लखनऊ: इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने रबी-उल-अव्वल को लेकर एडवाइजरी जारी की है. फरंगी महल के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने रबी-उल-अव्वल के सिलसिले में कोविड-19 के प्रोटोकाॅल और सरकार की गाइडलाइन को देखते हुए एडवाइजरी जारी कर मुसलमानों से उस पर अमल करने की अपील की है. इस्लामिक सेंटर ने इस वर्ष 12 रबी-उल-अव्वल पर रवायती जुलूस को न निकालने के साथ कई बिंदुओं पर एडवाइजरी जारी की है.
माहे रबी-उल-अव्वल शुरू होते ही जहां मुसलमानों में धार्मिक आयोजन बड़े पैमाने पर शुरू हो जाते हैं तो वहीं इस बार कोरोना को देखते हुए उलेमा लगातार बड़े कार्यक्रमों को लेकर संजीदा नजर आ रहे हैं. इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया ने रबी-उल-अव्वल और इस महीने की 30 तारीख को निकलने वाले ऐतिहासिक जुलूस को लेकर मंगलवार को एडवाइजरी जारी कर दी है.
लखनऊ स्तिथ इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की ओर से जारी हुई एडवाइजरी में कहा गया है कि रमजान, ईद उल फित्र और ईद उल अजहा की तरह रबी उल अव्वल में भी कोई जलसा न आयोजित किया जाए और जहां जलसे होते थे उनको आनलाइन किया जाए.
- 12 रबी उल अव्वल (मुताबिक 30 अक्तूबर 2020) के अवसर पर कोई भी जूलूस न निकाला जाए.
- इस अवसर पर कहीं भीड़ भी जमा न करें.
- 11 रबी उल अव्वल (मुताबिक 29 अक्तूबर) को मोहल्ले की मस्जिद में इशा की नमाज के बाद सीरत-ए-रसूल पाक सल्ल बयान करें.
- इस अवसर पर इस वर्ष सबीलें न लगाई जाए.
- जलसे और जुलूस न करने की वजह से जो रकम बचे उससे गरीब बच्चों की तालीमी फीस अदा करें और गरीबों की सहायता करें.
12 रबी उल अव्वल के मौके पर हर संस्था अपने-अपने क्षेत्र में दो पेड़ लगाकर वातावरण को सुरक्षित करें, क्योंकि पैगम्बर-ए-इस्लाम ने फरमाया है कि जिसने एक भी पेड़ लगाया, इससे जब तक इंसान और जानवर फायदा उठायेंगे, इसका फल पेड़ लगाने वाले को मिलता रहेगा.