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टीम बनाकर किया काम, नहीं होने दी कालाबाजारी: ADM विश्व भूषण मिश्रा

राजधानी लखनऊ में कोरोना वारियर्स ट्रांस गोमती एडीएम विश्व भूषण मिश्रा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. साथ ही यह भी जाना कि वह लॉकडाउन के दौरान किस तरह से काम कर रहे हैं. एडीएम विश्व भूषण मिश्रा ने अपने काम करने के तरीके को ईटीवी भारत के साथ साझा किया.

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एडीएम ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्रा.
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Published : May 9, 2020, 10:13 AM IST

लखनऊ: कोरोना वायरस के कारण फैली अव्यवस्था को ठीक करने को लेकर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी के लिए ट्रांस गोमती एडीएम विश्व भूषण मिश्रा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. बता दें कि लाॅकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित करने और कालाबाजारी रोकने के लिए एडीएम विश्व भूषण मिश्रा लगातार प्रमुख इलाकों में सब्जी मंडी, फल मंडी व राशन मंडी का निरीक्षण कर रहे हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत करते ट्रांस गोमती एडीएम विश्व भूषण मिश्रा.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में एडीएम ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आने वाली चुनौतियों से लड़ते हुए हमने काम किया. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और उनकी कीमतें नियंत्रित रखने में सफलता पाई. विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि लाॅकडाउन घोषित होने के बाद आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति शुरू करने को लेकर सबसे अधिक चुनौती सामने आई. कर्मचारियों की एक टीम बनाई गई और क्षेत्र के स्थानीय बाजारों के अलावा सभी मंडियों का लगातार निरीक्षण किया गया. किसी भी सामान के दाम नहीं बढ़ने दिया गया. यही कारण रहा कि लगातार निरीक्षण से कालाबाजी को रोकने में मदद मिली.

बाजार में लाया गया 10 हजार क्विंटल गेहूं
एडीएम ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि अपने राज्य के बॉर्डर में जो बाहर से गेहूं आता है, उसे रोकने का काम हो रहा था. दूसरे राज्यों के अधिकारियों से बात की गई. साथ ही तत्काल फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अफसरों से बात करके 10 हजार क्विंटल गेहूं मार्केट में लाया गया. उसका परिणाम यह हुआ कि लाॅकडाउन के शुरुआती दिनों में आटे का रेट 28 से 30 रुपये हो गया था, लेकिन गेहूं लाने के बाद आटे का रेट 25 से 26 रुपए प्रति किलो हो गया, जबकि थोक में आटे का दाम 22 से 23 रुपये प्रति किलो है.

सामानों की जारी की गई रेट लिस्ट, नहीं बढ़ने दी कीमतें
एडीएम ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि फल और सब्जियों की गाड़ियां रास्ते में फंस गई थीं, जिन्हें आने के लिए अनुमति दिलाई गई. डिमांड और सप्लाई में संतुलन बनाते हुए कीमतें नियंत्रित की गईं और रेट लिस्ट जारी की गई. सेल टैक्स विभाग की 22 टीमें बनाई. इसके अलावा बाट माप विभाग सहित अन्य विभागों की टीम बनाकर लगातार स्थानीय बाजारों का निरीक्षण किया गया. इस दौरान रेट लिस्ट से अधिक कीमत पर सामान बेच रहे दुकानदारों पर कार्रवाई भी की गई.

4 बजे सुबह आते हैं मंडी
एडीएम ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि वह कभी रात 2.30 बजे तो कभी सुबह 4 बजे मंडी आते हैं और मंडी का निरीक्षण करते हैं. यहां सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम शुरू कराया जाता है. इसके अलावा लाॅकडाउन का भी प्रभार मेरे पास है तो उसको लेकर भी हम फील्ड में रहते हैं. मोबाइल के माध्यम से जहां जो जरूरत होती है, वहां मूवमेंट करते हुए एक्शन लेते हैं.

लखनऊ: कोरोना वायरस के कारण फैली अव्यवस्था को ठीक करने को लेकर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी के लिए ट्रांस गोमती एडीएम विश्व भूषण मिश्रा से ईटीवी भारत ने खास बातचीत की. बता दें कि लाॅकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नियंत्रित करने और कालाबाजारी रोकने के लिए एडीएम विश्व भूषण मिश्रा लगातार प्रमुख इलाकों में सब्जी मंडी, फल मंडी व राशन मंडी का निरीक्षण कर रहे हैं.

ईटीवी भारत से बातचीत करते ट्रांस गोमती एडीएम विश्व भूषण मिश्रा.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में एडीएम ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान आने वाली चुनौतियों से लड़ते हुए हमने काम किया. आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और उनकी कीमतें नियंत्रित रखने में सफलता पाई. विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि लाॅकडाउन घोषित होने के बाद आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति शुरू करने को लेकर सबसे अधिक चुनौती सामने आई. कर्मचारियों की एक टीम बनाई गई और क्षेत्र के स्थानीय बाजारों के अलावा सभी मंडियों का लगातार निरीक्षण किया गया. किसी भी सामान के दाम नहीं बढ़ने दिया गया. यही कारण रहा कि लगातार निरीक्षण से कालाबाजी को रोकने में मदद मिली.

बाजार में लाया गया 10 हजार क्विंटल गेहूं
एडीएम ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि अपने राज्य के बॉर्डर में जो बाहर से गेहूं आता है, उसे रोकने का काम हो रहा था. दूसरे राज्यों के अधिकारियों से बात की गई. साथ ही तत्काल फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के अफसरों से बात करके 10 हजार क्विंटल गेहूं मार्केट में लाया गया. उसका परिणाम यह हुआ कि लाॅकडाउन के शुरुआती दिनों में आटे का रेट 28 से 30 रुपये हो गया था, लेकिन गेहूं लाने के बाद आटे का रेट 25 से 26 रुपए प्रति किलो हो गया, जबकि थोक में आटे का दाम 22 से 23 रुपये प्रति किलो है.

सामानों की जारी की गई रेट लिस्ट, नहीं बढ़ने दी कीमतें
एडीएम ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि फल और सब्जियों की गाड़ियां रास्ते में फंस गई थीं, जिन्हें आने के लिए अनुमति दिलाई गई. डिमांड और सप्लाई में संतुलन बनाते हुए कीमतें नियंत्रित की गईं और रेट लिस्ट जारी की गई. सेल टैक्स विभाग की 22 टीमें बनाई. इसके अलावा बाट माप विभाग सहित अन्य विभागों की टीम बनाकर लगातार स्थानीय बाजारों का निरीक्षण किया गया. इस दौरान रेट लिस्ट से अधिक कीमत पर सामान बेच रहे दुकानदारों पर कार्रवाई भी की गई.

4 बजे सुबह आते हैं मंडी
एडीएम ट्रांस गोमती विश्व भूषण मिश्रा ने बताया कि वह कभी रात 2.30 बजे तो कभी सुबह 4 बजे मंडी आते हैं और मंडी का निरीक्षण करते हैं. यहां सोशल डिस्टेंसिंग के साथ काम शुरू कराया जाता है. इसके अलावा लाॅकडाउन का भी प्रभार मेरे पास है तो उसको लेकर भी हम फील्ड में रहते हैं. मोबाइल के माध्यम से जहां जो जरूरत होती है, वहां मूवमेंट करते हुए एक्शन लेते हैं.

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