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अयोध्या को विकसित बनाने में जुटी योगी सरकार, ऐसी होगी 'रामनगरी'

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Published : Nov 23, 2019, 2:51 PM IST

दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा अयोध्या में भगवान राम की होगी. सरकार का यह प्रोजेक्ट जल्द ही मूर्त रूप लेगा. अयोध्या को लेकर पर्यटन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नीलकंठ तिवारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते पर्यटन राज्यमंत्री.

लखनऊ: अयोध्या को विकसित करने के लिए योगी सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम रही है. प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या पर काम करना शुरू कर दिया था. इसी बीच गुजरात में सरदार पटेल की 182 मीटर की प्रतिमा लगाई गई. उसी वक्त योगी सरकार ने भगवान राम की प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया. अब दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा अयोध्या में भगवान राम की होगी. सरकार का यह प्रोजेक्ट जल्द ही मूर्त रूप लेगा. अयोध्या को लेकर पर्यटन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नीलकंठ तिवारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते पर्यटन राज्यमंत्री.

पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि अयोध्या भारतीय संस्कृति का अत्यंत ही गौरवशाली पक्ष है. श्रीराम जन्मभूमि के प्रति लोगों का अद्भुत भाव है. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को आराध्य रूप में, आदर्श रूप में, साथ ही साथ अयोध्या को आराधना के केंद्र के रूप में रामराज्य कहा जाता है.

हमारी संस्कृति को नष्ट करने का किया प्रयास
उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांता ने हमारे आदर्श और अध्यात्म के केंद्र अयोध्या को विभिन्न आक्रांताओं के आक्रमण के माध्यम से नष्ट करने का प्रयास किया. हमारी संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन हमारी संस्कृति इतना आत्मिक रूप से मजबूत है कि उसको कोई नष्ट नहीं कर पाया. वह आज भी जीवित है. स्वतंत्रता के बाद से उस पर काम होने थे. होने चाहिए थे, लेकिन हुए नहीं. उसको विवादित भूमि बनाकर के छोड़ दिया गया. उस पर कोई विकास का कार्य नहीं हुआ.

ये भी पढ़ें- 32 साल बाद ताजनगरी में ABVP के राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन

मोदी-योगी सरकार ने अयोध्या के विकास का खींचा खाका
पीएम मोदी 2014 जब केंद्र में सरकार में आए और उत्तर प्रदेश में योगी 2017 में मुख्यमंत्री के रूप में काम करना प्रारंभ किए तो उन्होंने अयोध्या के संपूर्ण विकास की विभिन्न योजनाएं बनाई. नगर निगम का गठन किया गया. वहां पर गलियों और घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया. दीपोत्सव का आयोजन किया गया. आज दीपोत्सव का विश्व कीर्तिमान स्थापित हुआ है.

अयोध्या की गलियों का किया जा रहा सौंदर्यीकरण
अयोध्या में गली-गली में सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. राम की पैड़ी का सुंदर निर्माण किया गया है. अद्भुत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है. साथ ही साथ श्रीराम जी की एक विशाल प्रतिमा लगाने की भी योजना है. श्रीराम जी के कृतित्व एवं चरित्र उनके द्वारा भारत भ्रमण, विश्व भ्रमण को म्यूजियम में दर्शाया का काम पहले से ही चल रहा है.

ये भी पढ़ें- रामलला के दरबार पहुंचे उनके वकील के परासरन, भगवान राम को सौंपी आदेश की प्रति

टेक्निकल टीम ने अयोध्या पर सौंपी रिपोर्ट
भगवान राम की प्रतिमा और संग्रहालय निर्माण को लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव पास हो चुका है. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में हम आगे बढ़ चुके हैं. इसकी टेक्निकल कमेटी अयोध्या भेजी गई थी. टेक्निकल कमेटी ने मौखिक रिपोर्ट अपनी प्रस्तुत की है. वह लिखित रिपोर्ट दे कि वह एक कौन सा स्थल होगा, जहां पर मूर्ति को स्थापित किया जाएगा. जमीन के अधिग्रहण के लिए पैसा भी कैबिनेट द्वारा स्वीकृत कर दिया गया है.

जल्द बनकर तैयार होगा डीपीआर
पूरे प्रोजेक्ट के बजट के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी तो जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. अभी डीपीआर तैयार नहीं हुआ है. डीपीआर तैयार होने में अभी थोड़ा समय लगेगा. डीपीआर की प्रक्रिया चल रही है. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है. डीपीआर जब बन जाएगा तो उसका पूरा विवरण उसमें आ जाएगा कि उसकी लागत क्या है? कब बनकर तैयार हो होगा? सारी चीजें उसमें शामिल होंगी.

ये भी पढ़ें- BHU में फिरोज खान के संस्कृत पढ़ाने का मामला : शाहनवाज हुसैन बोले- नहीं होना चाहिए विवाद

भगवान राम की 251 मीटर की प्रतिमा
अधिग्रहित जमीन भूमि पर श्रीराम की मूर्ति के अलावा अन्य कई परियोजनाएं भी समाहित की गई हैं. इसमें डिजिटल म्यूजियम और रिवरफ्रंट श्रद्धालुओं के आकर्षण के प्रमुख केंद्र बनेंगे. इस प्रोजेक्ट में फूड प्लाजा, लैंडस्कैपिंग जैसी चीजों के अलावा अगन्तुओं के लिए की पार्किंग व्यवस्था भी इसमें शामिल किया गया है. कैबिनेट से 450 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है. 150 एकड़ जमीन मीरपुर दोआबा में परियोजना के लिए चिन्हित की गई है. दुनिया की सबसे ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा 251 मीटर की होगी. मूर्ति की ऊंचाई और चौड़ाई पर सरकार के स्तर पर सहमति बन चुकी है. भगवान राम की मूर्ति कांसे की होगी. इस पर भी सहमति बन चुकी है. सूत्रों की मानें तो यह पूरा प्रोजेक्ट करीब साढ़े चार हजार करोड़ का होगा.

लखनऊ: अयोध्या को विकसित करने के लिए योगी सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम रही है. प्रदेश में सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या पर काम करना शुरू कर दिया था. इसी बीच गुजरात में सरदार पटेल की 182 मीटर की प्रतिमा लगाई गई. उसी वक्त योगी सरकार ने भगवान राम की प्रतिमा लगाने का निर्णय लिया. अब दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा अयोध्या में भगवान राम की होगी. सरकार का यह प्रोजेक्ट जल्द ही मूर्त रूप लेगा. अयोध्या को लेकर पर्यटन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार नीलकंठ तिवारी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

ईटीवी भारत संवाददाता से बात करते पर्यटन राज्यमंत्री.

पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि अयोध्या भारतीय संस्कृति का अत्यंत ही गौरवशाली पक्ष है. श्रीराम जन्मभूमि के प्रति लोगों का अद्भुत भाव है. मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को आराध्य रूप में, आदर्श रूप में, साथ ही साथ अयोध्या को आराधना के केंद्र के रूप में रामराज्य कहा जाता है.

हमारी संस्कृति को नष्ट करने का किया प्रयास
उन्होंने कहा कि विदेशी आक्रांता ने हमारे आदर्श और अध्यात्म के केंद्र अयोध्या को विभिन्न आक्रांताओं के आक्रमण के माध्यम से नष्ट करने का प्रयास किया. हमारी संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया, लेकिन हमारी संस्कृति इतना आत्मिक रूप से मजबूत है कि उसको कोई नष्ट नहीं कर पाया. वह आज भी जीवित है. स्वतंत्रता के बाद से उस पर काम होने थे. होने चाहिए थे, लेकिन हुए नहीं. उसको विवादित भूमि बनाकर के छोड़ दिया गया. उस पर कोई विकास का कार्य नहीं हुआ.

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मोदी-योगी सरकार ने अयोध्या के विकास का खींचा खाका
पीएम मोदी 2014 जब केंद्र में सरकार में आए और उत्तर प्रदेश में योगी 2017 में मुख्यमंत्री के रूप में काम करना प्रारंभ किए तो उन्होंने अयोध्या के संपूर्ण विकास की विभिन्न योजनाएं बनाई. नगर निगम का गठन किया गया. वहां पर गलियों और घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया. दीपोत्सव का आयोजन किया गया. आज दीपोत्सव का विश्व कीर्तिमान स्थापित हुआ है.

अयोध्या की गलियों का किया जा रहा सौंदर्यीकरण
अयोध्या में गली-गली में सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है. राम की पैड़ी का सुंदर निर्माण किया गया है. अद्भुत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है. साथ ही साथ श्रीराम जी की एक विशाल प्रतिमा लगाने की भी योजना है. श्रीराम जी के कृतित्व एवं चरित्र उनके द्वारा भारत भ्रमण, विश्व भ्रमण को म्यूजियम में दर्शाया का काम पहले से ही चल रहा है.

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टेक्निकल टीम ने अयोध्या पर सौंपी रिपोर्ट
भगवान राम की प्रतिमा और संग्रहालय निर्माण को लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव पास हो चुका है. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में हम आगे बढ़ चुके हैं. इसकी टेक्निकल कमेटी अयोध्या भेजी गई थी. टेक्निकल कमेटी ने मौखिक रिपोर्ट अपनी प्रस्तुत की है. वह लिखित रिपोर्ट दे कि वह एक कौन सा स्थल होगा, जहां पर मूर्ति को स्थापित किया जाएगा. जमीन के अधिग्रहण के लिए पैसा भी कैबिनेट द्वारा स्वीकृत कर दिया गया है.

जल्द बनकर तैयार होगा डीपीआर
पूरे प्रोजेक्ट के बजट के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी तो जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है. अभी डीपीआर तैयार नहीं हुआ है. डीपीआर तैयार होने में अभी थोड़ा समय लगेगा. डीपीआर की प्रक्रिया चल रही है. जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है. डीपीआर जब बन जाएगा तो उसका पूरा विवरण उसमें आ जाएगा कि उसकी लागत क्या है? कब बनकर तैयार हो होगा? सारी चीजें उसमें शामिल होंगी.

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भगवान राम की 251 मीटर की प्रतिमा
अधिग्रहित जमीन भूमि पर श्रीराम की मूर्ति के अलावा अन्य कई परियोजनाएं भी समाहित की गई हैं. इसमें डिजिटल म्यूजियम और रिवरफ्रंट श्रद्धालुओं के आकर्षण के प्रमुख केंद्र बनेंगे. इस प्रोजेक्ट में फूड प्लाजा, लैंडस्कैपिंग जैसी चीजों के अलावा अगन्तुओं के लिए की पार्किंग व्यवस्था भी इसमें शामिल किया गया है. कैबिनेट से 450 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है. 150 एकड़ जमीन मीरपुर दोआबा में परियोजना के लिए चिन्हित की गई है. दुनिया की सबसे ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा 251 मीटर की होगी. मूर्ति की ऊंचाई और चौड़ाई पर सरकार के स्तर पर सहमति बन चुकी है. भगवान राम की मूर्ति कांसे की होगी. इस पर भी सहमति बन चुकी है. सूत्रों की मानें तो यह पूरा प्रोजेक्ट करीब साढ़े चार हजार करोड़ का होगा.

Intro:लखनऊ: राम की अयोध्या को विकसित बनाने में जुटी योगी सरकार

लखनऊ। अयोध्या को विकसित करने के लिए सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम रही है। योगी सरकार के अस्त्तित्व में आने के साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पर काम करना शुरू कर दिए। बार-बार अयोध्या गए। अयोध्या की दुर्दशा पर दुख जताते हुए अधिकारियों को योजना तैयार करने के निर्देश दिए। इसी बीच गुजरात मे सरदार पटेल की 182 मीटर प्रतिमा लगाई गई। उसी वक्त योगी सरकार ने भगवान राम की प्रतिमा लगाने का निर्णय हुआ। सरकार चाहती थी कि चूंकि राम मंदिर मामल कोर्ट में है। इसलिए विवादित स्थल छोड़कर पूरी अयोध्या को विकसित करने की योजना तैयार की। अब दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा अयोध्या में भगवान राम की होगी। सरकार का यह प्रोजेक्ट जल्द ही मूर्त रूप लेगा। अयोध्या को लेकर पर्यटन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार नीलकंठ तिवारी ने ईटीवी भारत से बातचीत की।


Body:पर्यटन मंत्री नीलकंठ तिवारी ने कहा कि अयोध्या भारतीय संस्कृति का अत्यंत ही गौरवशाली पक्ष है। श्री राम और श्री राम की जन्मभूमि के प्रति लोगों का अद्भुत भाव है। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम को आराध्य रूप में, आदर्श रूप में, साथ ही साथ अयोध्या को आराधना के केंद्र के रूप में और एक आदर्श राज्य व्यवस्था जिसको रामराज्य कहा जाता है, के उद्भव स्थल के रूप में भी देखा जाता है।

विदेशी आक्रांता ने हमारे आदर्श और अध्यात्म के केंद्र अयोध्या को विभिन्न आक्रांताओं के आक्रमण के माध्यम से, आक्रांता स्वभाव के कारण लोगों ने नष्ट करने का प्रयास किया, हमारी संस्कृति को नष्ट करने का प्रयास किया। लेकिन हमारी संस्कृति इतना आत्मिक रूप से मजबूत है कि उसको कोई नष्ट नहीं कर पाया। वह आज भी जीवित है। स्वतंत्रता के बाद से उस पर काम होने थे। होने चाहिए थे। लेकिन हुए नहीं। उसको विवादित भूमि बनाकर के छोड़ दिया गया। उस पर कोई विकास का कार्य नहीं हुआ।

मोदी योगी सरकार ने अयोध्या के विकास का खींचा खाका

मोदी जी 2014 जब केंद्र में सरकार में आए और उत्तर प्रदेश में योगी जी 2017 में मुख्यमंत्री के रूप में काम करना प्रारंभ किए तो उन्होंने अयोध्या के संपूर्ण विकास की विभिन्न योजनाएं बनाईं। नगर निगम का गठन किया गया। वहां पर गलियों का, घाटों का सौंदर्यीकरण किया गया। दीपोत्सव का आयोजन किया गया। आज दीपोत्सव का विश्व कीर्तिमान स्थापित हुआ है।

अयोध्या की गलियों का किया जा रहा सौंदर्यीकरण

अयोध्या में गली-गली में सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है राम की पैड़ी का सुंदर निर्माण किया गया है अद्भुत पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया गया है साथ ही साथ श्री राम जी की एक विशालतम प्रतिमा लगाने की भी योजना है श्री राम जी के कृतित्व एवं चरित्र उनके द्वारा भारत भ्रमण विश्व भ्रमण पर कई प्रकार के म्यूजियम कि वहां पर स्थापना के कार्य पहले से ही चल रहे हैं।

टेक्निकल टीम ने अयोध्या पर सौंपी रिपोर्ट

भगवान राम की प्रतिमा और संग्रहालय निर्माण को लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव पास हो चुका है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया में हम आगे बढ़ चुके हैं। इसकी टेक्निकल कमेटी अयोध्या भेजी गई थी। टेक्निकल कमेटी ने मौखिक रिपोर्ट अपनी प्रस्तुत किया है। लिखित रिपोर्ट के प्रत्याशा में उसे कहा गया है कि वह लिखित रिपोर्ट दे कि वह एक कौन सा स्थल होगा जहां पर मूर्ति को स्थापित किया जाएगा। जमीन के अधिग्रहण के लिए पैसा भी कैबिनेट द्वारा स्वीकृत कर दिया गया।

जल्द बनकर तैयार होगा डीपीआर

पूरे प्रोजेक्ट के बजट के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि अभी तो जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है। अभी डीपीआर तैयार नहीं हुआ है। डीपीआर तैयार होने में अभी थोड़ा समय लगेगा। डीपीआर की प्रक्रिया चल रही है। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। डीपीआर जब बन जाएगा तो उसका पूरा विवरण उसमें आ जाएगा कि उसकी लागत क्या है। कब बनकर तैयार हो जाएगा। सारी चीजें उसमें शामिल होंगी

भगवान राम की 251 मीटर की प्रतिमा

अधिग्रहित जमीन भूमि पर श्री राम की मूर्ति के अलावा अन्य कई परियोजनाएं भी समाहित की गयीं हैं। इसमें डिजिटल म्यूजियम और रिवरफ्रंट श्रद्धालुओं के आकर्षण के प्रमुख केंद्र बनेंगे। इस प्रोजेक्ट में फूड प्लाजा, लैंडस्कैपिंग जैसी चीजों के अलव्व अगन्तुओं के लिये की पार्किंग व्यवस्था भी इसमें शामिल किया गया है। कैबिनेट से 450 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। 150 एकड़ जमीन मीरपुर दोआबा में परियोजना के लिए चिन्हित की गई है। दुनिया की सबसे ऊंची भगवान श्रीराम की प्रतिमा 251 मीटर की होगी। मूर्ति की ऊंचाई और चौड़ाई पर सरकार के स्तर पर सहमति बन चुकी है लेकिन इसमें संशोधन की पूरी बनी हुई है। भगवान राम की मूर्ति कांसे की होगी। इस पर भी सहमति बन चुकी है। सूत्रों की मानें तो यह पूरा प्रोजेक्ट करीब साढ़े चार हजार करोड़ का होगा।

दिलीप शुक्ला-9450663213




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