सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक ही सीमित है जबकि राज्य के अन्य इलाकों में पार्टी का कोई खास प्रभाव नहीं दिख रहा है. अन्य क्षेत्रों में संगठन न होने से ही विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतार पाई.

ऐसे में संगठन को राज्य भर में समान रूप से मजबूत करने के लिए वे खास रणनीति पर काम कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक जयंत चौधरी उत्तर प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष के अलावा चार अन्य कार्यवाहक अध्यक्ष भी बनाने की तैयारी में हैं. बताया जाता है कि संगठन के पदाधिकारियों के साथ दिल्ली में चौधरी जयंत सिंह ने बैठक की थी. उसमें इस तरह का एक सुझाव उन्हें मिला था जो उन्हें काफी पसंद भी आया है.

यह भी पढ़ें : क्या जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजकर अखिलेश यादव कायम रखेंगे दोस्ताना?

जनता में रालोद की उपस्थिति दर्ज कराने पर जोर : उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल 10 सेक्टरों में बंटा हुआ है. इनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले बुंदेलखंड, गोरखपुर, लखनऊ, पूर्वी उत्तर प्रदेश और अवध क्षेत्र के जिले शामिल हैं. कार्यवाहक अध्यक्षों को इनमें से दो या तीन सेक्टर की जिम्मेदारी दी जाएगी. यह सभी कार्यवाहक अध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष को रिपोर्ट करेंगे. प्रदेश अध्यक्ष पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह को भेजेंगे.

पार्टी को उम्मीद है कि जब हर जगह कार्यवाहक अध्यक्ष मौजूद होंगे तो जनता के बीच रालोद की उपस्थिति बढ़ेगी. इसका असर ये होगा कि उस क्षेत्र के लोग राष्ट्रीय लोक दल से जुड़ेंगे. यही नहीं, अध्यक्षों में प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी जिसका फायदा भी पार्टी को ही मिलेगा. वर्तमान में राष्ट्रीय लोकदल का कोई प्रदेश अध्यक्ष नहीं है.

रालोद की छवि को भी सुधारने का प्रयास : डॉ. मसूद अहमद ने विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. यही नहीं, अपना त्यागपत्र सौंपने के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह को खुला खत भी लिखा था जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट बेचे जाने के गंभीर आरोप लगाए थे. इससे राष्ट्रीय लोकदल की छवि आम जनता में धूमिल हुई है. इसकी भरपाई वह चार कार्यवाहक अध्यक्ष बनाकर करना चाहते हैं.

रालोद की उम्मीदों को लगा झटका: 2022 का विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय लोकदल ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. कुल 33 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार उतरे थे जिनमें से मात्र आठ उम्मीदवार ही चुनाव जीत पाए जबकि रालोद को पूरी उम्मीद थी कि कम से कम डेढ़ से दो दर्जन विधायक जरूर सफल होंगे. अब जयंत को भी यह लग रहा है कि राष्ट्रीय लोकदल का संगठन पूरे प्रदेश में फैलाया जाए जिससे प्रदेश भर में पार्टी मजबूत हो सके.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल को मजबूती से खड़ा करने के लिए इसके मुखिया चौधरी जयंत सिंह संगठन में एक नया प्रयोग करने जा रहे हैं. इस समय संगठनात्मक लिहाज से राष्ट्रीय लोकदल पार्टी सिर्फ पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक ही सीमित है जबकि राज्य के अन्य इलाकों में पार्टी का कोई खास प्रभाव नहीं दिख रहा है. अन्य क्षेत्रों में संगठन न होने से ही विधानसभा चुनाव 2022 में पार्टी सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी नहीं उतार पाई.

ऐसे में संगठन को राज्य भर में समान रूप से मजबूत करने के लिए वे खास रणनीति पर काम कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक जयंत चौधरी उत्तर प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष के अलावा चार अन्य कार्यवाहक अध्यक्ष भी बनाने की तैयारी में हैं. बताया जाता है कि संगठन के पदाधिकारियों के साथ दिल्ली में चौधरी जयंत सिंह ने बैठक की थी. उसमें इस तरह का एक सुझाव उन्हें मिला था जो उन्हें काफी पसंद भी आया है.

यह भी पढ़ें : क्या जयंत चौधरी को राज्यसभा भेजकर अखिलेश यादव कायम रखेंगे दोस्ताना?

जनता में रालोद की उपस्थिति दर्ज कराने पर जोर : उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल 10 सेक्टरों में बंटा हुआ है. इनमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले बुंदेलखंड, गोरखपुर, लखनऊ, पूर्वी उत्तर प्रदेश और अवध क्षेत्र के जिले शामिल हैं. कार्यवाहक अध्यक्षों को इनमें से दो या तीन सेक्टर की जिम्मेदारी दी जाएगी. यह सभी कार्यवाहक अध्यक्ष प्रदेश अध्यक्ष को रिपोर्ट करेंगे. प्रदेश अध्यक्ष पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह को भेजेंगे.

पार्टी को उम्मीद है कि जब हर जगह कार्यवाहक अध्यक्ष मौजूद होंगे तो जनता के बीच रालोद की उपस्थिति बढ़ेगी. इसका असर ये होगा कि उस क्षेत्र के लोग राष्ट्रीय लोक दल से जुड़ेंगे. यही नहीं, अध्यक्षों में प्रतिद्वंद्विता बढ़ेगी जिसका फायदा भी पार्टी को ही मिलेगा. वर्तमान में राष्ट्रीय लोकदल का कोई प्रदेश अध्यक्ष नहीं है.

रालोद की छवि को भी सुधारने का प्रयास : डॉ. मसूद अहमद ने विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. यही नहीं, अपना त्यागपत्र सौंपने के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह को खुला खत भी लिखा था जिसमें उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट बेचे जाने के गंभीर आरोप लगाए थे. इससे राष्ट्रीय लोकदल की छवि आम जनता में धूमिल हुई है. इसकी भरपाई वह चार कार्यवाहक अध्यक्ष बनाकर करना चाहते हैं.

रालोद की उम्मीदों को लगा झटका: 2022 का विधानसभा चुनाव राष्ट्रीय लोकदल ने समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर लड़ा था. कुल 33 सीटों पर पार्टी के उम्मीदवार उतरे थे जिनमें से मात्र आठ उम्मीदवार ही चुनाव जीत पाए जबकि रालोद को पूरी उम्मीद थी कि कम से कम डेढ़ से दो दर्जन विधायक जरूर सफल होंगे. अब जयंत को भी यह लग रहा है कि राष्ट्रीय लोकदल का संगठन पूरे प्रदेश में फैलाया जाए जिससे प्रदेश भर में पार्टी मजबूत हो सके.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.