लखनऊ: लॉकडाउन बाद कई महीनों तक तेजस एक्सप्रेस का संचालन बंद रहने से आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन) को बहुत नुकसान हुआ है. इस नुकसान की भरपाई के लिए आईआरसीटीसी ने गुपचुप तरीके से ट्रेन के बेस फेयर में बढ़ोतरी कर दी. इतना ही नहीं, यात्रियों को इस बात की जानकारी तक नहीं दी गई. बेस फेयर बढ़ने से टिकट का दाम बढ़ गया है, जिससे यात्रियों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं.
यात्रियों के लिए मुसीबत
आईआरसीटीसी प्रशासन ने तेजस का बेस फेयर बढ़ा दिया है. इससे यात्री महंगे किराए की मार झेल रहे हैं. फरवरी माह में आईआरसीटीसी ने जब तेजस एक्सप्रेस का संचालन शुरू किया था तो बेस फेयर के दो प्राइसबैंड फिक्स किए थे. इसमें शुक्रवार व सोमवार को लखनऊ जंक्शन से नई दिल्ली का किराया 870 रुपये और शनिवार और रविवार को 950 रुपये निर्धारित था. इस पर जीएसटी व डायनेमिक फेयर अतिरिक्त लगता था.
अब 30 मार्च से आगे की तारीखों के लिए जब यात्री तेजस का टिकट बुक करा रहे हैं तो बेस फेयर बढ़कर 1080 पहुंच गया. यात्री एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस उप्पल का कहना है कि आईआरसीटीसी प्रशासन ने जानबूझकर बेस फेयर में इजाफा किया है. कोरोना काल मे यात्रियों की जेब पर पड़ी मार को देखते हुए बढ़ा बेस फेयर वापस लेना चाहिए.
ऐप पर 5 अप्रैल के बाद निरस्त दिख रही तेजस
वहीं जब यात्री आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर टिकट बुक कराने की कोशिश कर रहे हैं तो उन्हें पांच अप्रैल के बाद ट्रेन कैंसिल बताई जा रही है. इससे यात्री परेशान हैं. आईआरसीटीसी के अधिकारियों का कहना है कि ट्रेन निरस्त नहीं है, कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम है. इसे सही कराने के लिए क्रिस यानी रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र से बातचीत की जा रही है.