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कथक के अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल का आगाज, कनाडा से आई मारला गिल ने दी मनमोहक प्रस्तुति

उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में साल के पहले दिन फेस्टिवल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स 2020' का आगाज हुआ. इस आयोजन में भारत, कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका समेत दुनिया भर के कई देशों से कथक कलाकार शामिल हो रहे हैं.

कथक के अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल
कथक के अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल
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Published : Jan 2, 2020, 1:49 PM IST

लखनऊः कथक नृत्य को आगे बढ़ाने के लिए 'लखनऊ इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स 2020' का आगाज उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में साल के पहले दिन हुआ. इस आयोजन में भारत समेत दुनिया भर के कई अन्य देशों से भी कथक कलाकार शामिल हो रहे हैं और अपने अलग-अलग तरह की प्रस्तुतियां दे रहे हैं.

देखें वीडियो.
इस कार्यक्रम का आयोजन पंडित अनुज अर्जुन मिश्रा डांस अकादमी की ओर से किया जा रहा है. अकादमी के संस्थापक और डायरेक्टर पंडित अनुज मिश्रा ने बताया कि कत्थक और भारतीय नृत्य को विदेशों में भी अलग पहचान मिल चुकी है. फिर भी इसे और आगे बढ़ाने के लिए हमने लखनऊ में 4 दिन के अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल का आयोजन किया है. इसमें संगीत की तमाम विधाओं को भी एक साथ लाया जाएगा. साथ ही विदेशों के कलाकारों के साथ कुछ नया प्रयोग किया जा रहा है.

आयोजन के पहले दिन कथक की प्रस्तुति देने के लिए कनाडा से नृत्यांगना मारला गिल आईं. उन्होंने बताया कि मैं मूलत: हिंदुस्तानी हूं, लेकिन कनाडा में ही पली-बढ़ी हूं. भारतीय होने की वजह से मैं हमेशा अपने देश की संस्कृति से जुड़ी रहना चाहती थी. इसीलिए मैंने कथक सीखना शुरू किया. पिछले 25 वर्षों से मैं कथक से जुड़ी हुई हूं. आज मैं लखनऊ मैं उषा गुप्ता एंटोरेज ग्रुप के साथ आई हूं और यहां परफॉर्म कर रही हूं. इस आयोजन के म्यूजिक ग्रुप से जुड़े बेंगलुरु से आए म्यूजिक कंपोजर प्रवीण राव कहते हैं कि कथा की विधा में रिदम, लय और थाप को एक अलग ढंग में पिरोना और उस पर कत्थक की प्रस्तुति होना वाकई अद्भुत बात होती है. मैं पिछले कई वर्षों से ऐसे संगीत से जुड़ा हुआ हूं और मुझे बेहद खुशी होती है, जब एक नए म्यूजिक में भारतीय संस्कृति को प्रयोग कर दर्शकों के सामने बेहतरीन ढंग से पेश किया जाता है.

लखनऊः कथक नृत्य को आगे बढ़ाने के लिए 'लखनऊ इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स 2020' का आगाज उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में साल के पहले दिन हुआ. इस आयोजन में भारत समेत दुनिया भर के कई अन्य देशों से भी कथक कलाकार शामिल हो रहे हैं और अपने अलग-अलग तरह की प्रस्तुतियां दे रहे हैं.

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इस कार्यक्रम का आयोजन पंडित अनुज अर्जुन मिश्रा डांस अकादमी की ओर से किया जा रहा है. अकादमी के संस्थापक और डायरेक्टर पंडित अनुज मिश्रा ने बताया कि कत्थक और भारतीय नृत्य को विदेशों में भी अलग पहचान मिल चुकी है. फिर भी इसे और आगे बढ़ाने के लिए हमने लखनऊ में 4 दिन के अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल का आयोजन किया है. इसमें संगीत की तमाम विधाओं को भी एक साथ लाया जाएगा. साथ ही विदेशों के कलाकारों के साथ कुछ नया प्रयोग किया जा रहा है.

आयोजन के पहले दिन कथक की प्रस्तुति देने के लिए कनाडा से नृत्यांगना मारला गिल आईं. उन्होंने बताया कि मैं मूलत: हिंदुस्तानी हूं, लेकिन कनाडा में ही पली-बढ़ी हूं. भारतीय होने की वजह से मैं हमेशा अपने देश की संस्कृति से जुड़ी रहना चाहती थी. इसीलिए मैंने कथक सीखना शुरू किया. पिछले 25 वर्षों से मैं कथक से जुड़ी हुई हूं. आज मैं लखनऊ मैं उषा गुप्ता एंटोरेज ग्रुप के साथ आई हूं और यहां परफॉर्म कर रही हूं. इस आयोजन के म्यूजिक ग्रुप से जुड़े बेंगलुरु से आए म्यूजिक कंपोजर प्रवीण राव कहते हैं कि कथा की विधा में रिदम, लय और थाप को एक अलग ढंग में पिरोना और उस पर कत्थक की प्रस्तुति होना वाकई अद्भुत बात होती है. मैं पिछले कई वर्षों से ऐसे संगीत से जुड़ा हुआ हूं और मुझे बेहद खुशी होती है, जब एक नए म्यूजिक में भारतीय संस्कृति को प्रयोग कर दर्शकों के सामने बेहतरीन ढंग से पेश किया जाता है.
Intro:लखनऊ। भारत की संस्कृति को बढ़ाने में परंपरागत मृत्यु का अहम योगदान रहा है। कथक नृत्य को भी आगे बढ़ाने के लिए 'लखनऊ इंटरनेशनल फेस्टिवल ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स 2020' का आगाज उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में साल के पहले दिन हुआ। इस आयोजन में भारत समेत दुनिया भर के कई अन्य देशों से भी कथक कलाकार शामिल हो रहे हैं और अपने अलग-अलग तरह की प्रस्तुतियां दे रहे हैं।


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इस आयोजन को पंडित अनुज अर्जुन मिश्रा डांस एकेडमी की ओर से आयोजित किया जा रहा है। एकेडमी के संस्थापक और डायरेक्टर पंडित अनुज मिश्रा ने बताया कि यूं तो कत्थक और भारतीय नृत्य को विदेशों में भी अलग पहचान मिल चुकी है पर फिर भी इसे और आगे बढ़ाने के लिए हमने लखनऊ में आज से 4 दिन के अंतरराष्ट्रीय फेस्टिवल का आगाज किया है जिसमें संगीत की तमाम विधाओं को भी एक साथ में लाया जाएगा और कुछ नया जो विदेशों में भी प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन यहां पर शुरू नहीं हो पाया है, उसके बारे में भी लोगों को रूबरू कराया जाएगा।

आयोजन के पहले दिन कथक की प्रस्तुति देने के लिए कनाडा से आए कथक नृत्यांगना मारला गिल ने बताया कि मैं मूलत हिंदुस्तानी हूं लेकिन हमेशा सही कनाडा में ही पली-बढ़ी हूं। भारतीय होने की वजह से मैं हमेशा अपने देश की संस्कृति से जुड़े रहना चाहती थी और इसीलिए मैंने कथक सीखना शुरू किया और पिछले 25 वर्षों से मैं कथक से जुड़ी हुई हूं। आज मैं लखनऊ मैं उषा गुप्ता एंटोरेज ग्रुप के साथ आई हूं और यहां परफॉर्म कर रही हूं यह मेरे लिए बेहद गर्व की बात है।


Conclusion:इस आयोजन के म्यूजिक ग्रुप से जुड़े बेंगलुरु से आए म्यूजिक कंपोजर प्रवीण राव कहते हैं कि कथा की विधा में रिदम, लय और थाप को एक अलग ढंग में पिरोना और उस पर कत्थक की प्रस्तुति होना एक वाकई अद्भुत बात होती है। मैं पिछले कई वर्षों से ऐसे संगीत से जुड़ा हुआ हूं और मुझे बेहद खुशी होती है जब एक नए म्यूजिक में भारतीय संस्कृति को प्रयोग कर दर्शकों के सामने बेहतरीन ढंग से पेश किया जाता है।

बाइट- अनुज मिश्रा कथक गुरु
बाइट- मारला गिल, कथक नृत्यांगना, कनाडा
बाइट- प्रवीण राव, म्यूजिक, कंपोजर बेंगलुरु

रामांशी मिश्रा
9598003584
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