लखनऊ: अखिल भारतीय उदासीन सम्प्रदाय संगत एवं विश्व सनातन धर्म सभा की ओर से खदरा स्थित श्री उदासीन महामण्डला आश्रम नानकशाही मठ में श्री राजराजेश्वरी श्रीमन महात्रिपुर सुन्दरी महायज्ञ का आयोजन किया गया है. राष्ट्र कल्याण के उद्देश्य से हो रहे इस महायज्ञ के दूसरे दिन शुक्रवार को अरणीमन्थन, अग्नि स्थापन, मण्डप पूजन एवं देवताओं का पूजन एवं हवन का कार्यक्रम हुआ. महायज्ञ के संयोजक श्री श्री 108 महंत धर्मेन्द्रदास जी महाराज के सानिध्य में बनारस, अयोध्या, हरिद्धार, नैमिषारण्य, मथुरा से आये 51 आचार्यो ने यज्ञ शुरू किया. यज्ञकुंड में आहुति देने वालों में बदायूं सांसद संघमित्रा मौर्या, मेयर संयुक्ता भाटिया, विधायक डॉ.नीरज बोरा प्रमुख रूप से शामिल हुए.
यज्ञ के बाद शाम को अयोध्या से आये जगतगुरु स्वामी राघवाचार्य जी महाराज ने वेद पर प्रवचन किया. वेदों पर प्रकाश डालते हुए स्वामी राघवाचार्य ने कहा कि वेदों का ज्ञान जानने के लिए महापुरुषों के पास जाना चाहिए. वेद का ज्ञान संतों से ही प्राप्त हो सकता है. उन्होंने कहा कि बिना गुरु के किसी को भगवान की कृपा नहीं मिल सकती है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं करना है कि हम किसी को भी गुरु स्वीकार कर लें. इसके निमित्त शास्त्रों ने कुछ बातें बताई हैं, जिसके आधार पर वास्तविक संत, महापुरुष या गुरु का निर्णय होता है.
उन्होंने कहा कि गुरु ऐसा होना चाहिए जिसे समस्त शास्त्रों, वेदों आदि का ज्ञान हो, जिससे कि वह हमारी जिज्ञासा और शंकाओं का समाधान कर सके. जगतगुरु ने कहा कि मनुष्य को जीवन में हमेशा सत्य का साथ करना चाहिए. सत्य के मार्ग पर चलकर ही उसे सफलता मिलती है. वहीं मीडिया प्रभारी अनुराग साहू ने बताया कि 23 जनवरी को मण्डप पूजन, देवताओं का पूजन व हवन किया जाएगा. इस दौरान सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक संतों का प्रवचन होगा.