लखनऊ : भारतीय रेल यातायात सेवा (आईआरटीएस) कैडर का तकरीबन 56 साल पुराना इतिहास के रूप में दर्ज हो गया. इस सेवा के अंतिम बैच के 30 प्रशिक्षु अधिकारियों ने शनिवार को अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया. भारतीय रेल परिवहन प्रबंधन संस्थान (इरिटेम) में आयोजित दीक्षा समारोह के बाद इन युवा अधिकारियों की तैनाती रेलवे के अलग अलग जोन में कर दी गई.
इसके अलावा उदयपुर स्थित जोनल रेलवे ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, नेशनल रेल एवं ट्रांसपोर्टेशन इंस्टीट्यूट, सेंटर फार रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम, सीबीआइ अकादमी, पार्लियामेंट्री रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट फार डेमोक्रेसीज (प्राइड), और नेशनल एकेडमी ऑफ ऑडिट एंड अकाउंट्स (एनएएए) सहित कई संस्थानों के कई पाठ्यक्रमों में हिस्सा लिया. विभिन्न जोनल रेलवे में अब आठ महिलाओं समेत 30 अधिकारियों की तैनाती सहायक परिचालन प्रबंधक, सहायक वाणिज्यिक प्रबंधक और क्षेत्र प्रबंधक के रूप में होगी. इरिटेम की प्रोफेसर ऋचा शर्मा को कक्षा प्रतिनिधि ने संस्थान का ध्वज सौंपा. ये भारतीय रेल के भावी प्रशिक्षार्थियों को जिम्मेदारी की कमान सौंपे जाने का प्रतीक है. इसके बाद प्रशिक्षु अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए.