लखनऊ : कर्बला के शहीदों के दो महीने आठ दिन तक चले गम के बाद सोमवार को शिया समुदाय ने ईद-ए-जहरा का पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया. इस अवसर पर समुदाय के लोगों ने नए कपड़े पहने और जगह-जगह महफिलों का आयोजन करके ईदे जहरा का जश्न मनाया. इस मौके पर एक-दूसरे को ईद-ए-जहरा की मुबारकबाद दी. इस दौरान लोग खुश रंग विशेषकर लाल लिबास पहने नजर आए. वहीं घरों में महिलाओं ने तरह-तरह के पकवान बनाए और एक दूसरे के घर जाकर ईद-ए-जहरा की मुबारकबाद दी और मिठाइयां बांटी.
मोहर्रम का चांद दिखते ही शिया समुदाय के लोगों ने काले लिबास पहन लिए लिए थे. इस दौरान किसी ने न तो खुशी मनाई और न ही खुशी के किसी कार्यक्रम में शरीक हुए. ईद-ए-जहरा के अवसर पर घरों पर लगे काले झंडे उतार कर खुशी के लाल झंडे लगाए और आतिशबाजी भी की. हजरत इमाम हुसैन अ.स. और उनके साथियों की शहादत के बाद उनके बीमार बेटे हजरत इमाम जैनुल आबदीन और बहन शहजादी जनाबे जैनब (स.) के चेहरों पर आज के दिन ही मुस्कुराहट आई थी. पुराने शहर के हसन पुरिया, कश्मीरी मोहल्ला, काजमैन, रूस्तमनगर, टापे वाली गली, नूरबाड़ी, मैदान एलएच खां, तोप दरवाजा, शर्गा पार्क, मौला नगरी, हुसैनाबाद, वजीरगंज, गोलागंज, सरफराजगंज, बुनियादबाग, रईस मंजिल, शरीफ मंजिल, जनाब वाली गली, शीशमहल, दरगाह रोड, मुफ्तीगंज, मुसाहबगंज नैपियर रोड और अंगूरीबाग में लोग लाल-पीले रंग के लिबास पहने जश्न मनाते नजर आए.
रूमी गेट गंगा-जमुनी तहजीब मुशायरा और जश्न ईद फातिमा जहरा के कार्यक्रम का आयोजन सोमवार को किया गया. नेहरू युवा केंद्र में आयोजित कार्यक्रम हयूमन वेलफेयर सोसायटी के अध्यक्ष व प्रसिद्ध लेखक व साहित्यकार एम. अली मदहोश के संचालन में हुआ. मुख्य अतिथि मौलाना कल्बे जव्वाद नकवी, कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रसिद्ध लेखक व कवि सूर्यकुमार पांडेय, विशिष्ट अतिथिगण स्वामी सारंग और तुरज जैदी चेयरमैन फखरूद्दीन अली अहमद मेमोरियल कमेटी लखनऊ ने विचार व्यक्त किए. मशहूर शायर नय्यर मजीदी. एम. अली मदहोश, मो. रजा लखनवी पंडित दिलीप नारायण चतुर्वेदी, शारिक उन्नावी, अजहर मोहानी, मोहम्मद अली जाफर ने अपने कलाम पेश किया.
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