लखनऊ: जल शक्ति विभाग के राज्यमंत्री दिनेश कुमार खटीक के वायरल इस्तीफे से विभाग में भ्रष्टाचार के आरोप को लेकर देशव्यापी बदनामी हुई. उसके बाद आखिरकार दोनों राज्यमंत्रियों (दिनेश कुमार खटीक और रामकेश निषाद) के बीच कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र सिंह ने सरकार बनने के लगभग 3 महीने बाद कामों का बंटवारा किया है.
गौरतलब है कि दोनों मंत्रियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दे दी गई है. ताकि वह भी कुछ काम कर सके, मगर सवाल यह उठ रहा है कि अब तक काम दोनों राज्यमंत्री को क्यों नहीं दिया गया था. क्या राज्य मंत्री दिनेश कुमार खटीक का पत्र और उसमें लगाए गए आरोप ठीक हैं. आखिर किसके दबाव में स्वतंत्र देव सिंह ने अब कामों का बंटवारा किया है.
मार्च में सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ था. जिसके तत्काल बाद मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो गया था. इसके बावजूद जल शक्ति विभाग में अब तक राज्य मंत्रियों के कामों का बंटवारा नहीं किया गया था. इसकी वजह से 4 महीने तक परेशान रहे राज्यमंत्री दिनेश कुमार खटीक ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को अपना इस्तीफा लिखकर विभाग में अपने शोषण और भ्रष्टाचार की शिकायत की थी.
उन्होंने कहा था कि उनको काम नहीं दिया जाता. उन्हें किसी बैठक में नहीं बुलाया जाता है. दलित होने के चलते अक्सर उनकी बातें भी नहीं सुनी जाती. मुख्यमंत्री स्तर पर हुई वार्ता के बाद दिनेश खटीक मान गए और उन्होंने दोबारा काम शुरू कर दिया. इसके बाद अब जलशक्ति विभाग में उनको काम दिया गया है. उनके अलावा दूसरे राज्यमंत्री रामकेश निषाद को भी कार्य वितरण कर दिया गया है. इसके जरिए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह अब डैमेज कंट्रोल में जुटे हुए हैं.
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