लखनऊ: समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने लखनऊ के लोहिया चौराहे पर दुष्कर्म के दोषी कुलदीप सिंह सेंगर और आरोपी चिन्मयानंद का पोस्टर लगाया है. उन्होंने यह कदम शासन और प्रशासन द्वारा चौक चौराहे पर सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने वालों के पोस्टर के विरोध में उठाया है. उनका कहना है कि जब प्रदर्शनकारियों की कोई निजता नहीं है और उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग नहीं हटा रही है तो ये लीजिए फिर, लोहिया चौराहे पर मैंने भी कुछ कोर्ट द्वारा नामित अपराधियों का पोस्टर जनहित में जारी कर दिया है, इनसे बेटियां सावधान रहें.
भाजपा को बताया महिला विरोधी
उन्होंने टि्वटर पर लिखा 'मेरे पोस्टर का विरोध वही करेगा जो महिला विरोधी और बलात्कारियों का समर्थन कर रहा है. सरकार उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का अपमान कर संविधान विरोधी कार्य करेगी तो फिर उसके पहले भाजपा को अपने गिरेबान में भी झांक कर देख लेना चाहिए, भाजपा महिला विरोधी है.
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मेरे पोस्टर का विरोध वही करेगा जो महिला विरोधी और बलात्कारियों का समर्थन कर रहा है। सरकार उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का अपमान कर संविधान विरोधी कार्य करेगी तो फिर उसके पहले भाजपा को अपने गिरेबान में भी झांक कर देख लेना चाहिए। भाजपा महिला विरोधी है। pic.twitter.com/fUnq6I3RZL
— I.P. Singh (@IPSinghSp) March 12, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— I.P. Singh (@IPSinghSp) March 12, 2020मेरे पोस्टर का विरोध वही करेगा जो महिला विरोधी और बलात्कारियों का समर्थन कर रहा है। सरकार उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का अपमान कर संविधान विरोधी कार्य करेगी तो फिर उसके पहले भाजपा को अपने गिरेबान में भी झांक कर देख लेना चाहिए। भाजपा महिला विरोधी है। pic.twitter.com/fUnq6I3RZL
— I.P. Singh (@IPSinghSp) March 12, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से किया इनकार
बता दें कि प्रदेश सरकार और लखनऊ प्रशासन ने सीएए के विरोध में प्रदर्शन करने वालों की एक बड़ी होर्डिंग चौक-चौराहे पर लगवाई है. इस होर्डिंग में प्रदर्शनकारियों की फोटो, उनका नाम और उनका पता लिखा है. इलाहाबाद हाईकार्ट ने इस मामले में 16 मार्च जिलाधिकारी को सार्वजनिक स्थलों से होर्डिंग हटाने के निर्देश दिए थे. प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
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