लखनऊः मुसलमानों की सबसे बड़ी संस्था जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. इस पत्र में अपनी शाखाओं की तरफ से दस हजार मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड और क्वारंटाइन सेंटर्स के लिए अपनी जमीन देने की पेशकश की है, जिससे कोरोना वायरस के मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके और कोरोना के खिलाफ जारी जंग में जीत मिल सके.
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने कहा कि सभी वर्गों के संयुक्त संघर्ष और सामूहिक कार्यकलापों के बिना कोरोना वायरस के विरुद्ध युद्ध नहीं जीता जा सकता. इसलिए जमीअत उलमा-ए-हिंद ऐसे कठिन समय में अपनी भूमिका प्रस्तुत करना और अपना राष्ट्रीय और दीनी (धार्मिक ) कर्तव्य समझता है.
मौलाना मदनी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपनी संस्था की तरफ से दस हजार रोगियों के लिए आइसोलेशन वार्ड और क्वारंटाइन सेंटर्स और इससे संबंधित दूसरी सेवाओं की पेशकश की है. जिस तरह से परिस्थितियां बदल रहीं हैं, उसके दृष्टिगत देश के विभिन्न भागों में स्वास्थ्य विभाग को ऐसे स्थानों की आवश्यकता पड़ सकती है. इसलिए जमीयत (संस्था) अपनी शाखाओं के प्रबंध में उचित स्थान उपलब्ध करेगी.
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उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में संस्था से जितना हो पाएगा. उतनी जरूरतमंदों की मदद की जाएगी. मौलाना ने कहा कि देश भर में जमीयत रिलीफ कमेटियां स्थापित की जाएंगी. इसके लिए जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने अपनी सभी शाखाओं को अलर्ट कर दिया है.