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MiG-21 Crashes in Jaisalmer : शहीद पायलट हर्षित सिन्हा को मिली थी कारगिल युद्ध से प्रेरणा - लखनऊ की खबरें

राजस्थान के जैसलमेर में शुक्रवार की शाम एक फाइटर जेट क्रैश होने से पायलट हर्षित सिन्हा शहीद हो गए. गोडावण ब्रीडिंग सेंटर गोदावरी के पास विमान क्रैश हुआ था. हादसे के बाद शहीद के परिवार में पसरा है मातम.

MiG-21 Crashes in Jaisalmer
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Published : Dec 25, 2021, 8:04 PM IST

लखनऊ : राजस्थान के जैसलमेर में शुक्रवार की शाम को भारतीय सेना का फाइटर जेट एमआईजी-21 क्रैश हो गया. इस हादसे में लखनऊ के गोमती नगर विस्तार के रहने वाले पायलट विंग कमांडर हर्षित सिन्हा शहीद हो गए. इस बात की जानकारी हर्षित सिन्हा के चाचा को सेना की ओर से दी गई.

बेटे के शहीद होने की जानकारी मिलते ही परिवार में मातम छा गया. दूसरी तरफ भारतीय वायुसेना के ट्विटर हैंडल के माध्यम से जानकारी दी गई कि मिग-21 एक एयरक्राफ्ट ट्रेनिंग के लिए उड़ान भरा और हादसे का शिकार हो गया. इस हादसे में विंग कमांडर हर्षित सिन्हा शहीद हो गए. वहीं वायुसेना हमेशा शहीद के परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा. हालांकि अभी जवान का शव लखनऊ उनके घर नहीं पहुंचा है.

मिली जानकारी के मुताबिक, हर्षित सिन्हा लखनऊ के महानगर स्थित सीएमएस स्कूल से पढ़ाई पूरी किए थे. 1999 में हुए कारगिल युद्ध से उनको प्रेणना मिली थी. इसके बाद ही उन्होंने वायु सेना में जाने के ठानी थी. यह निर्णय करने के बाद हर्षित का पहली बार में ही वायुसेना में सिलेक्शन भी हो गया था. हर्षित सिन्हा अभिनंदन के बैच के ही जवान थे. हर्षित की भुज, सूरतगढ़ और जैसलमेर में दो बार पोस्टिंग रही है.

हर्षित सिन्हा मूल रूप से फैजाबाद के अयोध्या के रहने वाले थे. गोमती नगर विस्तार इलाके के कावेरी अपार्टमेंट में 7 सालों से अपने परिवार के साथ निवास करते थे. हालांकि, फिलहाल हर्षित सिन्हा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ राजस्थान में ही रह रहे थे, जबकि कावेरी अपार्टमेंट में उनकी मां किरण सिन्हा और उनके पिता हेमंत कुमार सिन्हा निवास करते हैं, जो काफी बुजुर्ग हो चुके हैं. बड़ा भाई मोहित सिन्हा बैंगलोर में नौकरी करते हैं.


शहीद हुए हर्षित सिन्हा के चाचा शिशिर सिन्हा की मानें तो उनका भतीजा बहुत ही सरल स्वभाव का था. हर्षित लोगों की काफी मदद किया करते थे. हर्षित ने वायुसेना में जाने का अपना लक्ष्य बनाया था और उसका सिलेक्शन सन 1999 में ही वायु सेना में हो गया था. उस समय हर्षित की जम्मू कश्मीर और श्रीनगर में पोस्टिंग रही थी. उस वक्त हर्षित को बेस्ट छात्र था का अवार्ड भी प्राप्त हुआ था.

इसे भी पढ़ें- अटल जयंती पर अमेठी को मिला 10 अरब का तोहफा, नितिन गडकरी ने किया लोकार्पण व शिलान्यास

हर्षित की पत्नी प्रियंका सिंह और दो बेटियां मुंहू और पीहू उनके साथ ही रहती थीं. पत्नी भी एयरफोर्स में थी, लेकिन उन्होंने शादी के कुछ साल बाद ही नौकरी छोड़ दी थी. हर्षित अपने परिवार से लगभग 3 साल पहले मिलने आए थे, जब उनकी बहन स्वाति सिन्हा की शादी थी. उसके बाद से उनको छुट्टी नहीं मिल पाई थी. वहीं, शुक्रवार की शाम उनके शहीद होने की जैसे ही सूचना मिली, पूरे परिवार में कोहराम मच गया.

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लखनऊ : राजस्थान के जैसलमेर में शुक्रवार की शाम को भारतीय सेना का फाइटर जेट एमआईजी-21 क्रैश हो गया. इस हादसे में लखनऊ के गोमती नगर विस्तार के रहने वाले पायलट विंग कमांडर हर्षित सिन्हा शहीद हो गए. इस बात की जानकारी हर्षित सिन्हा के चाचा को सेना की ओर से दी गई.

बेटे के शहीद होने की जानकारी मिलते ही परिवार में मातम छा गया. दूसरी तरफ भारतीय वायुसेना के ट्विटर हैंडल के माध्यम से जानकारी दी गई कि मिग-21 एक एयरक्राफ्ट ट्रेनिंग के लिए उड़ान भरा और हादसे का शिकार हो गया. इस हादसे में विंग कमांडर हर्षित सिन्हा शहीद हो गए. वहीं वायुसेना हमेशा शहीद के परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा. हालांकि अभी जवान का शव लखनऊ उनके घर नहीं पहुंचा है.

मिली जानकारी के मुताबिक, हर्षित सिन्हा लखनऊ के महानगर स्थित सीएमएस स्कूल से पढ़ाई पूरी किए थे. 1999 में हुए कारगिल युद्ध से उनको प्रेणना मिली थी. इसके बाद ही उन्होंने वायु सेना में जाने के ठानी थी. यह निर्णय करने के बाद हर्षित का पहली बार में ही वायुसेना में सिलेक्शन भी हो गया था. हर्षित सिन्हा अभिनंदन के बैच के ही जवान थे. हर्षित की भुज, सूरतगढ़ और जैसलमेर में दो बार पोस्टिंग रही है.

हर्षित सिन्हा मूल रूप से फैजाबाद के अयोध्या के रहने वाले थे. गोमती नगर विस्तार इलाके के कावेरी अपार्टमेंट में 7 सालों से अपने परिवार के साथ निवास करते थे. हालांकि, फिलहाल हर्षित सिन्हा अपनी पत्नी और बच्चों के साथ राजस्थान में ही रह रहे थे, जबकि कावेरी अपार्टमेंट में उनकी मां किरण सिन्हा और उनके पिता हेमंत कुमार सिन्हा निवास करते हैं, जो काफी बुजुर्ग हो चुके हैं. बड़ा भाई मोहित सिन्हा बैंगलोर में नौकरी करते हैं.


शहीद हुए हर्षित सिन्हा के चाचा शिशिर सिन्हा की मानें तो उनका भतीजा बहुत ही सरल स्वभाव का था. हर्षित लोगों की काफी मदद किया करते थे. हर्षित ने वायुसेना में जाने का अपना लक्ष्य बनाया था और उसका सिलेक्शन सन 1999 में ही वायु सेना में हो गया था. उस समय हर्षित की जम्मू कश्मीर और श्रीनगर में पोस्टिंग रही थी. उस वक्त हर्षित को बेस्ट छात्र था का अवार्ड भी प्राप्त हुआ था.

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हर्षित की पत्नी प्रियंका सिंह और दो बेटियां मुंहू और पीहू उनके साथ ही रहती थीं. पत्नी भी एयरफोर्स में थी, लेकिन उन्होंने शादी के कुछ साल बाद ही नौकरी छोड़ दी थी. हर्षित अपने परिवार से लगभग 3 साल पहले मिलने आए थे, जब उनकी बहन स्वाति सिन्हा की शादी थी. उसके बाद से उनको छुट्टी नहीं मिल पाई थी. वहीं, शुक्रवार की शाम उनके शहीद होने की जैसे ही सूचना मिली, पूरे परिवार में कोहराम मच गया.

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