लखनऊः जुर्म स्वीकार कराने के लिए हिरासत में युवक की बुरी तरह पिटाई करके हत्या करने, साजिश रचने और थाने की जीडी में हेरफेर करने के आरोपो में जौनपुर के बक्शा थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, तत्कालीन एसओजी प्रभारी समेत 19 पुलिसकर्मियों के खिलाफ दाखिल सीबीआई की चार्जशीट पर सीबीआई की विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट यशा शर्मा संज्ञान लिया है.
कोर्ट 17 आरोपी सुरेश कुमार सिंह, राकेश कुमार राय, समीर कुमार, चन्दन यादव, सुनील कुमार तिवारी, महेश सिंह, नीरज कुमार, अरुण कुमार सिंह, दुर्गेश्वर मिश्र, थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह, जितेंद्र सिंह, राज कुमार वर्मा, कमल बिहारी बिंद, अंगद प्रसाद चौधरी, राजन सिंह, श्वेत प्रकाश सिंह और राम कीर्ति यादव को जेल से तलब किया है. इसके पूर्व सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल कर 11 आरोपियों थानाध्यक्ष अजय कुमार सिंह व अन्य को हत्या, कागजातों में छेड़छाड़, विवश करके संपत्ति का प्रत्यवर्तन कराने और साजिश रचने समेत अन्य आरोपों का आरोपित बनाया जबकि 8 आरोपियों को आरोपी को दंड से बचाने के लिए दस्तावेजों में छेड़छाड़ और साजिश रचने का आरोपी बनाया है. इस मामले में दो अभियुक्त पर्व कुमार सिंह और जय शील तिवारी फरार हैं.
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सीबीआई ने चार्जशीट दायर कर बताया कि वादी अजय कुमार यादव ने जौनपुर के बक्शा थाने में 12 फरवरी 2021 को एसओजी टीम और बक्शा थाना प्रभारी व हमराह पुलिसकर्मियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में बताया गया था कि वादी के छोटे भाई कृष्णा उर्फ पुजारी को पुलिस ने 11 फरवरी को घर से उठाया था, साथ ही पुलिसवाले 60 हजार व अन्य सामान भी ले गए थे. कहा गया कि 12 फरवरी की रात साढ़े 12 बजे एसओजी प्रभारी और थाना प्रभारी अपने साथियो के साथ कृष्णा को वापस घर लेकर आये. उस समय कृष्णा खड़ा भी नहीं हो पा रहा था और चिल्ला रहा था कि मां मुझे बचा लो अन्यथा पुलिसवाले मुझे मार देंगे. सुबह वादी के भाई कृष्णा की में मौत हो गई. इस घटना के बाद एसपी जौनपुर ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया. बाद में इस मामले की जांच को सीबीआई को सौप दिया गया.